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December 6, 2025

Rabies Alert: Dog Bite हमारे लिए कितना खतरनाक हो सकता है — आइए एक True Incident से समझते हैं

The CSR Journal Magazine
हाल ही में CDC (Centers for Disease Control and Prevention) ने भारत और हाइटी को रैबीज‑जोखिम वाले देशों की सूची में शामिल करते हुए यात्रियों के लिए चेतावनी जारी की है। रैबीज एक जानलेवा वायरल बीमारी है, जो मुख्य रूप से संक्रमित जानवरों जैसे कुत्तों, बिल्लियों और जंगली जीवों के काटने, खरोंच या लार के संपर्क से फैलती है। CDC के अनुसार, भारत में रैबीज का खतरा बहुत अधिक है और हाल ही में एक अमेरिकी यात्री भारत से लौटने के बाद रैबीज से संक्रमित पाया गया। भारत में खतरनाक स्थिति यह है कि कुछ शहरों में नकली रैबीज वैक्सीन (“ABHAYRAB”) का प्रचलन पाया गया है। ऐसे वैक्सीन न तो सुरक्षा प्रदान करते हैं और न ही प्रभावी उपचार का विकल्प हैं। इस वजह से यात्रियों और स्थानीय लोगों दोनों के लिए जोखिम और बढ़ गया है।

रैबीज के लक्षण (Symptoms of Rabies)

रैबीज संक्रमण के शुरुआती लक्षण अक्सर हल्के और सामान्य दिखाई देते हैं। इनमें शामिल हैं: काटे या खुरचे हुए हिस्से पर जलन और दर्द, बुखार, सिरदर्द, कमजोरी, घबराहट, बेचैनी या नींद में समस्याI जैसे-जैसे संक्रमण बढ़ता है, पेशेंट को ऐंठन, जलन या पानी पीने में डर (hydrophobia), और भ्रम जैसी गंभीर समस्याएं होती हैं। CDC के अनुसार, यदि लक्षण प्रकट हो जाएं तो रैबीज लगभग हमेशा घातक साबित होती है।

उदाहरण के तौर पर

Brijesh Solanki उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के फराना गांव के युवा कबड्डी खिलाड़ी थे। फरवरी 2025 में उन्होंने राज्य‑स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता। मार्च 2025 में उन्होंने एक पिल्ले को बचाया, जिसे काटने के बाद उन्होंने एंटी‑रेबीज वैक्सीन नहीं लगवाई। जून 2025 में रैबीज के लक्षण दिखाई देने पर इलाज संभव नहीं हो सका और 27‑28 जून को उनकी मृत्यु हो गई। उनकी मौत ने रैबीज की गंभीरता और समय पर इलाज की आवश्यकता उजागर की।

रैबीज से बचाव और टीकाकरण (Prevention & Vaccine)

CDC और भारतीय स्वास्थ्य विभाग की सलाह यह है कि: किसी भी अनजान या आवारा जानवर को छूने से बचें। अगर यात्रा ग्रामीण या जंगली क्षेत्रों में हो, या जानवरों के संपर्क की संभावना हो, तो पहले से रैबीज का टीका लगवाएं। काटने या खरोंच लगने पर तुरंत साबुन और पानी से धोएं और तत्काल चिकित्सकीय सहायता लें। भारत में नकली वैक्सीन के मामले को ध्यान में रखते हुए केवल प्रमाणित वैक्सीन का ही इस्तेमाल करें।
हरिद्वार में भी सरकारी अस्पतालों में एंटी‑रैबीज वैक्सीन की कमी की खबर थी। हालांकि अब प्रदेश स्तर पर वैक्सीन उपलब्ध हो चुकी है और लैब में टेस्टिंग के बाद जल्द ही अस्पतालों में इसकी सप्लाई शुरू हो जाएगी। डॉ. आरके सिंह, CMO, हरिद्वार ने बताया कि अस्पतालों में मरीजों को वैक्सीन लगवाने में अब परेशानी नहीं होगी।

हाइटी में स्थिति

हाइटी में भी कुत्तों और कुछ जंगली जानवरों के माध्यम से रैबीज का खतरा है। वहां उच्च गुणवत्ता वाले पोस्ट‑एक्सपोजर उपचार की सीमित उपलब्धता इसे और खतरनाक बनाती है। अतः यात्रियों को वही सावधानियां अपनानी चाहिए जो भारत में जरूरी हैं।

रैबीज का गंभीर खतरा

रैबीज वायरस केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। अगर समय पर उपचार नहीं किया गया, तो यह लगभग हमेशा मृत्यु का कारण बनता है। रैबीज एक अदृश्य लेकिन जानलेवा खतरा है। चाहे यह भारत की सड़कों पर आवारा कुत्ते हों या हाइटी की गलियों में बिल्लियां, कोई भी छोटा सा संपर्क जीवन के लिए गंभीर हो सकता है। समय पर टीकाकरण, सतर्कता और उचित चिकित्सकीय कार्रवाई ही इसे रोका जा सकता है। यह न केवल आपकी सुरक्षा बल्कि आपके परिवार और समुदाय के लिए भी महत्वपूर्ण है।
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