युवा हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत है, विश्व की तुलना में भारत में युवा वर्ग की आबादी सबसे ज्यादा है लिहाज़ा युवाओं के जोश, उनके कौशल और तकनीक का लोहा भारत ही नहीं बल्कि समूचा विश्व मानता है, 15 जुलाई विश्व युवा कौशल दिवस के रूप में मनाया जाता है, इस ख़ास अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओं को संबोधित किया और युवाओं को इस कोरोना काल में अपने कौशल का हुनर दिखाकर किस तरह से आत्मनिर्भर बना जाए इसका मूलमंत्र भी बताया।
पांच करोड़ से ज्यादा युवाओं का स्किल डेवलपमेंट हुआ
पांच साल पहले आज के ही दिन यानी 15 जुलाई को स्किल इंडिया मिशन की शुरवात हुई थी, स्किल इंडिया मिशन के तहत अब तक पांच करोड़ से ज्यादा लोगों का स्किल डेवलपमेंट किया जा चुका है और यह अभियान निरंतर जारी है। तेजी से बदलती हुई आज की दुनिया में अनेक सेक्टरों में लाखों स्किल्ड लोगों की जरूरत है। विशेषकर स्वास्थ्य सेवाओं में तो बहुत बड़ी संभावनाएं बन रही हैं। यही समझते हुए अब कौशल विकास मंत्रालय ने दुनिया भर में बन रहे इन अवसरों की मैपिंग शुरू की है।
लाखों लोगों को मिल रहे रोजगार के अवसर
कौशल भारत अभियान केंद्र सरकार की एक पहल है जिसकी शुरुआत आज से पांच साल पहले हुई थी। इस पहल की शुरुआत युवाओं के कौशल क्षमता को सशक्त बनाने के लिए की गई थी। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया और लाखों लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना महिलाओं को हुनर प्रदान कर उनकी जिंदगी आसान बना रही है। हर साल 15 जुलाई को UN से मान्यता प्राप्त इवेंट WYSD मनाया जाता है। यूनेस्को (UNESCO) के अनुसार, इसका उद्देश्य युुवाओं को रोजगार परक कुशलता उपलब्ध कराना है। साथ ही भविष्य में वैश्विक चुनौतियों से सामना करने में कुशल युवाओं की अहम भूमिका के महत्व से अवगत कराना है।
मोदी का ये है गुरुमंत्र
प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा,’स्किल की ये ताकत जो है, इंसान को कहां से कहां पहुंचा सकती है। एक सफल व्यक्ति की बहुत बड़ी निशानी होती है कि वो अपनी स्किल बढ़ाने का कोई भी मौका जाने न दे। स्किल के प्रति अगर आप में आकर्षण नहीं है, कुछ नया सीखने की ललक नहीं है तो जीवन ठहर जाता है। एक रुकावट सी महसूस होती है। एक प्रकार से वो व्यक्ति अपने व्यक्तित्व को, अपने व्यक्तित्व को ही बोझ बना लेता है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘वहीं स्किल के प्रति आकर्षण जीने की ताकत देता है, जीने का उत्साह देता है। यह केवल रोजी-रोटी और पैसा कमाने का जरिया नहीं है। जिंदगी में उमंग चाहिए, उत्साह चाहिए, जीने की जिद चाहिए, तो स्किल हमारी ड्राइविंग फोर्स बनती है, हमारे लिए नई प्रेरणा लेकर आती है।’
हुनरमंद रहने का दिया मंत्र
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में Skill, Re- Skill और upskill’ का विश्लेषण भी किया, पीएम ने कहा- “Skill का अर्थ है, आप कोई नया हुनर सीखें। जैसे कि आपने लकड़ी के एक टुकड़े से कुर्सी बनाना सीखा, तो ये आपका हुनर हुआ। आपने लकड़ी के उस टुकड़े की कीमत भी बढ़ा दी Value Addition किया।’ लेकिन ये कीमत बनी रहे, इसके लिए नए डिज़ाइन, नई स्टाइल, यानी रोज़ कुछ नया जोड़ना पड़ता है। उसके लिए हर रोज कुछ नया सीखना है और कुछ नया सीखते रहने का मतलब, ये है Re- Skill। Skill, Re- skill और Upskill का ये मंत्र जानना, समझना, और इसका पालन करना, हम सभी के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है।’
स्किल मैपिंग पोर्टल की हुई शुरुआत
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘चार-पांच दिन पहले देश में श्रमिकों की स्किल मैपिंग का एक पोर्टल भी शुरू किया गया है। यह पोर्टल कुशल लोगों व कुशल श्रमिकों की मैपिंग करने में अहम भूमिका निभाएगा। इससे एक क्लिक में ही स्किल्ड मैप वाले वर्कर्स तक एंप्लायर्स पहुंच सकेंगे।’ यही समझते हुए अब कौशल विकास मंत्रालय ने दुनिया भर में बन रहे इन अवसरों की मैपिंग शुरू की है। कोशिश यही है कि भारत के युवा को अन्य देशों की जरूरतों के बारे में, उसके संबंध में भी सही और सटीक जानकारी मिल सके।’
भारत में 65 फीसदी आबादी युवा हैं
बता दें कि भारत में 65 फीसदी आबादी युवा हैं, वर्ल्ड यूथ स्किल डे भारत के लिए और अधिक महत्वपूर्ण है। भारत में कुल आबादी के करीब 65 फीसदी लोग 35 वर्ष से कम आयु के है। भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में शामिल हैं। ऐसे में स्किल इंडिया, मोदी सरकार द्वारा देश के युवाओं की स्किल को बढ़ाने के अलावा उन्हें सशक्त बनाने की एक बडी पहल है। इसके जरिए युवाओं के स्किल का विकास किया जाता है, ताकि वो अधिक रोजगारपरक और अधिक उत्पादक बन सके। स्किल इंडिया मुहिम के जरिए लोगों की तकनीकी विशेषज्ञता को बढ़ाया जाता है।