नेपाल के काठमांडू में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहा है। प्रदर्शनकारी सोशल मीडिया पर बैन लगाए जाने और भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। कुछ प्रदर्शनकारी नेपाल की संसद भवन में घुस गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। यह विरोध केवल सोशल मीडिया पर प्रतिबंध का विरोध नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार और बेरोजगारी जैसी गहरी समस्याओं के खिलाफ भी है।
नेपाल में Gen-Z ने किया सोशल मीडिया बैन के ख़िलाफ़ प्रदर्शन
नेपाल में करप्शन और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ हजारों Gen-Z की भीड़ संसद भवन में घुस गई है। पुलिस भी प्रदर्शनकारियों के साथ सख्ती से पेश आ रही है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने कुछ लोगों पर वाटर कैनन और आंसू गैस के गोलों का भी इस्तेमाल किया है। खबर यह भी है कि कुछ युवाओं की पुलिस के साथ हाथापाई भी हुई है। हालात को काबू में करने की कोशिश में काठमांडू जिला प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया है। एक नोटिस जारी करते हुए प्रशासन ने काठमांडू में सोमवार को दोपहर 12:30 बजे से रात 10 बजे तक कर्फ्यू की घोषणा की है। काठमांडू के मुख्य जिला अधिकारी छबीलाल रिजाल की तरफ से जारी एक नोटिस के मुताबिक बनेश्वर चौक से बिजुलीबाजार पुल, बनेश्वर चौक से टिंकुने चौक, बनेश्वर चौक से रत्ना राज्य स्कूल और बनेश्वर चौक से शंखमुल पुल क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है।
💥 NEPAL
Looks like Bangladesh type Modus operandi: Youth protesting against the govt on roads, entering Parliament & creating chaos.
01 protester died, several injured.#BreakingNews #Nepalprotest #chaos pic.twitter.com/IoyBq9V6bL
— Mritunjay Kumar (@Mritunjayrocks) September 8, 2025
नेपाल के पीएम और राष्ट्रपति की सुरक्षा बढ़ाई
कहा जा रहा है कि नौजवानों की तादाद इतनी ज्यादा है कि प्रशासन के हाथ पैर फूल गए हैं। साथ ही प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के घर की सुरक्षा में भी इजाफा कर दिया गया है, क्योंकि भीड़ काफी गुस्से में है और बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ रही है। नेपाल की नई जनरेशन ने 8 सितंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की थी। भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर सरकार के नियंत्रण के विरोध में प्रदर्शन की घोषणा की गई थी। कहा जा रहा है कि यह आंदोलन सिर्फ सोशल मीडिया पर बैन का नहीं है बल्कि सालों से चले आ रहे भ्रष्टाचार, बेरोजगारी से भी जुड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों ने संसद के गेट नंबर 2 पर आग लगा दी है। इसके अलावा यह भी खबर है कि गोली चलने की वजह से एक व्यक्ति की जान चली गई है। हालांकि इस बात कि आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
नेपाल में फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब समेत कई App हुए बंद
नेपाल में 26 Social Media Apps को बैन कर दिया गया है, जिनमें फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और व्हाट्सऐप जैसे लोकप्रिय प्लेटफ़ॉर्म शामिल हैं। नेपाल सरकार ने सभी ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म को सात दिनों के भीतर पंजीकरण का निर्देश दिया था, जिसका पालन न करने पर यह कार्रवाई की गई। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लिया गया है, जिसमें सभी घरेलू और विदेशी प्लेटफ़ॉर्म को नियमन के दायरे में लाने को कहा गया था।नेपाल में कई सोशल मीडिया ऐप अब काम करना बंद कर चुके हैं। बैन हुए ऐप में एक-दो नहीं बल्कि कुल 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म शामिल हैं। नेपाल सरकार ने इंटरनेट सेवा देने वाली कंपनियों को फेसबुक, इंस्टाग्राम, X समेत कई लोकप्रिय ऐप बंद करने के निर्देश दिए हैं। सवाल यह है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में सोशल मीडिया ऐप को बंद करने का फैसला क्यों लिया गया?
सरकार ने जारी किया था आदेश
नेपाल सरकार ने सभी कंपनियों से कहा था कि वे सात दिन के भीतर अपना पंजीकरण करवाएं। जो कंपनियां यह पंजीकरण कराने में विफल रहीं, उन पर अब कार्रवाई की गई है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने का फैसला अदालत की अवमानना के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद आया है। इस फैसले में सरकार को निर्देश दिया गया था कि देश में चल रहे सभी घरेलू और विदेशी मूल के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को पंजीकृत कराना सुनिश्चित करे और उन पर शेयर किए जा रहे पोस्ट की निगरानी करे।
कोर्ट ने सरकार को जारी किया आदेश
इसके बाद सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अदालत की अवमानना के एक मामले में नेपाल सरकार के नाम एक आदेश जारी किया है, जिसमें घरेलू या विदेशी मूल के ऑनलाइन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को संचालन से पहले संबंधित अधिकारियों के साथ अनिवार्य रूप से पंजीकृत कराने और निगरानी करने का निर्देश दिया गया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को सूचीबद्ध करने के लिए सात दिनों की समय सीमा दी गई है।
कौन-कौन से ऐप पर लगी पाबंदी
नोटिस में आगे कहा गया है कि नेपाल दूरसंचार प्राधिकरण को नेपाल के भीतर उन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को निष्क्रिय करने का निर्देश दिया गया है, जिन्होंने समय सीमा के भीतर पंजीकरण के लिए संपर्क नहीं किया है। इसके बाद फेसबुक, इंस्टाग्राम, मैसेंजर, यूट्यूब, X, रेडिट, लिंक्डइन, व्हाट्सऐप, डिस्कॉर्ड, पिनटेरेस्ट, सिग्नल, थ्रेड्स, वीचैट, क्वोरा, टम्बलर, क्लबहाउस, रंबल, लाइन, इमो, जालो, सोल, हैमरो पैट्रो, एमआई वीडियो, एमआई वाईके3 को बंद कर दिया गया है, जबकि टिकटॉक, वाइबर, वीटॉक, निम्बज (पंजीकृत), टेलीग्राम और ग्लोबल डायरी अभी चल रहे हैं। हालांकि, यह पाबंदी हटाई भी जा सकती है।
लोगों की आवाज़ दबाने के आरोप पर सीएम औली का जवाब
मानवाधिकार और प्रेस से जुड़ी संस्थाओं ने भी नेपाल सरकार के इस फैसले की आलोचना की है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार लोगों की बोलने की आजादी छीन रही है और कारोबार को भी नुकसान पहुंचा रही है। प्रदर्शनों को देखते हुए पीएम ओली ने कहा है कि, “सरकार प्लेटफॉर्म्स या सोशल नेटवर्क्स के खिलाफ नहीं, बल्कि अराजकता, अहंकार और देश को छोटा दिखाने की प्रवृत्ति के खिलाफ है। पिछले एक साल से सोशल नेटवर्क कंपनियों से कहा गया था कि वे नेपाल के क़ानून के तहत रजिस्टर हों, टैक्स चुकाएं और जवाबदेह बनें। जब उन्होंने जवाब दिया ‘हम आपके संविधान को नहीं जानते’, तब ये कदम उठाया गया।” ओली ने आलोचकों पर तंज किया कि बौद्धिक लोग शिकायत करते हैं कि चार नौकरियां ली गईं, तो क्या ये राष्ट्रीय स्वाभिमान से बड़ी हैं? उन्होंने साफ किया कि सोशल नेटवर्क कंपनियां एक साथ ऑपरेटर, मैनेजर और उपभोक्ता, तीनों नहीं हो सकतीं।
सबसे अधिक ऐप किस देश में बैन
चीन ऐसा देश है, जहां सोशल मीडिया पर पाबंदी सबसे अधिक है। यहां किसी भी अंतरराष्ट्रीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल की इजाजत नहीं है। चीन ने अपना यूट्यूब और फेसबुक जैसा प्लेटफॉर्म विकसित किया है। नॉर्थ कोरिया में सोशल मीडिया पूरी तरह से बैन है। किम जोंग उन की तानाशाही से तो सभी परिचित हैं। यहां के लोगों को सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है। यहां तक कि आम लोगों की इंटरनेट तक भी पहुंच नहीं है। केवल कुछ सरकारी कर्मचारियों को ही इंटरनेट इस्तेमाल करने की अनुमति है। ईरान में भी सोशल मीडिया पर प्रतिबंध है। राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए फेसबुक, X, इंस्टाग्राम और यूट्यूब को बैन किया गया है।
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