रेपो रेट 5.5% पर स्थिर, कर्ज लेने वालों के लिए कोई राहत नहीं
Reserve Bank of India (RBI) ने बुधवार को रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। यह अब भी 5.5 प्रतिशत पर बना हुआ है। इसका सीधा मतलब है कि जिन लोगों ने बैंक से होम लोन, पर्सनल लोन या कार लोन लिया है, उनके ईएमआई में कोई कमी नहीं आएगी। जब तक RBI रेपो रेट में कटौती नहीं करता, तब तक बैंकों द्वारा ब्याज दरों में बदलाव की संभावना नहीं होती।
रेपो रेट क्या होता है? Bank EMI, RBI Repo Rate 2025
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई बैंकों को कम समय के लिए कर्ज देता है। जब RBI रेपो रेट कम करता है, तो बैंक भी अपने लोन सस्ते करते हैं और आम लोगों को राहत मिलती है। लेकिन इस बार RBI ने न तो कोई कटौती की और न ही अपनी मौद्रिक नीति (Monetary Policy) के रुख में बदलाव किया। RBI ने अपनी पॉलिसी को “तटस्थ” बनाए रखा है।
Bank EMI, RBI Repo Rate 2025: EMI में क्यों नहीं मिलेगी राहत?
चूंकि RBI ने रेपो रेट में कोई कमी नहीं की, इसलिए बैंक भी अपने कर्ज सस्ते नहीं करेंगे। यानी आपके ईएमआई की रकम वैसी की वैसी रहेगी। पिछले तीन बार RBI ने रेपो रेट में कटौती की थी, लेकिन इस बार कोई बदलाव नहीं हुआ है।
महंगाई दर पर क्या कहा गया?
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि कोर इन्फ्लेशन यानी मुख्य महंगाई दर 4% के आसपास बनी हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में खर्च में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। वर्ष 2025-26 के लिए खुदरा महंगाई दर (CPI) का अनुमान 3.1% है। वर्ष 2026-27 के लिए यह बढ़कर 4.9% हो सकती है। Bank EMI, RBI Repo Rate 2025
GDP ग्रोथ पर क्या अनुमान है?
RBI का मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर गति से बढ़ रही है। गवर्नर ने बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 में जीडीपी ग्रोथ 6.5% रहने का अनुमान है। अगले साल यह बढ़कर 6.6% हो सकती है।
कर्ज की मांग घटी लेकिन बैंकों के मुनाफे में बढ़ोतरी
पिछले साल के मुकाबले बैंकों द्वारा दिए गए कुल कर्ज की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ी है। लेकिन वित्तीय संसाधनों का कुल प्रवाह बढ़ा है – 2023-24 में यह 33.9 लाख करोड़ था, जो 2024-25 में बढ़कर 34.8 लाख करोड़ हो गया। कंपनियां अब बैंकों से लोन लेने की बजाय मार्केट से बॉन्ड के जरिए पैसा जुटा रही हैं। इसके बावजूद बैंकों के मुनाफे में अच्छी बढ़ोतरी हुई है।
Bottom Line: EMI जैसी की तैसी
अगर आप सोच रहे थे कि इस बार आपकी ईएमआई कम होगी, तो आपको अभी और इंतजार करना पड़ेगा। RBI ने कोई राहत नहीं दी है। कर्ज की किस्त फिलहाल वैसे ही रहेंगी। अब अगली मौद्रिक नीति बैठक पर सभी की निगाहें होंगी।