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November 19, 2025

मुंबई बंधक कांड: मर गया रोहित आर्य, मगर जिंदा कर गया महाराष्ट्र की राजनीति

The CSR Journal Magazine
मुंबई के अंधेरी इलाके में हुए बंधक कांड का खलनायक रोहित आर्या को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया। अब वो इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसकी मौत ने महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल ला दिया है। शनिवार को पुलिस ऑपरेशन के दौरान गोली लगने से घायल रोहित आर्या ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। परंतु मरने से पहले छोड़े उसके वीडियो और बयान अब राजनीतिक तूफान खड़ा कर रहे हैं।

कौन था रोहित आर्या और उसने क्यों बनाया बच्चों को बंधक

पुणे का रहने वाला रोहित आर्या सरकारी स्कूलों में काम करने वाला कॉन्ट्रैक्टर था। उसे “माझी शाला, सुंदर शाला योजना” के तहत स्कूल मरम्मत का टेंडर मिला था। रोहित का कहना था कि उसने काम पूरा किया, लेकिन सरकार ने उसके 2 करोड़ रुपये का पेमेंट रोक दिया। इसी बकाया राशि को लेकर वह लंबे समय से आंदोलन कर रहा था। उसने कई बार शिक्षा विभाग से लेकर पूर्व शिक्षण मंत्री दीपक केसरकर तक गुहार लगाई। यहां तक कि मंत्री के घर के बाहर भूख हड़ताल भी की। लेकिन जब बात नहीं बनी, तो रोहित ने सिस्टम तक अपनी बात पहुंचाने के लिए 17 बच्चों को बंधक बना लिया।

मुंबई बंधक कांड: पुलिस एनकाउंटर में हुई मौत

शनिवार को अंधेरी के आरए स्टूडियो में रोहित ने बच्चों को बंधक बना लिया। उसने वीडियो जारी कर कहा, “मैं आतंकवादी नहीं हूं, मेरे कुछ नैतिक सवाल हैं, जिनके जवाब चाहिए।” पुलिस ने नेगोशिएशन की कोशिश की, लेकिन जब बात नहीं बनी तो फोर्सफुल एंट्री की गई। इस दौरान हुई फायरिंग में रोहित को गोली लगी। अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

क्या कहा सरकार और विपक्ष ने?

पूर्व शिक्षण मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि “रोहित को पैसे चेक से दिए गए थे, सरकार की तरफ से कोई बकाया नहीं है।” वहीं, कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट किया “सरकार की फाइनेंशियल लापरवाही की मार छोटे बच्चों पर पड़ी है। अगर बिल समय पर दिए जाते तो यह नौबत नहीं आती।” उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार की देरी से पेमेंट की नीति से पहले भी कई ठेकेदार आत्महत्या कर चुके हैं, अब यह घटना उसी लापरवाही का परिणाम है।

राजनीतिक संग्राम तेज

यह मामला अब पूरी तरह राजनीतिक रंग ले चुका है। विपक्ष का आरोप है कि शिंदे सरकार की फाइनेंशियल मिसमैनेजमेंट के कारण ठेकेदारों की स्थिति खराब है। कई महीनों से बिलों के पेमेंट लटके पड़े हैं, और इससे राज्य में आर्थिक अव्यवस्था फैल रही है। कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) ने मांग की है कि सरकार को इस घटना की न्यायिक जांच करानी चाहिए, ताकि यह साफ हो सके कि आखिर किस वजह से रोहित को इतने चरम कदम उठाने पड़े।

सिस्टम पर सवाल

रोहित आर्या के वीडियो में वह कहता है – “मैं सुसाइड करने नहीं आया, मैं सवाल पूछने आया हूं। मुझे गुस्सा मत दिलाओ।” उसकी ये बातें आज सिस्टम के लिए कड़वा आईना बन चुकी हैं। एक तरफ सरकार “सुशासन” और “विकास” की बात करती है, वहीं दूसरी ओर ऐसे ठेकेदार अपने काम का पैसा न मिलने पर जान देने को मजबूर हैं। रोहित आर्या भले अब इस दुनिया में नहीं रहा, लेकिन उसने अपने कदम से सरकार के ढांचे में आर्थिक और नैतिक जवाबदेही पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। मुंबई बंधक कांड अब सिर्फ एक आपराधिक मामला नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति का आईना बन गया है — जहां एक कॉन्ट्रैक्टर की मौत ने सत्ता के गलियारों को हिला कर रख दिया।
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