Punjab Pakistan Rain Emergency: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बीते 24 घंटों में हुई मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। तेज बारिश और उससे जुड़ी घटनाओं में अब तक 63 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रांतीय सरकार ने राज्य के कई हिस्सों में ‘वर्षा आपातकाल’ घोषित कर दिया है।
चकवाल बना केंद्र बिंदु
PDMA ने बताया कि लाहौर, फैसलाबाद, ओकारा, साहीवाल, पाकपट्टन और चकवाल में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। इन इलाकों में 125 से ज्यादा घर भी क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। घायलों का इलाज जारी है और अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सभी चिकित्सा इकाइयों को चौकस रहने के निर्देश दिए गए हैं। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र चकवाल है, जो लाहौर से लगभग 300 किलोमीटर दूर प्रांत का नमक रेंज क्षेत्र है, पिछले 24 घंटों में 423 मिलीमीटर बारिश हुई है, जिससे क्षेत्र में बाढ़ आई है।
पाकिस्तान के पंजाब में ‘वर्षा आपातकाल’ घोषित
पिछले 24 घंटों में पाकिस्तान के पंजाब में मूसलाधार बारिश ने 63 लोगों की जान ले ली, जिससे प्रांतीय सरकार को विभिन्न हिस्सों में “वर्षा आपातकाल” घोषित करना पड़ा। प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (PDMA) ने यहां एक बयान में कहा, “सैन्य और स्थानीय प्रशासन के समर्थन से अचानक बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए चकवाल में एक बचाव अभियान चल रहा है।”
पूरे पंजाब में अलर्ट, मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश
पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने हालात को देखते हुए रावलपिंडी समेत अन्य जिलों में वर्षा आपातकाल लागू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है। प्रांतीय सरकार ने एक बयान में कहा कि जिला प्रशासन, पुलिस और बचाव दलों को पूरी तरह से सक्रिय कर दिया गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। इसके साथ ही नदियों और नालों में जलस्तर के बढ़ने की आशंका को देखते हुए पहले से ही चेतावनी जारी कर दी गई है।
26 जून को मानसून की पहली बारिश के बाद से अब तक पूरे पाकिस्तान में बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की कुल संख्या 170 पहुंच गई है। इनमें से सबसे ज्यादा मौतें पंजाब में हुई हैं, जो इस आपदा का केंद्र बना हुआ है।
NDMA ने लोगों को सावधान और सुरक्षित रहने की सलाह दी
पाकिस्तान में मानसून की बारिश के बीच अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि कई जगह तेज बारिश से नदियों का पानी बढ़ सकता है। कुछ कमजोर इलाकों में बाढ़ आने की भी आशंका जताई गई है। पाकिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और पंजाब की प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (PDMA) ने लोगों से सावधान रहने और पानी भरे हुए इलाकों में जाने से बचने की अपील की है।
अरब सागर से आई नमी की वजह से पंजाब में मॉनसून एक्टिव है। लाहौर में रुक-रुक कर बारिश हो रही है, जिससे नमी (Humidity) बढ़ गई है। NDMA के अनुसार, 26 जून से अब तक देशभर में मूसलाधार बारिश और अचानक आई बाढ़ के कारण कम से कम 170 लोगों की जान चली गई है और 185 अन्य घायल हो गए हैं। पंजाब प्रांत में सबसे अधिक 37 मौतें हुईं, जिनमें 20 बच्चे शामिल हैं, इसके बाद खैबर पख्तूनख्वा में 30 लोगों की जान गई।
पंजाब की प्रमुख नदियों के उफान पर आने की संभावना
पाकिस्तान के NDMA के अनुसार सिंधु, काबुल, झेलम और चिनाब सहित सभी प्रमुख नदियों में पानी का बहाव बढ़ने की संभावना है। बलूचिस्तान के झल मागसी, कच्छी, सिबी, किल्ला सैफुल्लाह, झोब और मुसाखेल जिलों में अचानक बाढ़ आने की संभावना है। वहीं, दक्षिणी बलूचिस्तान के खुजदार, अवारन, लासबेला और कालात जिलों में भी स्थानीय बाढ़ का खतरा बना हुआ है।
नदियों, नालों के पास रहने वाले लोगों को सावधान रहने की सलाह दी गई है, खासकर भारी बारिश और रात में बाढ़ आने पर! बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों से कहा गया है कि वे सुरक्षित रास्ते पहले से देख लें और अपने कीमती सामान, गाड़ियां और पशुओं को ऊंची जगह पर रख दें।
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