कोल्हापुरी चप्पलों से मिलती-जुलती चप्पलें बनाने को लेकर आलोचनाओं के बाद लग्जरी फैशन ब्रांड प्राडा ने माना कि उसने कोल्हापुरी चप्पलों से प्रेरणा लेकर ही अपने ब्रांड के तहत डिजाइंस लांच की थीं। Prada ने भविष्य में ऐसी गलती नहीं करने की घोषणा की।
Prada के फैशन शो में कोल्हापुरी चप्पलें पहने दिखे मॉडल
महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्री एंड एग्रीकल्चर के अध्यक्ष ललित गांधी ने बताया कि कुछ दिन पहले Prada ने इटली के मिलान शहर में एक फैशन शो आयोजित किया था, जहां कोल्हापुरी चप्पलें प्रदर्शित की गईं। हालांकि, प्राडा ने इन्हें सिर्फ चमड़े के कपड़े के रूप में वर्णित किया, उनके मूल स्थान के बारे में नहीं बताया।
लग्जरी फैशन ब्रांड Prada ने हाल ही में कोल्हापुरी चप्पल (Kolhapuri chappals) जैसी दिखने वाली चप्पलें अपने Prada Men’s 2026 फैशन शो में शामिल की, लेकिन सदियों पुरानी विरासत वाली पारंपरिक भारतीय हस्तनिर्मित कोल्हापुरी चप्पलों का जिक्र तक नहीं किया। इस बात के लिए Prada की भारत समेत कई देशों में आलोचना हुई।
भारत पहुंचे Prada के प्रतिनिधि
आलोचना के बाद बुधवार को Prada के छह वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने कोल्हापुर पहुंचकर कोल्हापुरी चप्पलों के पारंपरिक हुनर को बेहतर तरीके से समझा और कारीगरों के हुनर को करीब से समझने के बाद उन्हें सही पहचान दिलाने का वादा किया। Prada के छह वरिष्ठ प्रतिनिधियों, जिनमें Men’s Footwear Division के निदेशक पाओलो टिवरॉन, फुटवियर डिवीज़न के पैटर्न-मेकिंग मैनेजर डेनियल कोंटू, एंड्रिया पोलास्ट्रेली और रॉबर्टो पोलास्ट्रेली शामिल हैं, ने पारंपरिक शिल्प की बेहतर समझ हासिल करने के लिए कोल्हापुर का दौरा किया। टीम ने जवाहर नगर क्षेत्र का दौरा किया, जो पारंपरिक कोल्हापुरी फुटवियर बनाने के लिए जाना जाता है, और शुभम सतपुटे, बालू गौली, अरुण सतपुते, सुनील लोकरे और बालासाहेब गौली सहित स्थानीय कारीगरों के साथ बातचीत की। गांधी ने कहा, “उन्होंने वादा किया कि ऐसी ग़लती अब कभी नहीं होगी। साथ ही Prada के प्रतिनिधियों ने यह भी वादा किया कि वे कोल्हापुरी चप्पलों को वैश्विक स्तर पर सही मान्यता दिलाने में मदद करेंगे।“
पारंपरिक कोल्हापुरी चप्पलें Prada के लेबल तले लखटकिया हुईं
Prada is selling Kohlapuri Chappal for 1.2 Lakh
Prada’s ₹1.2 lakh Kolhapuri chappals are a shameless cash grab. These handcrafted chappals a Maharashtra legacy for centuries sell for ₹300-₹1500 in Kolhapur’s markets.
Yet, Prada slaps on a logo, calls them “leather sandals,”… pic.twitter.com/qkwRoEFRst— Woke Eminent (@WokePandemic) June 25, 2025
Milan Fashion Week में लक्ज़री ब्रांड Prada के कम से कम सात स्प्रिंग/समर 2026 कलेक्शन में मॉडल्स ने कोल्हापुरी स्टाइल के चमड़े के चप्पल पहने थे, जिनकी कीमत लगभग 1.2 लाख रुपये थी। प्राडा ने अपने शो के नोट्स में चप्पलों को सिर्फ चमड़े के सैंडल बताया था। उन्होंने इसके भारतीय संबंध का कोई संदर्भ नहीं दिया, जिससे पश्चिमी महाराष्ट्र में कोल्हापुरी चप्पल के पारंपरिक निर्माताओं में नाराजगी पैदा हुई। महाराष्ट्र में बनने वाली कोल्हापुरी चप्पलें भारत में 2019 से जीआई का दर्जा प्राप्त है, जो इनकी अनोखी धरोहर और क्षेत्रीय पहचान को मान्यता देता है।
कोर्ट में पहुंचा मामला
कोल्हापुरी चप्पलों के अनधिकृत उपयोग के आरोप में Prada के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दाखिल की गई है, जिसमें अनुरोध किया गया है कि भारतीय कारीगरों के डिजाइन की कथित रूप से नकल करने के लिए इटलियन फैशन ब्रांड को उन्हें मुआवजा दिए जाने का आदेश दिया जाए। याचिका में कहा गया है कि Prada के चप्पलों का डिजाइन कोल्हापुरी चप्पल से बहुत अधिक मिलता जुलता है। पुणे के छह वकीलों द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि कोल्हापुरी चप्पल महाराष्ट्र का सांस्कृतिक प्रतीक है।
Prada ने माना, कोल्हापुरी चप्पलों से ली प्रेरणा
याचिका में Prada को बिना किसी अनुमति के इस चप्पल का व्यवसायीकरण और उपयोग करने से रोके जाने और फैशन ब्रांड को सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का निर्देश दिए जाने का भी अनुरोध किया गया है। साथ ही प्राडा के खिलाफ जांच की भी मांग की गई है। हालांकि हाईकोर्ट ने यह याचिका ख़ारिज कर दी। इस बीच मामले के तूल पकड़ता देख Prada ने स्वीकार किया है कि उसने कोल्हापुरी चप्पलों से प्रेरित होकर ही अपनी चप्पलें बनाई हैं।
इसके अलावा, पिछले सप्ताह की शुरुआत में Prada ने भारतीय कारीगरों के साथ साझेदारी में एक Limited Edition ’Made In India’ कोल्हापुरी संग्रह लॉन्च करने में रुचि दिखाई।
Long or Short, get news the way you like. No ads. No redirections. Download Newspin and Stay Alert, The CSR Journal Mobile app, for fast, crisp, clean updates!