जिन विषयों पर लाल फीता शाही भारी होती है, जिन विषयों को फंड की कमी से सरकार द्वारा नज़रअंदाज कर दिया जाता है। उन्ही महत्वपूर्ण विषयों पर सीएसआर फंड का इस्तेमाल कर समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा रहा है। एजुकेशन के बाद अगर सबसे ज्यादा CSR Funds का इस्तेमाल किया जाता है तो वो है हेल्थ। स्वास्थ्य पर सरकारों द्वारा कितना ध्यान दिया गया और फिर कितना इंफ्रास्ट्रक्चरल बदलाव हुआ ये सब हमने कोरोना की महामारी में देख लिया।
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की पहल से राजस्थान में सीएसआर संभव
कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी की मदद से लाखों जरूरतमंदों की जिंदगियों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है। ऐसे ही बदलाव लेकर आ रहे है स्पीकर ओम बिरला जिनके प्रयासों से सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन अपने सीएसआर फंड का इस्तेमाल करेगी और हेल्थ सेक्टर में बड़े पैमाने पर अपने सीएसआर फंड का योगदान देगी। सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन 1.38 करोड़ का सीएसआर फंड देने की घोषणा की है। ये सीएसआर फंड राजस्थान के दौसा, करौली, कोटा, बूंदी जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च किये जायेंगे।
Rajasthan में स्वास्थ्य पर खर्च कर रही है सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन अपना सीएसआर फंड
The CSR Journal को मिले दस्तावेजों के अनुसार केंद्रीय भंडारण निगम (Central Warehousing Corporation) ने Rajasthan के दौसा, करौली, कोटा, बूंदी जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर सूचित किया है कि उनके जिले में क्या-क्या Corporate Social Responsibility के एक्टिविटीज होंगे। पत्र के अनुसार करौली, बूंदी और कोटा में 26-26 लाख खर्च कर के सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन एडवांस लाइफ सपोर्ट व्हीकल देगा। इसके साथ ही दौसा में एक टेनिस कोर्ट बनाने के लिए 20 लाख देगी।
सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन बांदीकुई के BCHMO सरकारी अस्पताल को एडवांस लाइफ सपोर्ट व्हीकल और 40 हॉस्पिटल बेड देगी जिसकी कुल लागत 34 लाख रुपये है। BN Joshi गवर्नमेंट स्कूल में 1 हज़ार बच्चों के लिए RO प्लांट लगाएगी जिसकी कुल लागत 6 लाख होगी। केंद्रीय भंडारण निगम (Central Warehousing Corporation) के इस पहल से राजस्थान के ग्रामीण और दुर्गम भागों के स्वास्थ्य सेवाओं में मजबूती आएगी व गंभीर रोगियों के लिए अत्याधुनिक एम्बुलेंस की सुविधाएं मिल पाएगी।