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December 27, 2025

न नौकरी, न इंटरनेट, न भविष्य! पाकिस्तान से क्यों भाग रहे हैं हजारों डॉक्टर और इंजीनियर?

The CSR Journal Magazine
आर्थिक बदहाली और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा पाकिस्तान अब एक ऐसे संकट के दौर में पहुंच चुका है, जो आने वाले वर्षों में देश की बुनियादी संरचना को ही हिला सकता है. यह संकट है—तेजी से बढ़ता ब्रेन ड्रेन. पिछले दो साल के आंकड़े बताते हैं कि हजारों डॉक्टर, इंजीनियर, अकाउंटेंट्स और अन्य प्रशिक्षित पेशेवर देश छोड़कर विदेशों का रुख कर चुके हैं. यह सिर्फ रोजगार का संकट नहीं, बल्कि पाकिस्तान के भविष्य पर मंडराता गंभीर खतरा है.

दो साल में लाखों लोग देश छोड़ने को मजबूर

पाकिस्तानी ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन एंड ओवरसीज एम्प्लॉयमेंट के अनुसार, साल 2024 में 7.27 लाख से ज्यादा पाकिस्तानियों ने विदेश में काम करने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया. वहीं 2025 में नवंबर तक यह आंकड़ा 6.87 लाख तक पहुंच चुका है. अनुमान है कि पिछले 24 महीनों में करीब 15 लाख लोग पाकिस्तान छोड़ चुके हैं. इनमें बड़ी संख्या उच्च शिक्षित प्रोफेशनल्स की है, जो देश के लिए सबसे जरूरी माने जाते हैं.

डॉक्टर, इंजीनियर और अकाउंटेंट सबसे आगे

आंकड़े चौंकाने वाले हैं. बीते दो साल में पाकिस्तान 5,000 डॉक्टर, 11,000 इंजीनियर और 13,000 से ज्यादा अकाउंटेंट्स खो चुका है. इसके अलावा नर्सों, फार्मासिस्ट्स और आईटी एक्सपर्ट्स का पलायन भी रिकॉर्ड स्तर पर है. खासतौर पर हेल्थ सेक्टर की हालत बेहद चिंताजनक हो गई है, जहां प्रशिक्षित स्टाफ की भारी कमी महसूस की जा रही है.

हेल्थ सेक्टर पर सबसे गहरा असर

2011 से 2024 के बीच पाकिस्तान से विदेश जाने वाली नर्सों की संख्या में 2,144% की वृद्धि दर्ज की गई है. साल 2025 में यह रफ्तार और तेज हो गई है. ज्यादातर नर्सें जर्मनी और रोमानिया जैसे देशों में बेहतर वेतन और सुरक्षित भविष्य की तलाश में जा रही हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यही हाल रहा तो पाकिस्तान में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमरा सकती हैं.

इंजीनियर बेरोजगार, विकास कार्य ठप

पाकिस्तान इंजीनियरिंग काउंसिल के अनुसार देश में 2.76 लाख रजिस्टर्ड इंजीनियर हैं, लेकिन इनमें से करीब 60 हजार बेरोजगार हैं. वजह साफ है, देश में विकास परियोजनाएं ठप पड़ी हैं. जब काम ही नहीं होगा, तो युवा इंजीनियर देश में क्यों रुकेंगे? यही कारण है कि बड़ी संख्या में इंजीनियर मिडिल ईस्ट और यूरोप की ओर पलायन कर रहे हैं.

इंटरनेट शटडाउन ने बढ़ाई परेशानी

एक और बड़ी वजह है बार-बार होने वाला इंटरनेट शटडाउन. Top10VPN रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2024 में पाकिस्तान को इंटरनेट बंद होने से 1.62 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ. दुनिया का चौथा सबसे बड़ा फ्रीलांसिंग हब होने के बावजूद 9,735 घंटे तक इंटरनेट बाधित रहा, जिससे करोड़ों यूजर्स प्रभावित हुए. इससे 23.7 लाख फ्रीलांस जॉब्स खतरे में पड़ गईं, जिसने युवाओं को देश छोड़ने के लिए और मजबूर किया.

सरकार की नीति पर उठते सवाल

हैरानी की बात यह है कि सरकार रोजगार पैदा करने के बजाय लोगों को विदेश जाने से रोकने में ज्यादा सक्रिय दिख रही है. साल 2025 में 66 हजार से ज्यादा यात्रियों को हवाई अड्डों से उतार दिया गया. जानकारों का मानना है कि अगर हालात नहीं सुधरे, तो पाकिस्तान के पास जल्द ही अस्पताल, स्कूल और टेक सेक्टर चलाने के लिए भी योग्य लोग नहीं बचेंगे. यह संकट अब आंकड़ों से आगे बढ़कर, पूरे देश के भविष्य पर सवाल बन चुका है.
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