नेपाल के विश्वप्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर को हिंसक प्रदर्शनों के बाद बंद रखने का निर्णय लिया गया है। इतना ही नहीं, मंदिर परिसर में सेना भी तैनात की गई है, क्योंकि आशंका जताई जा रही थी कि प्रदर्शनकारी मंदिर को भी निशाना बना सकते हैं। इसके साथ ही, अन्य कुछ मंदिरों की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।
पशुपतिनाथ मंदिर पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
खबरों के अनुसार, नेपाल की सेना ने मंगलवार, 9 सितंबर 2025 को हस्तक्षेप करते हुए प्रदर्शनकारियों को पशुपतिनाथ मंदिर के फाटक को क्षति पहुंचाने से रोक दिया। मंदिर को कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन क्षेत्र में सुरक्षा को बढ़ा दिया गया क्योंकि नेपाल में व्यापक Zen-G भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों का स्वरूप हिंसक हो गया है। नेपाल सेना की टुकड़ियां मौके पर तैनात की गईं और उन्होंने उन प्रदर्शनकारियों को रोक दिया जिन्होंने मंदिर के मुख्य द्वार को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी। घटना के बाद मंदिर को आगंतुकों के लिए बंद कर दिया गया और सेना को शांति बनाए रखने व मंदिर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैनात किया गया। यह घटना उस समय हुई जब पूरे काठमांडू में व्यापक भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इसमें सरकारी भवनों और राजनीतिक नेताओं के घरों को आग लगाए जाने जैसी घटनाएँ भी शामिल थीं।
Zen-G आंदोलनकारियों ने जलाई सरकारी संपत्ति
Zen-G प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति कार्यालय में भी आग लगा दी। कई सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया। हिंसक प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में नेपाल के सभी हवाईअड्डों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को सेना ने अपने नियंत्रण में ले लिया है। इस आंदोलन के दौरान नेपाल की जेलों से कैदियों के भाग जाने की भी खबरें हैं। बड़े पैमाने पर हुए प्रदर्शनों के कारण, जेल से बड़ी संख्या में कैदी फरार हो गए। बताया जा रहा है कि 900 कैदी जेल से भाग निकले हैं, हालांकि इस बारे में अभी और कोई पुष्टि नहीं मिल सकी है।
नेपाल में जनता ने किया तख़्तापलट
नेपाल में हाहाकार मचा हुआ है। युवा पीढ़ी सरकार के खिलाफ भीषण हिंसक प्रदर्शन कर रही है। नेपाल के प्रधानमंत्री ओली के घर में घुसकर तोड़फोड़ की गई, वहीं कुछ मंत्रियों को सीधे सड़क पर घसीटकर भीड़ ने उनकी जमकर पिटाई की। पूर्व प्रधानमंत्री झलनाथ के घर को आग के हवाले कर दिया, जिसमें उनकी पत्नी बुरी तरह झुलस गईं। वर्तमान समय में नेपाल की स्थिति बेहद गंभीर है। कई नेताओं ने देश छोड़कर भागने का रास्ता अपना लिया है। नेपाल में विरोध प्रदर्शनों के चलते अब तक 34 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। वहीं देश के अलग-अलग अस्पतालों में 1,368 घायलों का इलाज चल रहा है। 41 अस्पतालों में घायलों का उपचार किया जा रहा है। नेपाल में हालात पूरी तरह बदल गए हैं।
ओली का इस्तीफ़ा, सुशीला कार्की के बाद कुलमन घिसिंग का नाम आगे
बड़े बवाल के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के बाद कुलमन घीसिंग का नाम नेपाल के प्रधानमंत्री पद के लिए सामने आया है। युवाओं के समर्थन के बाद कुलमान घिसिंग का अंतरिम पीएम बनना तकरीबन तय माना जा रहा है। सेना ने कानून-व्यवस्था अपने हाथों में ले ली है। इतना ही नहीं, नेपाल की मौजूदा स्थिति को देखते हुए भारत ने भी अलर्ट मोड जारी किया है और सीमा क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी है। नेपाल के नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है। नेपाल की मौजूदा स्थिति पर भारत में भी एक बड़ी बैठक आयोजित की गई।
वायरल वीडियो का सच से कोई संबंध नहीं
That’s bullshit… Here’s the video proof of miscreants trying to forcefully enter Pashupatinath https://t.co/LD9wkUhx7d
— Upendra M Pradhan (@UpendraMPradhan) September 9, 2025
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ एक वीडियो, जिसमें दावा किया गया था कि प्रदर्शनकारी पशुपतिनाथ मंदिर के दरवाज़े तोड़ रहे हैं, भ्रामक है। तथ्य-जांच से पता चला कि वह वीडियो जुलाई 2025 में आयोजित नक्सल भगवती यात्रा नामक सांस्कृतिक जुलूस का है और हालिया अशांति से उसका कोई संबंध नहीं है। एक रिवर्स इमेज सर्च से पता चला कि वायरल क्लिप Hamro Jatra नामक फेसबुक पेज पर मिली थी, जो नेपाल के विभिन्न त्योहारों को कवर करता है। यह पोस्ट 14 जुलाई 2025 की है, जिससे पुष्टि होती है कि यह वीडियो हालिया अशांति से पहले का है।
Hamro Jatra के पुराने वीडियो पर हुआ विवाद
श्याम था, जो Hamro Jatra के एडमिन हैं, ने बताया कि यह वीडियो 31 मार्च 2025 का है, जब नक्सल भगवती यात्रा आयोजित हुई थी। इस त्योहार में नक्सल क्षेत्र के लोग पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचकर उसके द्वार खोलते हैं। श्याम था ने तस्वीरों के रूप में प्रमाण साझा किया, जिससे त्योहार का संदर्भ और तारीख की पुष्टि होती है। 31 मार्च 2025 की एक TikTok पोस्ट में भी इसी त्योहार के समान दृश्य दिखाई देते हैं। मौजूदा रिपोर्टों के अनुसार, मंदिर अभी अशांति के कारण बंद है और सुरक्षा बल वहां तैनात हैं।
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