महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर ठाकरे बंधुओं की नज़दीकी की हलचल तेज हो गई है। रविवार, 27 जुलाई को शिवसेना (ठाकरे गुट) के प्रमुख उद्धव ठाकरे के जन्मदिन पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे 13 साल बाद ‘मातोश्री’ पहुंचे। ये मुलाकात सिर्फ एक औपचारिक शुभकामना भेंट नहीं थी, बल्कि भावनाओं, पुरानी यादों और संभावित राजनीतिक समीकरणों की झलक देने वाली थी।
13 साल बाद ‘मातोश्री’ में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की हुई मुलाकात
राज ठाकरे जब ‘मातोश्री’ पहुंचे, तो उन्होंने गुलाबों का बुके देकर उद्धव ठाकरे को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। इसके बाद दोनों भाइयों ने गर्मजोशी से गले मिलकर पुराने रिश्ते की एक झलक दी। यह दृश्य देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति भावुक हो गया।
बाला साहेब की याद में दोनों हुए भावुक, 20 मिनट तक चली बातचीत
शिवसेना के संस्थापक और हिंदुहृदयसम्राट बाला साहेब ठाकरे की यादों को ताज़ा करने दोनों भाई उनके कमरे में गए और उनके आसन के सामने नतमस्तक हुए। इस दौरान पुराने दिनों की बातें हुईं और बाला साहेब द्वारा बनाए गए व्यंगचित्रों पर भी चर्चा हुई।
20 मिनट तक चली दिल से दिल की बात
राज ठाकरे ‘मातोश्री’ में लगभग 20 मिनट तक रुके। इस दौरान दोनों भाई खुलकर बातें करते नजर आए। सूत्रों के मुताबिक, यह बातचीत केवल औपचारिक नहीं थी, बल्कि उसमें निजी भावनाओं के साथ-साथ वर्तमान राजनीतिक हालात पर भी चर्चा हुई। दोनों ने अपने पुराने दिनों की यादें भी साझा कीं।
बाहर तक छोड़ने आए उद्धव
राज ठाकरे जब वहां से निकलने लगे, तो उद्धव ठाकरे उन्हें दरवाज़े तक छोड़ने आए। दोनों ने एक बार फिर साथ मिलकर हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया। यह पल न सिर्फ कैमरों में कैद हुआ, बल्कि लोगों के दिलों में भी एक उम्मीद की तरह बस गया। 5 जुलाई को मुंबई के वर्ली डोम में मराठी भाषा के समर्थन में हुए एक मंच पर दोनों ठाकरे बंधु 20 साल बाद एक साथ नजर आए थे। अब ‘मातोश्री’ की इस मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है कि आने वाले मुंबई महानगरपालिका चुनावों (BMC Elections) के लिए शिवसेना (ठाकरे गुट) और मनसे एक साथ आ सकते हैं। हालांकि अभी तक इस मुलाकात को केवल पारिवारिक और भावनात्मक बताया गया है, लेकिन राज ठाकरे की 13 साल बाद ‘मातोश्री’ पर उपस्थिति को राजनीति के जानकार आने वाले गठबंधन की संभावनाओं के रूप में देख रहे हैं।
क्या बनेगा गठबंधन? चर्चाओं को मिली हवा
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की यह मुलाकात सिर्फ एक जन्मदिन की शुभकामना नहीं थी, बल्कि भावनाओं, भाईचारे और राजनीति का ऐसा संगम थी जिसने महाराष्ट्र की राजनीति में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है। जनता अब यह जानना चाहती है कि क्या यह मेलजोल सिर्फ एक दिन के लिए था या आने वाले चुनावों में इसका असर भी दिखेगा।