महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने मंगलवार को ओला, उबर (Ola Uber New Policy) जैसी एग्रीगेटर कैब सेवाओं (Aggregator Cab Services) के लिए एक नई नीति की घोषणा की है, जो अब राज्यभर में प्रभावी रूप से लागू कर दी गई है। Maharashtra Cab Guidelines सरकार के इस फैसले का उद्देश्य यात्रियों और ड्राइवरों के बीच संतुलन स्थापित करना, कैब बुकिंग में अनुशासन लाना और सेवा की विश्वसनीयता को बढ़ावा देना है। Ride Cancellation Penalty
ड्राइवर राइड कैंसल करेगा तो ₹100 या 10% जुर्माना Ride Cancellation Charges
नई गाइडलाइन के मुताबिक, अगर कोई ड्राइवर किसी राइड को ऐप पर स्वीकार करने के बाद रद्द करता है, तो उस पर ₹100 या कुल किराए का 10% (जो भी राशि कम हो) का जुर्माना लगेगा। ये राशि यात्री के डिजिटल वॉलेट या बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी ताकि उसे असुविधा के लिए मुआवजा मिल सके।
यात्री ने बिना कारण राइड रद्द की तो ₹50 देना होगा जुर्माना
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यात्रियों पर भी जुर्माने का प्रावधान होगा। यदि कोई यात्री बिना उचित कारण के राइड बुक करने के बाद उसे रद्द करता है, तो उसे ₹50 या कुल किराए का 5% (जो भी कम हो) का जुर्माना देना होगा। यह जुर्माना सीधे संबंधित ड्राइवर के खाते में ट्रांसफर किया जाएगा। इससे ड्राइवरों को समय की बर्बादी से होने वाले नुकसान की भरपाई हो सकेगी।
डिजिटल लेनदेन से होगा भुगतान, RTO रखेगा निगरानी
नई नीति के अनुसार, सारे जुर्माने डिजिटल माध्यम से लिए और दिए जाएंगे, जिससे किसी भी तरह की धांधली की संभावना खत्म हो जाएगी। इस नीति के अनुपालन को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी राज्य परिवहन विभाग और स्थानीय आरटीओ (RTO) को सौंपी गई है।
यात्रियों और ड्राइवरों के हित में बड़ा फैसला
सरकार का मानना है कि इस नीति से कैब सेवा क्षेत्र में पारदर्शिता आएगी, यात्रियों द्वारा की जाने वाली फर्जी और अनावश्यक बुकिंग में कमी आएगी और ड्राइवरों का समय भी बर्बाद नहीं होगा।
मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद जारी हुआ आदेश
इस नीति को राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है और इसके तहत महाराष्ट्र में काम कर रही सभी एग्रीगेटर कैब कंपनियों पर यह नीति लागू होगी, जिसमें ओला, उबर, रैपिडो, मेरू जैसी सेवाएं शामिल हैं। कैब सेवा सेक्टर में पहली बार कड़े जुर्माने का प्रावधान RTO Rules for Ola Uber यह पहली बार है जब राज्य सरकार ने यात्रियों और ड्राइवरों दोनों के लिए जुर्माने का स्पष्ट और संतुलित प्रावधान लागू किया है। सरकार को उम्मीद है कि इससे कैब सेक्टर में पेशेवर व्यवहार को बढ़ावा मिलेगा, जिससे आम जनता को बेहतर सेवा अनुभव मिलेगा। महाराष्ट्र सरकार की यह नई पहल कैब सेवाओं को ज्यादा जिम्मेदार और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। अब राइड बुक करने से पहले यात्रियों और ड्राइवरों, दोनों को सोच-समझकर निर्णय लेना होगा, क्योंकि हर रद्द की गई राइड अब ‘मुफ्त’ नहीं होगी।