उत्तर प्रदेश की अमेठी से सांसद Rahul Gandhi ने एक बड़ा फैसला लिया है। लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि वह 22 बच्चों को गोद लेंगे। ये वे बच्चे हैं जिन्होंने पहलगाम हमले के बाद हुए भारत-पाकिस्तान संघर्ष में अपने माता-पिता को खो दिया। राहुल गांधी ने कहा कि 22 अप्रैल को हुए पुंछ के आतंकी हमले में बच्चों के माता-पिता मारे गए और वे अनाथ हो गए।
ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए लोग, अनाथ हुए बच्चे
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के ऑपरेशन सिंदूर चलाकर भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था। वहीं, अब भारत के संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा जारी है और विपक्ष सरकार को घेरने की कवायद में लगी हुई है। लेकिन इस बीच विपक्ष के नेता राहुल गांधी को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। खबर है कि राहुल गांधी दो दर्जन बच्चों को गोद लेंगे। बता दें कि ये बच्चे उन्हीं लोगों के मासूम हैं जिन्होंने भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान अपनी जान गवां दी। अब राहुल गांधी ने इन बच्चों परिजन बनेंगे।
बच्चों का कैरियर बनाने तक की ज़िम्मेदारी ली राहुल गांधी ने
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद करा ने बताया कि ”राहुल गांधी पुंछ जिले के 22 बच्चों की शिक्षा का पूरा खर्च उठाएंगे। ये वे बच्चे हैं जिन्होंने या तो अपने दोनों माता-पिता या परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य को खो दिया है।” करा ने बताया, “पहली किस्त की सहायता राशि बुधवार को जारी की जाएगी ताकि इन बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो। यह सहायता तब तक जारी रहेगी जब तक बच्चे स्नातक नहीं कर लेते।” ज्ञात हो कि राहुल गांधी ने मई में पुंछ का दौरा किया था, जहां उन्होंने स्थानीय कांग्रेस नेताओं से इन प्रभावित बच्चों की सूची तैयार करने को कहा था। इसके बाद एक सर्वे कराया गया और सरकारी रिकॉर्ड की पुष्टि के बाद अंतिम सूची बनाई गई।
पुंछ दौरे के दौरान लिया फैसला
पुंछ दौरे के दौरान राहुल गांधी ने भारत-पाकिस्तान हमले के दौरान मारे गए लोगों के बच्चों से मुलाकात की थी और इस दौरान उन्होंने कहा कि “मैं तुम पर बहुत गर्व महसूस करता हूं। तुम्हें अपने छोटे दोस्तों की बहुत याद आती होगी, मुझे इसका दुख है। अब तुम्हें थोड़ा डर भी लगता होगा, लेकिन घबराओ मत, सब कुछ फिर से सामान्य हो जाएगा। तुम्हारा जवाब इस घटना को लेकर यह होना चाहिए कि तुम खूब मन लगाकर पढ़ाई करो, दिल खोलकर खेलो और स्कूल में बहुत सारे दोस्त बनाओ।”
पुंछ में स्कूल पर हुए हमले में घायल हुए बच्चे
ज्ञात हो कि पुंछ शहर पाकिस्तान की ओर से हुई भारी गोलाबारी से सबसे अधिक प्रभावित रहा। धार्मिक स्कूल जिया उल उलूम पर हुए हमले में आधा दर्जन से अधिक बच्चे घायल हो गए थे। इस हमले में वीहान भार्गव नाम के बच्चे की मौत उस वक्त हो गई जब उसका परिवार शहर छोड़ने की कोशिश कर रहा था और उसे शेलिंग के दौरान छर्रे लगे। राहुल ने क्राइस्ट पब्लिक स्कूल का भी दौरा किया था, जहां 12 साल के जुड़वां बच्चे उरबा फातिमा और जैन अली भी हताहत हुए थे। उन्होंने बच्चों से खूब पढ़ने को कहा था।
खबर के अनुसार, सहायता राहुल गांधी की ओर से व्यक्तिगत रूप से दी जाएगी, सरकारी सहायता की कोई जानकारी नहीं दी गई है। पार्टी नेताओं ने सर्वेक्षण और सरकारी रिकॉर्ड की जांच के बाद बच्चों के नाम तय किए हैं।
भारत-पाक तनाव के बीच राहुल ने उठाया राहत का कदम
राहुल गांधी का यह कदम, जहां एक नेता की छवी का प्रतीक है, वहीं दूसरी ओर यह राजनीतिक संदेशों से भी भरा हुआ है। खासकर ऐसे समय में, जब राष्ट्रीय सुरक्षा, सीमा संघर्ष और कश्मीर नीति जैसे मुद्दे केंद्र की सत्ता का प्रमुख नैरेटिव बन चुके हैं। राहुल गांधी का यह कदम न केवल राजनीतिक रूप से एक महत्वपूर्ण संकेत देता है, बल्कि एक संवेदनशील और मानवीय पहल भी है, जो उन बच्चों को न सिर्फ सुरक्षा, बल्कि भविष्य की उम्मीद भी देता है। ऐसे समय में जब सीमावर्ती इलाकों के बच्चे लगातार तनाव, विस्थापन और असुरक्षा से जूझ रहे हैं, यह पहल उनके जीवन में नया मोड़ और स्थिरता ला सकती है।
22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद शुरू हुई जंग
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को पाकिस्तानी आतंकियों ने अचानक हमला कर 26 निर्दोष पुरुष पर्यटकों का धर्म पूछकर गोली मार दी थी। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान से राजनयिक रिश्ते तोड़ लिए और सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया। भारतीय सेना ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू कर पाकिस्तान के अंदर 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। इसके बाद पाकिस्तान ने भी गोलाबारी की, जिसमें सीमावर्ती इलाकों के कई नागरिक मारे गए। पाकिस्तान ने अपने नुकसान के बाद 10 मई को युद्धविराम की पेशकश की।
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