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कोरोना से जूझ रहे महाराष्ट्र के सामने निसर्ग तूफान का खतरा  

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कोरोना की महामारी में निसर्ग तूफान का कहर, खतरे में क्या करें क्या नहीं

देश में कोरोना महामारी की सबसे बुरी मार झेल रहे महाराष्ट्र पर अब चक्रवाती तूफान निसर्ग का खतरा मंडरा रहा है। सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं गुजरात और गोवा भी इस चक्रवाती तूफान से प्रभावित है। अरब सागर में उठा डीप डिप्रेशन की वजह से चक्रवाती तूफान निसर्ग कभी भी महाराष्ट्र और गुजरात में बड़ी तबाही मचा सकता है। निसर्ग तूफान 130 किमी/घंटे की रफ्तार से महाराष्ट्र के तट की ओर बढ़ रहा है। अनुमान यही लगाया जा रहा है कि यह बुधवार दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे के बीच महाराष्ट्र में रायगढ़ के हरिहरेश्वर और दमण के के बीच 110 किमी/घंटे की रफ्तार से टकराएगा। वहां से होते हुए उत्तर में मुंबई, पालघर से होते हुए दक्षिण गुजरात की ओर बढ़ेगा। मुंबई तो इस सदी के पहले बड़े तूफान की जद में आ रही है।

कोरोना काल में महाराष्ट्र के मुंबई को टकराएगा सदी का सबसे बड़ा निसर्ग तूफान

क़रीब दो करोड़ की आबादी वाली मुंबई के इतिहास में अबतक मुंबई ने चक्रवात का सामना नहीं किया था। लेकिन निसर्ग तूफान मुंबई को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। मौसम विभाग ने इस दौरान भारी बारिश, तेज़ हवाएं, और समुद्र में तूफान की चेतावनी दी है। शहर के निचले इलाक़े के डूबने की आशंका भी जताई जा रही है। हम आपको बता दें कि मुंबई एक घनी आबादी वाला शहर है, जो काफ़ी निचे है और समुद्र के किनारे बसा हुआ है और इसी कारण इसको ख़तरा ज़्यादा है।

कोरोना काल में निसर्ग तूफान के खतरे को देखते हुए सरकार अलर्ट पर

निसर्ग के खतरे को देखते हुए महाराष्ट्र और गुजरात सरकारें अलर्ट पर है, स्थानीय प्रशासन के साथ साथ एनडीआरएफ की भी टीमें तटीय इलाकों में तैनात की गयी है। एनडीआरएफ की गुजरात में 17 और महाराष्ट्र में 16 टीमों को तैनात किया गया है। कुछ टीमें रिजर्व में हैं। हर टीम में 45 कर्मी होते हैं, जो अत्याधुनिक संचार तकनीक और अन्य उपकरणों से लैस होते हैं। डिजास्टर मैनेजमेंट की टीमों ने खतरे वाले इलाके से लोगों को हटाने का काम शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र में एनडीआरएफ की दो टीमें पालघर, तीन मुंबई, एक ठाणे, दो रायगढ़ और एक रत्नागिरी में तैनात की गई है।

निसर्ग के खतरे में क्या करें, क्या नहीं

क्या करने की सलाह –

– जरूरी कागज़ातों और आभूषणों को प्लास्टिक बैग में रखें
– बैटरी से चलने वाले उपकरणों के साथ रिजर्व पावर सिस्टम का नियमित निरीक्षण करें
– टीवी और रेडियो पर आधिकारिक निर्देशों पर ध्यान दें
– आपात स्थिति में उठाए जाने वाले कदमों का अभ्यास करें
– यदि आप मिट्टी के घर / झोपड़ी में नहीं रहते हैं, तो घर के एक हिस्से को आपातकालीन आश्रय के रूप में चुनें और घर के सदस्य चक्रवात के दौरान उस जगह का उपयोग कैसे करेंगे इसका अभ्यास करें
– एक आपातकालीन किट तैयार रखें
– खिड़कियों से दूर रहें, कुछ खिड़कियां बंद करें और कुछ खुली रखें ताकि दबाव बना रहे
– कमरे के केंद्र में रहें, कमरे के कोनों से दूर रहें क्योंकि अक्सर कोनों में मलबा जमा हो जाता है
– मजबूत फर्नीचर जैसे कि स्टूल या भारी टेबल या डेस्क के नीचे रहें
– सिर और गर्दन की सुरक्षा के लिए अपने हाथों का उपयोग करें
– ऑडिटोरियम या शॉपिंग मॉल जैसे स्थानों से बचें
– पूर्वनिर्धारित या प्रशासन निर्धारित स्थान पर जाएं
– सभी गैर-जरूरी उपकरणों और टूल्स की बिजली सप्लाई बंद करें
– पीने का पानी साफ जगह पर स्टोर करें
– फंसे हुए या घायल लोगों की मदद करें, जरूरत पड़ने पर प्राथमिक उपचार दें
– एयर लीक की जांच करें, यदि आपको गैस लीक होने की बदबू आती है या कोई आवाज सुनाई देती है, तो तुरंत खिड़कियां खोलें और इमारत से बाहर निकलें, यदि संभव हो, तो गैस वाल्व बंद करें और गैस कंपनी को रिपोर्ट करें
– बिजली के उपकरणों की जांच करें, यदि किसी तरह का स्पार्क, नंगे तार या रबड़ जलने की गंध आए तो बिजली आपूर्ति बंद कर दें और इलेक्ट्रीशियन को बुलाएं
– शारीरिक रूप से विकलांग, बुजुर्ग, पड़ोसी और बच्चों की आवश्यकता पड़ने पर मदद करें

क्या नहीं करने की सलाह

– अफवाहों पर भरोसा करने और फैलाने से बचें
– चक्रवात के दौरान वाहन को चलाने या फिर किसी वाहन में सवारी की कोशिश न करें
– क्षतिग्रस्त इमारतों से दूर रहें
– घायल लोगों को दूसरी जगह तब तक शिफ्ट नहीं करें जब तक कि ऐसा करना बिल्कुल सुरक्षित न हो. इससे अधिक नुकसान हो सकता है
– तेल और अन्य ज्वलनशील पदार्थों को फैलने से रोकें. तुरंत साफ करें

कोरोना के साथ निसर्ग तूफान से बचने के लिए घरों में रहने की अपील

सीएम उद्धव ठाकरे ने राज्य के लोगों से अपील की है कि अगले दो दिन वे अपने घरों में ही रहें। उन्होंने राज्य के नाम संबोधन में कहा, ‘कल दोपहर के समय इस तूफान के आने की सूचना है, जिसे देखते हुए हमने मुम्बई, पालघर और सिंधुदुर्ग में पूरी तरह से अलर्ट कर दिया है। तूफान की गति 100 किलोमीट प्रति घंटे से भी अधिक है। जिस तरह से हमारा युद्ध कोरोना से जारी है, उसी तरह से हम इस तूफान बादल से भी लड़ेंगे और जीतेंगे।

निसर्ग की वजह से प्लेन और ट्रेन भी प्रभावित

अरब सागर में बन रहे चक्रवाती तूफान निसर्ग के आशंकित प्रभाव को देखते हुए मुंबई को हाई अलर्ट पर रखा गया है। यह तूफान अब कुछ देर में मुंबई और उसके आस-पास के तटीय इलाकों को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में बुधवार को सेंट्रल रेलवे ने मुंबई से निकलने और वहां आने वाली कुल आठ ट्रेनों की टाइमिंग बदल दी है। दिन में निकलने वाली इन ट्रेनों का वक्त बदलकर रात में शेड्यूल कर दिया गया है। इसके आलावा मुंबई एयरपोर्ट से कई विमानों को डाइवर्ट तो 15 से ज्यादा विमानों को रद्द किया गया है।

लोगों के समुंद्र के पास जाने पर पाबंदी

मुंबई में तूफान से निपटने और जान माल के नुकसान को रोकने के लिए पक्के इंतजाम किए गए हैं। मुंबई में धारा 144 लगाई गई है। लोगों से सैर-सपाटे के लिए समुद्री तटों पर नहीं जाने को कहा गया है। पार्कों में जाने पर रोक है।  लोगों से घरों में रहने की अपील की गई है। मुंबई और तटवर्तीय इलाकों में तूफान का ट्रेलर अभी से दिखना शुरू हो गया है। मुंबई, रत्नागिरी, पालघर और अहमदाहाद में जमकर बारिश हो रही है। समंदर में तो ऊंची ऊंची लहरें भी उठनी शुरू हो गई हैं।

मुंबई में नौसेना की टीम तैयार

चक्रवात निसर्ग के कारण उत्पन्न हुई परिस्थितियों से निपटने के लिए वेस्टर्न नेवल कमांड ने अपनी सभी टीमों को सतर्क कर दिया है। नौसेना ने पांच बाढ़ टीम और तीन गोताखोरों की टीम को मुंबई में तैयार रखा है। ये टीम राहत एवं बचाव अभियानों के लिए प्रशिक्षित और सुसज्जित हैं, जो मुंबई के विभिन्न नौसेना क्षेत्रों में तैनात हैं और ये तेजी से बचाव कार्यों के लिए सक्षम हैं। बाढ़ संभावित इलाकों की रेकी की गई है और सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसी तरह की व्यवस्था करवार नौसेना क्षेत्र, गोवा नौसेना क्षेत्र के साथ ही गुजरात, दमन और दीव नौसेना क्षेत्रों में भी की गई है।

तटीय इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है

निसर्ग चक्रवात को देखते हुए गुजरात में 20 हजार लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित जगहों पर ले जाया जाएगा। वलसाड और नवसारी में जिला प्रशासन तटीय इलाके के 47 गांवों से लोगों को निकालने का इंतजाम कर रहा है। पालघर जिले के कलेक्टर ने बताया कि निसर्ग तूफान के खतरे को देखते हुए तटीय इलाकों से 21 हजार से ज्यादा लोगों को बाहर निकाला जाएगा। 3 जून को आने वाले इस तूफान से पहले 22 गांवों से लोगों को बाहर निकालने का काम शुरू हो चुका है। आशंका जताई जा रही है कि वसई, पालघर, दहानू और तालासारी तालुके से लगभग 21080 लोगों को बाहर निकाला जा रहा है। इन सभी को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।

पीएम मोदी की हालात पर नजर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि भारत के पश्चिमी तट पर चक्रवात के हालात पर मैंने चर्चा की है। पीएम ने ट्ववीट में लिखा, ‘मैं सभी लोगों की कुशलता के लिए प्रार्थना कर रहा हूं। मैं लोगों से अपील करता हूं कि जितना संभव हो सावधानियां बरतें, साथ ही सुरक्षात्मक उपाय करें।’ पीएम मोदी ने गुजरात के सीएम विजय रुपाणी और महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे और दादरा-नगर हवेली और दमन-दीव के प्रशासकों से बात की और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है।

परमाणु-रासायनिक संयंत्रों काे खतरा

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि तूफान के मार्ग में रायगढ़ और पालघर में पड़ने वाले परमाणु और रासायनिक संयंत्र भी हैं, इन्हें लेकर चिंता जताई जा रही है। इससे बिजली बंद होने का भी खतरा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संबंध में उद्धव से बात भी की। पालघर में देश का सबसे पुराना तारापुर एटॉमिक पॉवर प्लांट है। यहां कुछ दूसरी पॉवर यूनिट्स भी हैं। मुंबई में भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर है। रायगढ़ में भी पॉवर, पेट्रोलियम, केमिकल्स और कुछ दूसरी अहम इंडस्ट्रीज हैं। मुंबई में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट और नेवी के अहम रणनीतिक ठिकाने हैं।

इसके पहले भी आता था मुंबई में चक्रवाती तूफान

मुंबई में 1891 के बाद कोई बड़ा चक्रवाती तूफान नहीं आया है। मुंबई में 2005 में भयंकर बाढ़ आई थी और उसके बाद 2017 और 2019 में भी शहर जलमग्न हो गया था लेकिन इसका कारण चक्रवात नहीं था।