Palghar Mob Lynching: पालघर साधु लिंचिंग केस से जुड़े काशीनाथ चौधरी की BJP में एंट्री ने महाराष्ट्र की राजनीति में जोरदार हलचल मचा दी है। रविवार को दहानू में सांसद हेमंत सावरा और जिला अध्यक्ष भरत राजपूत की मौजूदगी में चौधरी ने भाजपा सदस्यता ली थी। यही नहीं, उनके करीब 3,000 समर्थकों ने भी पार्टी ज्वाइन करने का दावा किया था। लेकिन कुछ ही घंटों के भीतर पार्टी ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी। बीजेपी को जैसे ही पता चला कि चौधरी का नाम 2020 के पालघर साधु हत्या कांड (Palghar Mob Lynching) में विवादों में रहा है, पार्टी के भीतर और बाहर विरोध शुरू हो गया। मामले की गंभीरता समझते हुए प्रदेश नेतृत्व ने तुरंत आदेश जारी कर चौधरी की सदस्यता रद्द कर दी और जिला अध्यक्ष को पत्र भेजकर कार्रवाई की जानकारी दी।
Palghar Mob Lynching Kashinath Chaudhary: BJP का बयान, विवादित व्यक्तियों को जगह नहीं
पार्टी ने साफ कहा है कि विवादित छवि वाले लोगों को संगठन में स्थान नहीं दिया जाएगा। उन्होंने इसे सदस्यता प्रक्रिया में हुई चूक बताते हुए तुरंत सुधार करने की बात कही। पार्टी की इस कार्रवाई से कोर वोट बैंक को संदेश देने की कोशिश भी मानी जा रही है कि भाजपा किसी भी तरह के आरोपित व्यक्ति को संरक्षण देने के पक्ष में नहीं है।
कौन हैं काशीनाथ चौधरी? Palghar Mob Lynching Kashinath Chaudhary
पालघर के गढ़चिंचले गांव में अप्रैल 2020 में दो साधुओं चिन्मयानंद और सुशील गिरी महाराज और उनके ड्राइवर की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी। इस मामले में चौधरी को स्थानीय राजनीति के चलते मुख्य आरोपितों में से एक बताया गया था। उस समय वे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) से जुड़े हुए थे। इस घटना को लेकर भाजपा ने तत्कालीन महा विकास अघाड़ी सरकार पर आरोप लगाया था कि कानून-व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ी है और अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है।
BJP ने तब उद्धव सरकार पर जताया था आक्रोश
पालघर कांड के बाद भाजपा ने उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ मुंबई-पालघर जन आक्रोश यात्रा निकाली थी। पुलिस ने करीब 200 लोगों को गिरफ्तार किया था और 108 गवाहों के बयान दर्ज किए थे।
वरिष्ठ नेता और मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने तो इस घटना को अपनी नाराजगी के प्रमुख कारणों में से एक बताया था। उन्होंने कहा था साधुओं की हत्या को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
चौधरी की एंट्री पर विपक्ष के तीखे सवाल
अब, चौधरी के अचानक BJP में शामिल होने ने NCP शरद पवार गुट सहित विपक्ष को सरकार और भाजपा पर सवाल उठाने का मौका दे दिया। विपक्ष का आरोप है कि चुनाव से ठीक पहले भाजपा विवादित चेहरों का सहारा ले रही है, जबकि खुद नैतिकता की बात करती है।
चुनाव से पहले सियासी उठा-पटक तेज
नगर निगम चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में चौधरी की BJP में एंट्री और तुरंत एग्जिट ने पूरे पालघर क्षेत्र में राजनीतिक बहस तेज कर दी है। बीजेपी की इस त्वरित कार्रवाई से साफ है कि पार्टी इमेज को लेकर बेहद सतर्क है और चुनाव के समय कोई भी विवाद नहीं चाहती।
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