मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार डिजिटल इंडिया मिशन को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है। अब प्रदेश के 1990 से पहले के राजस्व अभिलेखों (Revenue Records before 1990) को भी डिजिटल फॉर्मेट में संरक्षित करने की तैयारी जोरों पर है। इसके लिए स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग (Stamp and Registration Department) द्वारा जल्द ही एक उपयुक्त संस्था का चयन किया जाएगा, जो इस अहम कार्य को अंजाम देगी।
चरणबद्ध तरीके से हो रहा है डिजिटलाइजेशन
प्रदेश में पुराने अभिलेखों की स्कैनिंग और डिजिटलाइजेशन (Scanning and Digitisation of Revenue Documents) का काम पहले से ही चरणबद्ध तरीके से चल रहा है। विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 2002 से 2017 तक के दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन अप्रैल 2025 तक 95 प्रतिशत पूरा हो चुका है। वहीं, 1990 से 2001 के बीच के अभिलेखों की प्रक्रिया यूपीडेस्को (UPDESCO) के जरिए टेंडर के चरण में है। अब योजना का तीसरा चरण शुरू होने जा रहा है, जिसमें 1990 से पहले के तमाम पुराने राजस्व अभिलेखों को स्कैन कर डिजिटल रूप दिया जाएगा। इससे इन्हें लंबे समय तक सुरक्षित रखने और आसानी से एक्सेस करने में मदद मिलेगी।
Central Record Room में शिफ्ट होंगे पुराने दस्तावेज
डिजिटलाइजेशन के बाद पुराने दस्तावेजों की हार्ड कॉपी को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें सेंट्रल रिकॉर्ड रूम (Central Record Room) में स्थानांतरित किया जाएगा। इससे उपनिबंधक कार्यालयों (Sub-Registrar Offices) में फाइलों के अंबार से मुक्ति मिलेगी और वहां जगह की उपलब्धता भी बढ़ेगी।
आम लोगों को मिलेगा सीधा लाभ
डिजिटल दस्तावेजों की उपलब्धता से आम लोगों को भी लाभ मिलेगा। अब उन्हें पुराने कागजों को ढूंढने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। ऑनलाइन माध्यम से ही वे आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे, जिससे समय और संसाधनों की बचत (Time and Resource Saving) होगी।
डिजिटल यूपी की ओर बढ़ता एक और कदम
यह पहल योगी सरकार की डिजिटल गवर्नेंस (Digital Governance) की उस सोच को दर्शाती है, जिसके तहत प्रशासनिक प्रक्रिया को पारदर्शी और सुलभ बनाया जा रहा है। राजस्व दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन उत्तर प्रदेश को तकनीकी रूप से और मजबूत बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत न केवल दस्तावेजों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि आम जनता को भी सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता और दक्षता का अनुभव मिलेगा। अब देखना यह है कि योगी सरकार की यह कोशिश डिजिटल यूपी (Digital UP) के सपने को कितनी तेजी से हकीकत में बदलती है।