Sanwariya Seth Temple, एक ऐसा मंदिर जहां भगवान को चढाई जाती है अफ़ीम-Opium! मंदिर में चढ़ावे के रूप में जमा हुई 58 किलो से ज्यादा Opium को Narcotics Department ने अपने कब्ज़े में ले लिया। तकरीबन 4 घंटे तक चली इस कार्यवाही में Neemach,Mandsaur और Pratapgadh की Narcotics Team ने हिस्सा लिया।
Sawanriya Seth को मन्नत पूरी होने पर किसान चढ़ाते हैं अफ़ीम
Sanwariya Seth Temple को लेकर मान्यता है कि यहाँ जितना चढ़ाएंगे,आपका खजाना उतना ही भरता जाएगा, इसीलिए यहां के किसान और व्यापारी अपनी खेती से लेकर व्यापार तक, हर काम में Sawanriya Seth को पार्टनर बनाते हैं और अपनी कमाई में उनका हिस्सा रखते हैं। मेवाड़ और मालवा में किसान ज्यादातर अफ़ीम या Opium की खेती करते हैं। उपज अच्छी होने पर किसान कैश के साथ थोड़ी-सी अफ़ीम मंदिर के भंडार में चढ़ाते हैं। यह परंपरा काफी लंबे समय से चली आ रही है।
प्रसाद के रूप में बंटती है चढ़ावे की अफ़ीम
कुछ साल पहले तक चढ़ावे की अफ़ीम को मंदिर के पुजारी खुद भी इस्तेमाल करते थे और खास भक्तों को प्रसाद के रूप में बांटते भी थे। बाद में मंदिर मण्डल के प्रशासनिक अधिकारियों ने अफ़ीम को अपने कब्ज़े में लेकर मंदिर के तहखाने में जमा करना शुरू कर दिया। हाल फिलहाल में किसी RTI कार्यकर्ता की Narcotics विभाग में की गई शिकायत के बाद मंदिर का तहखाना खोलकर सारी अफ़ीम को सीज़ कर लिया गया जो 58 किलो से भी ज्यादा थी। भविष्य में हर चतुर्दशी पर पुलिस की निगरानी में Sanwariya Seth को चढ़ने वाली अफ़ीम को वज़न करके पुलिस को सौंप दिया जाएगा।
हर महीने करोड़ों का चढ़ावा चढ़ता है Sanwariya Seth Temple में
Sanwariya Seth Temple के चढ़ावे का भंडार हर महीने खोला जाता है। मंदिर में हर महीने औसतन 18 से 20 करोड़ का चढ़ावा चढ़ता है। जनवरी 2025 में 22.92 करोड़ का चढ़ावा आया था जिसमें सोना और चांदी भी शामिल है। इस मंदिर का भंडार हमेशा ऐसे ही भरा रहता है, क्यूंकि यहाँ के लोगों ने अपने हर काम में Sanwariya सेठ की हिस्सेदारी की हुई है.भगवान के साथ जितने प्रतिशत की पार्टनरशिप का कमिट्मन्ट किया जाता है, उतना हिस्सा चढ़ावे में चढ़ाया जाता हैऔर इस चढ़ावे की बाकायदा खाते में एंट्री की जाती है। राजस्थान के Chittorgarh-Udaypur highway से 40 किलोमीटर आगे Bhadsoda गांव में आप श्री कृष्ण के श्रीनाथ रूप का दर्शन कर सकते हैं।