क्रिकेट (Cricket) के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर सामाजिक सरोकारिता की दुनिया में भी खूब नाम कमा रहे है। सचिन तेंदुलकर की फाउंडेशन ने आंध्र प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश में बास्केटबॉल कोर्ट बनाने का फैसला किया है। सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन (Sachin Tendulkar Foundation) का ये कार्य भारत में जमीनी स्तर के बास्केटबॉल प्रोग्राम में वंचित बच्चों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन की इस पहल में हाई 5 यूथ फाउंडेशन भी मदद कर रही है। खेल के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए दोनों फाउंडेशन 2020 से सहयोग कर रहे हैं।
बास्केटबॉल खेल की बढ़ावा देने के लिए आगे आये सचिन तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन (एसटीएफ) आंध्र प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश में बास्केटबॉल कोर्ट (Top Basketball Courts) का निर्माण करेगा। यह सचिन तेंदुलकर के सहयोग से विकसित किया गया 5वां और 6वां बास्केटबॉल कोर्ट है। APSWR स्कूल जिसे डॉ. बीआर अंबेडकर गुरुकुलम स्कूल के नाम से भी जाना जाता है। ये लड़कियों का स्कूल है जिसका प्रबंधन आंध्र प्रदेश के समाज कल्याण विभाग द्वारा किया जाता है। डॉ. बीआर अंबेडकर गुरुकुलम स्कूल कक्षा 5 से 10 तक की लगभग 400 लड़कियों का घर है। यह स्कूल चित्तूर शहर में स्थित है, जहां Andhra Pradesh State Basketball Association राज्य शिविर आयोजित करता है और राष्ट्रीय टूर्नामेंटों के लिए टीमों को तैयार करता है।
आंध्र और अरुणाचल प्रदेश के बच्चे बनेंगे खेल में सशक्त
दूसरा कोर्ट आरकेएम स्कूल, आलो, अरुणाचल प्रदेश में बनाया जाएगा। आरकेएम स्कूल की स्थापना 1966 में हुई थी। ये स्कूल अरुणाचल प्रदेश में वंचित आदिवासी समुदाय के उत्थान, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और आजीविका पर केंद्रित है। यहां हाई 5 यूथ फाउंडेशन ने पहले ही 200 बच्चों को सक्रिय रूप से खेल प्रशिक्षण दे रहा है। इस सुदूर क्षेत्र की जरूरतों को पहचानते हुए, हाय 5 यूथ फाउंडेशन और Sachin Tendulkar Foundation ने सिंथेटिक फर्श के साथ एक बास्केटबॉल कोर्ट (Basketball Courts) बनाना शुरू कर दिया है।
भारत खेल देखने वाला देश नहीं, खेल खेलने वाला देश बने – सचिन तेंदुलकर
इस पहल के बारे में बात करते हुए सचिन तेंदुलकर ने कहा कि खेल न केवल एक शक्तिशाली उपकरण है बल्कि यह बच्चों को शारीरिक रूप से फिट रखता है। खेल चरित्र, आत्मसम्मान और आत्मविश्वास का भी निर्माण करता है। यह बच्चों को सशक्त बनाता है। हमारे फाउंडेशन के जरिये इन जरूरतमंद और हाशिये पर रहने वाले बच्चों को आवश्यक कौशल प्रदान करने की इस पहल समाज में सकारात्मक बदलाव लाएगा जो उन्हें सभी क्षेत्रों में जीतने में मदद करेगी। सचिन ने आगे कहा कि भारत को खेल देखने वाले देश से खेल खेलने वाले देश में बदलना है। बहरहाल सचिन तेंदुलकर के इस पहल से खेल को ना सिर्फ बढ़ावा मिलेगा बल्कि युवाओं को सशक्त बनाने में एक सही कदम भी साबित होगी।