Home Header News देश में 70 हजार से अधिक अमृत सरोवरों का हुआ विकास, सीएसआर...

देश में 70 हजार से अधिक अमृत सरोवरों का हुआ विकास, सीएसआर की भूमिका अहम

564
0
SHARE
रंग लाई डीएम की मेहनत, सीएसआर से खुदवाए तालाब लबालब भरे, जल संरक्षण का सकारात्मक परिणाम
 
उत्तर भारत में गर्मी का प्रकोप जारी है। चिलचिलाती धूप में जहां ग्राउंड वॉटर का लेवल घट रहा है वहीं पीने के पानी की भी किल्लत हो रही है। इन सब से निपटने के लिए केंद्र सरकार समूचे देश में मिशन अमृत सरोवर चला रही है। मिशन अमृत सरोवर की मदद से केंद्र सरकार देश के सरोवरों और तालाबों को विकसित कर रही है। इस पहल में सीएसआर की भी भूमिका बहुत अहम है। कई ऐसे कॉरपोरेट्स है जो अपने सीएसआर के माध्यम से तालाब का गहरीकरण, नए तालाब बनवाने का काम कर रहे है। गौरतलब है कि ‘मिशन अमृत सरोवर’ के विकास का कार्य निरंतर तेज गति से हो रहा है। जिसमें उत्तर प्रदेश बहुत आगे निकल रहा है। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने Mission Amrut Sarovar का 80 फीसदी लक्ष्य पूर्ण कर लिया है। देश में अब तक 70158 स्थानों पर अमृत सरोवर विकसित किया गया है। इसमें उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर है।

अमृत सरोवर विकसित करने में उत्तर प्रदेश अव्वल, ये है दूसरे राज्यों का हाल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अमृत सरोवर विकसित करने में उत्तर प्रदेश अव्वल है। देश में कुल 70158 स्थानों पर अमृत सरोवर का काम पूरा हो चुका है। उत्तर प्रदेश में अमृत सरोवर निर्माण के लिए 24774  स्थान चिन्हित किए गए। इसमें से 21014 पर काम जारी है। 16909 स्थानों पर काम पूरा हो चुका है। जो लगभग 80 प्रतिशत है। वहीं मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर है। यहां 5821 कार्य पूर्ण हुए हैं। अमृत सरोवर योजना के तहत कर्नाटक में 4058, राजस्थान में 3138 सरोवरों का कार्य पूरा हो चुका है। जबकि महाराष्ट्र में यह आंकड़ा 3079 का है। उत्तर प्रदेश में अमृत सरोवर विकास का कार्य काफी तेजी से चल रहा है। 57691 ग्राम पंचायतों में से 16909 अमृत सरोवर का कार्य पूर्ण हो चुका है। यानी लगभग 30 फीसदी का लक्ष्य उत्तर प्रदेश ने निर्धारित किया था, जिसमें से 24.1 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिए गए।

अमृत सरोवर के विकसित होने से कम होगा जल संकट

केंद्र सरकार ने जल संकट से निजात दिलाने के लिए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग की अपील की है। Rain Water Harvesting जल संरचनाओं एवं अमृत सरोवर के कैचमेंट क्षेत्र का विकास कर पुनरुद्धार किया जाए, जिससे अमृत सरोवर एवं जल संरचनाओं में पानी की उपलब्धता बनी रहे। वर्षा जल का संचयन किया जा सके और जल संचयन हेतु मनरेगा योजनान्तर्गत अथवा राज्य वित्त/15वां वित्त के मध्य कन्वर्जेन्स करते हुए निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप नियमानुसार कार्यवाही कराई जाए। वहीं सरकार द्वारा अमृत सरोवर का कैचमेंट इम्प्रूवमेंट सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया, जिससे पर्याप्त मात्रा में वर्षा जल अमृत सरोवर में पहुंच सके। गांव का गंदा पानी अमृत सरोवर में न जाए, इसके लिए फिल्टरिंग चैम्बर का प्रावधान सुनिश्चित किया जाए। तालाब के चारों तरफ बांधों के निर्माण में सतहवार कम्पैक्शन सुनिश्चित किया जाए, जिससे बंधों का कटान न हो। सरकार के इस कदम से ना सिर्फ जल संरक्षण (Water Conservation) होगा बल्कि लोगों से पानी की समस्या से निजात भी मिलेगा।