राजस्थान की राज्य सरकार दिव्यांगजनों के कल्याण और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए नई योजनाओं पर जोर दे रही है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने राज्य दिव्यांगता सलाहकार बोर्ड की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लेते हुए सीएसआर पर जोर दिया है। बड़े उद्योगों के सीएसआर फंड को दिव्यांगों के पुनर्वास और सुविधाओं में लगाने का निर्णय लिया गया है। साथ ही, सुगम्य भारत अभियान के तहत सार्वजनिक स्थलों और सरकारी भवनों को दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
सीएसआर फंड पाने के लिए राजस्थान सरकार भेजेगी कॉरपोरेट्स को प्रपोजल
Rajasthan Government ने बड़े उद्योगों के सीएसआर फंड (CSR In Rajasthan) को दिव्यांगजन कल्याण के लिए उपयोग करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए प्रदेश की Corporates को CSR Proposal भेजने की प्रक्रिया शुरू की है। सरकार ने दिव्यांगजनों को मुख्यधारा में लाने का संकल्प लिया है। ऐसे में यूडीआईडी कार्ड बनाने की प्रक्रिया में भी तेजी लाने के लिए विशेष कैंप आयोजित किए जाएंगे।
सुगम्य भारत अभियान में मिलेंगे नए आयाम
सुगम्य भारत अभियान के तहत सार्वजनिक भवनों, धार्मिक स्थलों और सरकारी परिसरों को दिव्यांगजनों के लिए बाधारहित बनाने की भी तैयारी की जा रही है। पूरे प्रदेश में अभियान को नया रूप देने पर जोर दिया जा रहा है। यूडीआईडी कार्ड की प्रक्रिया आसान होगी, इसके लिए कैंप भी लगाए जाएंगे। आधार कार्ड जैसी तेजी से अब दिव्यांगजनों के लिए यूनिक यूडीआईडी कार्ड बनाए जाएंगे। पंचायत स्तर से लेकर जिलों तक विशेष कैंप आयोजित होंगे। दिव्यांगता बाधा नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत का अवसर है। सरकार उनके लिए हर संभव प्रयास कर रही है।