GST Bachat Utsav: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 20 मिनट तक देश को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने 22 सितंबर को सूर्योदय के साथ “GST बचत उत्सव” (GST Savings Festival) शुरू करने की घोषणा की। पीएम ने कहा कि इससे हर वर्ग के लोगों को फायदा होगा। साथ ही उन्होंने जनता से अपील की कि वे देश में बने स्वदेशी सामान को प्राथमिकता दें और आत्मनिर्भर भारत अभियान को आगे बढ़ाएं।
GST Bachat Utsav: जीएसटी बचत उत्सव की शुरुआत
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नवरात्रि से पहले ही देश में नेक्स्ट जनरेशन GST लागू हो जाएगा। इसके चलते रोजमर्रा की कई चीजें सस्ती होंगी। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि घर बनाने, टीवी, फ्रिज, बाइक और स्कूटर खरीदने का खर्च कम होगा। घूमना-फिरना भी पहले से सस्ता होगा। मोदी ने इसे गरीब और मिडिल क्लास के लिए “डबल बोनांजा” बताया।
वन नेशन वन टैक्स का जिक्र
पीएम ने 2014 के बाद हुई आर्थिक सुधारों की चर्चा करते हुए कहा कि GST ने देश को टैक्स के जाल से बाहर निकाला। पहले सामान एक शहर से दूसरे शहर तक पहुंचने में ज्यादा खर्चीला हो जाता था, लेकिन अब वन नेशन वन टैक्स से व्यवस्था सरल हो गई है। उन्होंने कहा कि पिछले 11 साल में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं और न्यू मिडिल क्लास की भूमिका निभा रहे हैं।
MSME और आत्मनिर्भर भारत पर जोर
प्रधानमंत्री ने MSME (Micro, Small and Medium Enterprises) की अहमियत बताते हुए कहा कि भारत के विकास का आधार यही हैं। उन्होंने कहा कि GST दरों में कमी और आसान नियमों से MSME की बिक्री बढ़ेगी और टैक्स का बोझ भी घटेगा। “हमारे यहां बने सामान की क्वालिटी दुनिया में बेस्ट होनी चाहिए। हमें वही गौरव वापस पाना है जो कभी भारत को तरक्की के शिखर पर ले गया था,” मोदी ने कहा।
स्वदेशी को बनाया मंत्र
पीएम मोदी ने राज्य सरकारों से अपील की कि वे मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दें और निवेश का माहौल बनाएं। उन्होंने कहा कि आजादी की ताकत जिस तरह स्वदेशी के मंत्र से आई थी, वैसे ही देश की समृद्धि भी स्वदेशी से आएगी। उन्होंने हर भारतीय से आह्वान किया कि हर घर को स्वदेशी का प्रतीक बनाना है, हर दुकान को स्वदेशी से सजाना है। गर्व से कहो- मैं स्वदेशी खरीदता हूं और बेचता हूं।
कांग्रेस का हमला, घाव देकर बैंड ऐड लगाना
पीएम मोदी के भाषण के तुरंत बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने X पर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नौ सौ चूहे खाकर, बिल्ली हज को चली। कांग्रेस के सरल GST की जगह केंद्र ने 9 स्लैब का ‘गब्बर सिंह टैक्स’ लगाया और 8 साल में ₹55 लाख करोड़ वसूले। अब ₹2.5 लाख करोड़ के बचत उत्सव की बात करना, जनता को गहरे घाव देकर मामूली बैंड ऐड लगाने जैसा है। पीएम मोदी के इस संबोधन ने आने वाले दिनों की राजनीतिक गर्मी और तेज कर दी है। एक तरफ केंद्र सरकार “GST बचत उत्सव” को आम जनता के लिए राहत का बड़ा कदम बता रही है, वहीं विपक्ष इसे “जुमला” कहकर सवाल उठा रहा है। अब 22 सितंबर से GST बचत उत्सव शुरू होने के बाद ही इसका असर बाजार और जनता की जेब पर कितना पड़ता है, यह साफ होगा।