अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण अब अंतिम चरणों की ओर बढ़ रहा है। रामलला के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब मंदिर परिसर के परकोटे (प्राचीर) का निर्माण कार्य तेजी से प्रगति कर रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के नेतृत्व में निर्माण कार्य युद्धस्तर पर जारी है और अनुमान है कि नवंबर-दिसंबर 2025 तक पूरा मंदिर परिसर भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा।
आकार ले रहा श्री राम मंदिर का परकोटा
मंदिर के चारों ओर बनने वाला परकोटा अब सुंदर और भव्य आकार लेने लगा है। ट्रस्ट द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार यह परकोटा आयताकार होगा, जिसकी लंबाई 732 मीटर और चौड़ाई 14 फीट होगी। परकोटे का निर्माण उसी पिंक सैंड स्टोन (गुलाबी बलुआ पत्थर) से किया जा रहा है, जिसका उपयोग मुख्य मंदिर निर्माण में भी हुआ है। इस परकोटे की दीवारों पर भगवान श्रीराम के जीवन से जुड़ी लीलाओं की उत्कृष्ट नक्काशी की जा रही है, जो भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव देने के साथ-साथ सांस्कृतिक संदेश भी प्रदान करेंगी। इन नक्काशियों के माध्यम से श्रीराम के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
योगी आदित्यनाथ की विशेष निगरानी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस ऐतिहासिक कार्य की प्रगति पर व्यक्तिगत रूप से निगरानी रख रहे हैं। जब भी वह अयोध्या जाते हैं, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अधिकारियों और निर्माण एजेंसियों के साथ बैठक कर निर्माण की समीक्षा करते हैं और आवश्यक निर्देश देते हैं। मुख्यमंत्री की सक्रिय भूमिका और नेतृत्व में मंदिर निर्माण को नई गति मिली है। ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय और निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के मार्गदर्शन में निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है।
श्रीराम मंदिर बनेगा सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक
ट्रस्ट और सरकार दोनों की प्राथमिकता है कि मंदिर निर्माण गुणवत्ता और समयबद्धता के साथ पूरा हो। श्रीराम मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र होगा, बल्कि यह भारत की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत का भव्य प्रतीक भी बनेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि यह मंदिर भारत के स्वाभिमान और संस्कृति का प्रतीक है, और इसका निर्माण कार्य किसी भी स्तर पर धीमा नहीं होना चाहिए।
अयोध्या बन रही वैश्विक आध्यात्मिक नगरी
श्रीराम मंदिर के साथ-साथ अयोध्या को एक आधुनिक और विश्वस्तरीय आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित करने का कार्य भी जोरशोर से जारी है। योगी सरकार अयोध्या में आधारभूत संरचनाओं को मजबूत करने पर भी समान रूप से ध्यान दे रही है। सड़क, हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन, बस टर्मिनल, ठहरने की सुविधाएं और पर्यटन मार्गों का तेजी से विस्तार किया जा रहा है, जिससे देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो।
‘राम नगरी’ का वैश्विक प्रभाव
राम मंदिर निर्माण के साथ अयोध्या का महत्व सिर्फ धार्मिक दायरे में सीमित नहीं रहा। अब यह शहर सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और पर्यटन के वैश्विक नक्शे पर अपनी नई पहचान बना रहा है। विदेशी पर्यटकों और रामायण से जुड़े देशों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह केंद्र एक आध्यात्मिक आकर्षण बनता जा रहा है। मंदिर की भव्यता और उसके साथ हो रहे समग्र विकास कार्यों की चर्चा अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी हो रही है, जिससे ‘राम नगरी’ अयोध्या की प्रतिष्ठा विश्व भर में बढ़ी है।
राम मंदिर निर्माण से अयोध्या को मिल रहा नया जीवन
श्रीराम मंदिर का निर्माण सिर्फ एक धार्मिक स्थल की पुनर्स्थापना नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण है। योगी सरकार के नेतृत्व में अयोध्या न सिर्फ एक आध्यात्मिक नगरी बन रही है, बल्कि आधुनिक भारत की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में भी उभर रही है। परकोटे के निर्माण की तेजी, वास्तुशिल्प की भव्यता और सरकार की प्रतिबद्धता, यह सब मिलकर इस पवित्र भूमि को भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्थायी और प्रेरणादायक विरासत में बदल रही है।