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July 18, 2025

हिंदू-बौद्ध-सिख के अलावा अन्य SC प्रमाण पत्र होंगे रद्द, धर्मांतरण पर सख्त हुए महाराष्ट्र सीएम

The CSR Journal Magazine
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अनुसूचित जाति (SC) के तहत प्रमाणपत्र को लेकर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति हिंदू, बौद्ध या सिख धर्म के अलावा किसी और धर्म से होते हुए धोखे से अनुसूचित जाति (SC) का प्रमाणपत्र लेकर सरकारी नौकरी, चुनाव या अन्य आरक्षण लाभ ले रहा है तो उसका प्रमाणपत्र रद्द कर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने जबरन धर्मांतरण के मामले में भी सख्त कानून लाने की बात पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘ऐसे मामलों में भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत कार्रवाई की जा सकती है। कड़े प्रावधानों का सुझाव देने के लिए एक पैनल का गठन किया गया है। राज्य सरकार ऐसे मामलों से निपटने के लिए कड़े प्रावधान लाने की मंशा रखती है और हम जल्द ही इस पर फैसला लेंगे।’

SC सर्टिफिकेट को लेकर महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को कहा कि अगर हिंदू, बौद्ध और सिख धर्म के अलावा किसी अन्य धर्म के व्यक्ति ने अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र हासिल किया है, तो उसे रद्द कर दिया जाएगा। फडणवीस ने विधान परिषद में कहा कि अगर किसी व्यक्ति ने सरकारी नौकरियों जैसे आरक्षण का लाभ हासिल किया है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी व्यक्ति ने अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र का इस्तेमाल करके चुनाव जीता है, तो उसका चुनाव रद्द कर दिया जाएगा। भाजपा के नेता अमित गोरखे ने दावा किया है कि ‘पहचान छिपाने वाले ईसाई’ धार्मिक स्वतंत्रता का दुरुपयोग कर रहे हैं और लोग अनुसूचित जाति श्रेणी के तहत आरक्षण का लाभ उठाते हैं। ऊपरी तौर पर ये लोग अनुसूचित जाति से होते हैं लेकिन गुप्त रूप से अलग धर्म का पालन करते हैं।

चित्रा वाघ ने दिया सांगली मामले का उदाहरण

भाजपा नेता चित्रा वाघ ने कहा कि ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां महिलाओं को पति के धर्म को छिपाकर शादी में धोखा दिया गया था।
उन्होंने सांगली में एक मामले का हवाला दिया जहां एक महिला ने एक ऐसे परिवार में शादी की जो गुप्त रूप से ईसाई धर्म का पालन करता था। वाघ ने बताया कि महिला को यातना दी गई और उसे अपना धर्म बदलने के लिए मजबूर किया गया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई, जबकि वह सात महीने की गर्भवती थी।

गरीबों का जबरन धर्मांतरण किया जाता है- फडणवीस

गुरुवार को महाराष्ट्र विधान परिषद में देवेंद्र फडणवीस ने इस बात को स्वीकार किया कि धर्मांतरण की घटनाएं होती रहती हैं। फडणवीस ने कहा- “26 नवंबर, 2024 को सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा था कि केवल हिंदू, बौद्ध और सिख ही अनुसूचित जाति आरक्षण का लाभ उठा सकते हैं। अन्य धर्मों के लोग इसका लाभ नहीं उठा सकते। यदि किसी का जबरन या धोखे से धर्मांतरण किया जाता है, तो यह संविधान और कानून को स्वीकार्य नहीं है, यह एक गलत कृत्य है। यदि प्रलोभन देकर या लालच दिखाकर धर्मांतरण किया जाता है, तो यह स्वीकार्य नहीं है। यह सच है कि गरीब लोगों का धर्मांतरण किया जाता है।”

स्वेच्छा से धर्मांतरण पर कोई सवाल नहीं, ज़बरदस्ती नहीं चलेगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वेच्छा से कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म का पालन कर सकता है और सहमति से किसी अन्य व्यक्ति का धर्म परिवर्तन कर सकता है, लेकिन कानून धर्म परिवर्तन के लिए बल प्रयोग, धोखाधड़ी या प्रलोभन की अनुमति नहीं देता है। फडणवीस ने कहा, “धर्मांतरण के लिए जबरदस्ती या प्रलोभन की शिकायतों की जांच की जाएगी और संबंधित संगठन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्वीकार किया कि झुग्गी-झोपड़ियों में ऐसी घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार का सहमति से होने वाले धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगाने का कोई इरादा नहीं है।

शीतकालीन सत्र में लाया जाएगा नया कानून

सोमवार को, गृह राज्य मंत्री पंकज भोयर ने कहा था कि राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र में एक रूपांतरण विरोधी क़ानून लाएगा, और यह अन्य राज्यों में इसी तरह के क़ानूनों की तुलना में अधिक कठोर होगा।
प्रवीण दरेकर (भाजपा) ने दावा किया कि गरीब इलाक़ों और मलिन बस्तियों में लोगों को धर्मांतरण करने के लिए एक गुप्त अभियान चलाया जा रहा है, जिस पर नकेल कसने के लिए नए सख़्त क़ानून की ज़रूरत है।

धर्मांतरण के खिलाफ कड़े कानून लाने पर विचार

सीएम देवेंद्र फडणवीस ने विधान परिषद में जानकारी दी है कि राज्य में धोखाधड़ी और दबाव से धर्मांतरण की घटनाएं देखी गई हैं। जिन संस्थाओं से धर्मांतरण के संबंध में शिकायतें मिल रही हैं, उनकी जांच की जाएगी और निश्चित कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार जबरन या धोखे से किए जा रहे धर्मांतरण से संबंधित मामलों से निपटने के लिए कड़े प्रावधान लाने पर विचार कर रही है। इस बारे में जल्द ही फैसला ले लिया जाएगा। फडणवीस ने बताया है कि पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी को धोखाधड़ी या बलपूर्वक किए गए ऐसे धर्मांतरण के विरुद्ध कानून को और कठोर बनाने के लिए सुझाव देने को कहा गया है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी है। यह रिपोर्ट हाल ही में राज्य सरकार को मिली है। राज्य सरकार इसका अध्ययन करेगी और कानून में जरूरी बदलाव करेगी।

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