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May 18, 2025

भारत के प्रथम गांव माणा में 12 वर्षों बाद पुष्कर कुंभ का आयोजन 

India’s First Village Maana: चमोली जिले की सीमा पर स्थित भारत के प्रथम गांव माणा के केशव प्रयाग में 12 वर्षों बाद विधि-विधान के साथ पुष्कर कुंभ का आयोजन शुरु हो गया है, जिसे लेकर बद्रीनाथ धाम के साथ ही माणा गांव में बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों की आवाजाही बढ़ गई है। पुष्कर कुंभ के आयोजन को लेकर जिला प्रशासन के साथ पुलिस प्रशासन की ओर से यहां तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
इस संबंध में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि तीर्थ स्थल न केवल हमारी धार्मिक आस्था के केंद्र हैं, बल्कि ये देश की एकता और सांस्कृतिक एकजुटता के भी प्रतीक हैं। विभिन्न स्थानों से आने वाले श्रद्धालु इन स्थलों पर एकत्र होकर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को साकार करते हैं। इसी क्रम में माणा गांव में आयोजित पुष्कर कुंभ, उत्तर को दक्षिण से जोड़ रहा है।

 भारत के पहले गांव माणा का पौराणिक इतिहास

India’s First Village Maana: जिलाधिकारी श्री संदीप तिवारी ने बताया कि माणा गांव के केशव प्रयाग में आयोजित पुष्कर कुंभ को लेकर पैदल मार्ग का सुधारीकरण किया गया है। यहां पैदल मार्ग पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विभिन्न भाषाओं में साइन बोर्ड लगाए गए हैं। इसके साथ ही कुंभ के सुचारु संचालन के लिए जहां पैदल मार्ग पर पुलिस की तैनाती की गई है, वहीं संगम तट पर SDRF के जवानों की तैनाती भी की गई है। उन्होंने बताया कि तहसील प्रशासन को पुष्कर कुंभ के आयोजन को लेकर व्यवस्थाओं को सुचारु बनाए रखने के लिए नियमित मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिए गए हैं।
India’s First Village Maana: चमोली जिले की सीमा पर स्थित गांव माणा में 12 वर्ष बाद पुष्कर कुंभ का आयोजन किया जा रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जब 12 वर्ष में बृहस्पति ग्रह मिथुन राशि में प्रवेश करता है, तो माणा गांव स्थित अलकनंदा और सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित केशव प्रयाग में पुष्कर कुंभ का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन में मुख्य रुप से दक्षिण भारत के वैष्णव मतावलम्बी प्रतिभाग करते हैं।
हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माणा गांव के पास स्थित केशव प्रयाग में महर्षि वेदव्यास ने तपस्या करते हुए हिन्दू धर्म के पौराणिक ग्रंथ महाभारत की रचना की थी। यह भी कहा जाता है कि दक्षिण भारत के महान आचार्य रामानुजाचार्य और माध्वाचार्य ने इसी स्थान पर मां सरस्वती से ज्ञान प्राप्त किया था, जिसके चलते अपनी पौराणिक परंपराओं के संरक्षण के लिए लोग बद्रीनाथ धाम के समीप स्थित माणा गांव पहुंच कर केशव प्रयाग में स्नान कर पूजा अर्चना करते हैं। माणा गांव को पवित्र सरस्वती नदी के एकमात्र दर्शन स्थल के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त है।

कहां हो रहा पुष्कर कुंभ

India’s First Village Maana: पुष्कर कुंभ उत्तराखंड के बद्रीनाथ धाम के पास मौजूद माणा गांव में हो रहा है। अलकनंदा और सरस्वती नदी के संगम पर एक बार फिर से भक्ति का सैलाब उमड़ रहा है। पुष्कर सिंह धामी ने पोस्ट में लिखा कि श्री बद्रीनाथ धाम के पास भारत के पहले गांव माणा में 12 साल बाद पुष्कर कुंभ शुरू हुआ है। अलकनंदा और सरस्वती नदियों के पवित्र संगम पर आस्था का यह महान उत्सव हमारी सनातन परंपराओं की दिव्यता का जीवंत उदाहरण है। पुष्कर सिंह धामी ने पुष्कर कुंभ के लिए आए श्रद्धालुओं का स्वागत भी किया। उन्होंने लिखा कि इस पावन अवसर पर पुष्कर कुंभ के लिए देवभूमि आए सभी श्रद्धालुओं का राज्य सरकार की ओर से हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है।
India’s First Village Maana: इससे दो दिन पहले सीएम धामी अल्मोड़ा के लमगड़ा स्थित डोल आश्रम में श्री कल्याणिका हिमालय देवस्थानम ट्रस्ट के स्थापना महोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए थे। यहां आश्रम में सीएम धामी ने कन्या पूजन कर मां राजेश्वरी का अभिषेक किया और देश के साथ प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। धामी ने कहा कि डोल आश्रम में उन्हें हमेशा दिव्यता का एहसास होता है। उन्होंने कहा कि यह आश्रम पूरे विश्व में भारत की सांस्कृतिक भक्ति का केंद्र बनेगा। पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस आश्रम की दिव्यता देखने के लिए भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया से लोग उत्तराखंड आएंगे। यहां लोगों को शांति, आध्यात्म और संस्कृति जानने का मौका मिलेगा।

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