भारत द्वारा पाकिस्तान के अंदर चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के पीछे केवल सैन्य रणनीति ही नहीं, बल्कि शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व की सक्रिय भूमिका भी रही। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस पूरे ऑपरेशन की निगरानी और नेतृत्व खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। प्रधानमंत्री नई दिल्ली स्थित नियंत्रण कक्ष (PM in Control Room) में मौजूद रहे और पूरी कार्रवाई पर सीधी नजर बनाए रखी। ऑपरेशन से जुड़े एक वरिष्ठ रक्षा सूत्र ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन शुरू होने से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल (NSA Ajit Doval), सभी सेनाओं के प्रमुखों और RAW के अधिकारियों के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक की थी। हमले से ठीक पहले अंतिम मंजूरी खुद प्रधानमंत्री ने दी थी। ऑपरेशन के दौरान वह निरंतर वॉर रूम में मौजूद रहे और हर कदम पर अधिकारियों से अपडेट लेते रहे।
पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान नियंत्रण कक्ष में मौजूद रहे प्रधानमंत्री
सूत्र बताते हैं कि पीएम मोदी ने अधिकारियों से कहा था कि हमारा लक्ष्य स्पष्ट है – आतंकवाद को खत्म करना। आम नागरिकों को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए। जब भारतीय सेना के विमानों ने पाकिस्तान में आतंकी शिविरों को निशाना बनाया, उस वक्त पीएम मोदी वॉर रूम में पूरी तैयारी के साथ मौजूद थे। उन्होंने लाइव सेटेलाइट फीड और ग्राउंड रिपोर्ट्स के जरिए ऑपरेशन की निगरानी की। प्रधानमंत्री की उपस्थिति ने पूरे मिशन में आत्मविश्वास और स्पष्टता का संदेश दिया।
NSA डोभाल और सेना प्रमुखों से ली पल-पल की जानकारी
प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन के दौरान सेना के अधिकारियों से स्पष्ट कहा, “ये नया भारत है। हम आतंकवाद को उसके घर में घुसकर खत्म करेंगे, लेकिन इंसानियत की लक्ष्मण रेखा कभी पार नहीं करेंगे।”
पीएम मोदी का शब्द नहीं, रणनीति से जवाब
प्रधानमंत्री का पूरा ध्यान इस बात पर था कि भारत का जवाब निर्णायक हो, लेकिन गैर-आक्रामक और जिम्मेदार भी। उन्होंने सेना से कहा कि हमले इस तरह से हों कि “दुनिया भारत की ताकत के साथ उसकी नैतिकता को भी देखे।” ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व और रणनीतिक सोच का प्रमाण है। उनकी सक्रिय मौजूदगी ने यह दिखा दिया कि भारत अब किसी भी आतंकी चुनौती का जवाब शब्दों से नहीं, कार्रवाई से देगा – वह भी पूरे अनुशासन और नियंत्रण के साथ।