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October 16, 2025

RBI ने लॉन्च किया ऑफलाइन डिजिटल रुपया ‘e₹’ अब बगैर इंटरनेट कर सकेंगे पेमेंट

The CSR Journal Magazine
RBI Offline Digital e₹: भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से मुंबई में आयोजित Global Finteck Fest- 2025 में ऑफलाइन डिजिटल रुपया लॉन्च किया गया। ऑफलाइन डिजिटल e₹ की खास बात यह है कि आप इंटरनेट या मोबाइल नेटर्वक के बिना भी डिजिटल पेमेंट कर पाएंगे। आप इसे कैश रुपयों की तरह की खर्च कर सकते है।

e₹ देगा बिना इंटरनेट, ऑफलाइन पेमेंट की सुविधा

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश के डिजिटल फाइनेंस सेक्टर में बड़ा बदलाव करते हुए ऑफलाइन डिजिटल रुपया e₹ की शुरुआत की है। अब लोग बिना इंटरनेट या कमजोर नेटवर्क वाले इलाकों में भी डिजिटल ट्रांजैक्शन कर सकेंगे। यह डिजिटल रुपया RBI द्वारा जारी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) है, जो नकद की तरह काम करती है और मोबाइल वॉलेट में सुरक्षित रहती है। e₹ के ज़रिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश की डिजिटल फाइनेंस यात्रा में एक बड़ा कदम उठाया है।

वित्‍तमंत्री ने की थी घोषणा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसी वर्ष 1 फरवरी 2022 को बजट पेश करते हुए आने वाले वित्त वर्ष में RBI द्वारा डिजिटल करेंसी या सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी जारी करने की घोषणा की थी। निर्मला सीतारमण ने कहा था कि डिजिटल रुपया लाने का फैसला भारतीय रिजर्व बैंक की सलाह से सोच-समझकर लिया गया है। RBI के डिजिटल करेंसी को कानूनी मान्यता हासिल होगी। पॉयलेट प्रोजेक्ट के लिए देश के 4 सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा को शामिल किया है।

क्या है डिजिटल रुपया e₹

डिजिटल रुपया या e₹, भारत की सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) है। इसे सीधे RBI जारी करता है, इसलिए इसमें वही भरोसा है जो नकद रुपये में होता है। यह डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है, जो बैंकों के जरिए उपलब्ध है। UPI की तरह यह बैंक खातों के बीच पैसे ट्रांसफर नहीं करता, बल्कि यह डिजिटल कैश की तरह काम करता है जिससे यूजर तुरंत किसी को पैसे भेज, प्राप्त या भुगतान कर सकते हैं। खास बात यह है कि e₹ वॉलेट से UPI QR कोड स्कैन करके भी पेमेंट किया जा सकता है, जिससे दुकानों पर भुगतान करना बेहद आसान हो जाता है।

डिजिटल e₹ ऐसे प्राप्त करें

खुदरा e₹ का निर्माण और निर्गमन कागजी मुद्रा जारी करने की व्यवस्था के समान है, अर्थात RBI e₹ का निर्माण करता है और उन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप से बैंकों और गैर-बैंकों को जारी करता है। इसके पश्चात, बैंक और गैर-बैंक अपने ग्राहकों के लिए उनके मोबाइल फोन पर e₹ वॉलेट खोलने और उन्हें ऑनबोर्ड करने की सुविधा प्रदान करने के लिए जिम्मेदार हैं। दिनांक 01 दिसंबर, 2022 से खुदरा खंड (आम जनता के लिए) के अंतर्गत e₹ जारी करना, वितरण और उपयोग पायलट मोड में लाइव है। देश भर में पहचाने गए पायलट बैंकों और गैर-बैंकों के उपयोगकर्ता और व्यापारी e₹ का उपयोग कर सकते हैं।

कौन-कौन से बैंक दे रहे e₹ वॉलेट सुविधा

फिलहाल 15 बैंक e₹ रिटेल पायलट में शामिल हैं और जनता को डिजिटल वॉलेट की सुविधा दे रहे हैं:
  • स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)
  • आईसीआईसीआई बैंक ICICI Bank
  • एचडीएफसी बैंक HDFC
  • आईडीएफसी फर्स्ट बैंक IDFC First Bank
  • कोटक महिंद्रा बैंक Kotak Mahindra
  • यूनियन बैंक ऑफ इंडिया Union Bank Of India
  • बैंक ऑफ बड़ौदा Bank Of Baroda
  • एक्सिस बैंक Axis Bank
  • इंडसइंड बैंक IndusInd Bank
  • केनरा बैंक Canara Bank
  • पंजाब नेशनल बैंक (PNB)
  • इंडियन बैंक Indian Bank
  • फेडरल बैंक Federal Bank
  • कर्नाटक बैंक Karnataka Bank
  • यस बैंक Yes Bank
इन बैंकों के e₹ ऐप गूगल प्ले स्टोर या एप्पल ऐप स्टोर से डाउनलोड किए जा सकते हैं। यूजर को बस मोबाइल नंबर से रजिस्टर करना होता है और वे व्यक्ति-से-व्यक्ति (P2P) या व्यक्ति-से-दुकानदार (P2M) ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। इसमें कोई फीस, न्यूनतम बैलेंस या ब्याज की आवश्यकता नहीं होती और मोबाइल खो जाने की स्थिति में वॉलेट रिकवर भी किया जा सकता है।

कैसे काम करता है ऑफलाइन डिजिटल e₹

डिजिटल रुपये की सबसे बड़ी खासियत इसका ऑफलाइन मोड है, जो खासकर ग्रामीण और दूरदराज इलाकों के लिए बनाया गया है। इसमें दो तरह के विकल्प हैं:
टेलीकॉम-असिस्टेड ऑफलाइन पेमेंट्स: जहां हल्का नेटवर्क सिग्नल पर्याप्त होता है।
NFC (Tap-to-Pay) पेमेंट्स: पूरी तरह बिना इंटरनेट या सिग्नल के भी काम करता है।
इससे लेनदेन किसी भी समय और कहीं भी हो सकता है, जैसे नकद लेनदेन में होता है। पेमेंट सीधे वॉलेट्स के बीच तुरंत पूरा हो जाता है, बैंक खाते तक पहुंच की जरूरत नहीं पड़ती।

प्रोग्रामेबल डिजिटल कैश

e₹ की एक और अनोखी सुविधा है प्रोग्रामेबल कैश, जिसमें सरकार या संस्थाएं पैसे को खास उद्देश्यों के लिए सीमित कर सकती हैं। जैसे:
गुजरात की G-SAFAL योजना: किसानों के लिए सहायता राशि सिर्फ कृषि इनपुट्स पर खर्च हो सके, इस तरह डिजाइन की गई है।
आंध्र प्रदेश की DEEPAM 2.0 योजना: LPG सब्सिडी प्रोग्रामेबल डिजिटल रुपये के रूप में दी जा रही है।
आगे चलकर इसका इस्तेमाल कॉरपोरेट पेमेंट्स, टारगेटेड लोन स्टेटमेंट और सब्सिडी योजनाओं में भी किया जा सकेगा।

भारत के डिजिटल भविष्य की दिशा e₹

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि आधार, UPI और DiGiLocker जैसे डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (DPI) ने भारत में वित्तीय समावेशन को नई ऊंचाई दी है। अब डिजिटल रुपया इस इकोसिस्टम की एक नई परत जोड़ता है, जो सुरक्षित, स्केलेबल और पारदर्शी डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देगा। RBI का मानना है कि e₹ भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था, को खासकर ग्रामीण और कम कनेक्टिविटी वाले इलाकों में मजबूत करेगा। इसकी ऑफलाइन और प्रोग्रामेबल फीचर्स के साथ, भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जिन्होंने एक ऐसी CBDC को लागू किया है जो इंटरनेट के बिना भी काम कर सकती है।
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