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August 20, 2025

NDA के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने किया नामांकन दाखिल, पीएम मोदी बने प्रस्तावक

The CSR Journal Magazine
सी.पी. राधाकृष्णन के नामांकन में पीएम मोदी के साथ-साथ एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों और गठबंधन के करीब 160 सांसद शामिल हुए, जिनमें 20 प्रस्तावक और 20 समर्थक हैं।

बी सुदर्शन vs सी पी राधाकृष्णन

इंडिया ब्लॉक से उपराष्ट्रपति पद के लिए बी. सुदर्शन रेड्डी के नाम के ऐलान के साथ ही उपराष्ट्रपति पद के लिए रेस तेज हो गई है। NDA के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने आज उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ केंद्रीय मंत्री और एनडीए शासित राज्यों के सीएम और डिप्टी सीएम मौजूद रहे। सीपी राधाकृष्णन के नामांकन में पीएम मोदी खुद प्रस्तावक बने। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। राधाकृष्णन ने आज 20 अगस्त को सुबह 11 बजे अपना नामांकन दाखिल किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके प्रस्तावक रहे। यह जानकारी केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने दी। उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 9 सितंबर को संसद भवन में होगा और नतीजे इसी दिन रात तक घोषित होंगे।

पहले सेट के प्रस्तावक के तौर पर PM मोदी ने किए हस्ताक्षर

राधाकृष्णन की तरफ से कुल चार सेट नॉमिनेशन फाइल किया गया। हर सेट पर 20 प्रस्तावक और 20 अनुमोदक सांसदों के हस्ताक्षर हुए। एक सेट में पहले प्रस्तावक के तौर पर प्रधानमंत्री के हस्ताक्षर हुए। ऐसे ही तीन सेट सेट और फाइल हुए, जिसमें केंद्रीय मंत्रियों और एनडीए सांसदों के हस्ताक्षर थे। सी.पी. राधाकृष्णन के नामांकन में पीएम मोदी के साथ-साथ एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों और गठबंधन के करीब 160 सांसद शामिल हुए, जिनमें 20 प्रस्तावक और 20 समर्थक हैं। रिजिजू ने बताया कि मंगलवार को संसद भवन में आयोजित एनडीए संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने राधाकृष्णन को गठबंधन के सांसदों से मिलवाया और सर्वसम्मति से उनके समर्थन की अपील की।

राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर

तमिलनाडु के तिरुपुर में जन्मे हैं 68 वर्षीय सी.पी. राधाकृष्णन, और चार दशक से अधिक समय से राजनीति में सक्रिय हैं। उन्होंने 1974 में भारतीय जनसंघ के साथ अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से भी जुड़े रहे। वह 1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा सांसद चुने गए। इसके अलावा, वह तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष, झारखंड और तेलंगाना के राज्यपाल, और पुडुचेरी के उपराज्यपाल रह चुके हैं।

बी. सुदर्शन विपक्ष के उम्मीदवार

इंडिया अलायंस ने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी बनाया है। मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर पर विपक्ष दलों के नेताओं की मीटिंग हुई जिसमें बी. सुदर्शन रेड्डी के नाम पर मुहर लगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आज बी. सुदर्शन रेड्डी की मुलाकात इंडिया ब्लॉक में शामिल दलों के सांसदों से करवाएंगे। वह उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में 21 अगस्त को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। उन्हें भारत के सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों में से एक माना जाता है।

बी सुदर्शन का सामाजिक जीवन 

बी. सुदर्शन रेड्डी का जन्म 8 जुलाई 1946 को आंध्र प्रदेश के रंगा रेड्डी जिले के अकुला मैलारम गांव में एक कृषक परिवार में हुआ था। उन्होंने हैदराबाद में शिक्षा प्राप्त की और 1971 में उस्मानिया विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की। उसी वर्ष वे आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में वकील के रूप में पंजीकृत हुए। वह 2 मई 1993 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में अतिरिक्त जज नियुक्त हुए, और 2 मई 1995 को स्थायी जज बने। 5 दिसंबर 2005 को गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने और 12 जनवरी 2007 को सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए। बी. सुदर्शन रेड्डी 8 जुलाई 2011 को सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त हुए।

क्या है प्रक्रिया उपराष्ट्रपति चुनाव की

भारत में उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीख नजदीक आ गई है। बीते 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया था। इस कारण नए उपराष्ट्रपति को चुनने के लिए चुनाव हो रहा है। सत्ताधारी गठबंधन NDA ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। वहीं, विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया है। तो आखिर उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होगा कब? इस चुनाव में जीत के लिए कितने वोट जरूरी हैं? NDA और विपक्षी गठबंधन के पास कितने सांसद हैं? आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब।

कब है उपराष्ट्रपति का चुनाव

निर्वाचन आयोग की ओर से भारत के उपराष्ट्रपति को चुनने के लिए चुनाव का शेड्यूल जारी किया जा चुका है। चुनाव का आयोजन आगामी 9 सितंबर को किया जाएगा। NDA के उम्मीदवार सी पी राधाकृष्णन और इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी के बीच मुकाबला होगा।

उपराष्ट्रपति चुनाव का शेड्यूल

7 अगस्त, 2025 के दिन चुनाव आयोग द्वारा उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अधिसूचना ज़ारी की गई। नाम-निर्देशन करने की अंतिम तारीख 21 अगस्त, 2025 मुकर्रर हुई है। नाम-निर्देशनों की संवीक्षा 22 अगस्त, 2025 तक की जाएगी। अभ्यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख 25 अगस्त, 2025 है। वहीं उपराष्ट्रपति के महत्वपूर्ण पद के मतदान के लिए 9 सितंबर 2025 तय है। मतदान का समय- पूर्वा. 10.00 से अप. 05.00 बजे तक होगा। इसी दिन शाम तक मतगणना भी की जाएगी।
लोकसभा का गणित- लोकसभा में कुल 542 सांसद हैं, जिनमे से 293 सांसद सरकार के साथ हैं। वहीं विपक्ष के साथ 249 सांसद हैं। गैर NDA और गैर इंडिया ब्लॉक के 15 सांसद हैं।
राज्यसभा का गणित- राज्यसभा में कुल 240 सांसद हैं जिनमें से 134 सरकार के साथ हैं। वहीं विपक्ष के साथ 106 सांसद हैं। गैर NDA और गैर इंडिया ब्लॉक के 30 सांसद हैं।

बहुमत के लिए कितने वोट जरूरी

उपराष्ट्रपति चुनाव में बहुमत के लिए 392 सांसदों की जरूरत होगी। जानकारी के मुताबिक, सरकार के पक्ष में 427 सांसदों का समर्थन बताया जा रहा है। वैसे तो लोकसभा चुनाव के बाद नए सांसदों का बीजेपी ओरिएंटेशन प्रोग्राम करती रही है। लेकिन इस बार यह नहीं हो पाया था। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक अब 6 से 8 सितंबर तक सांसदों की वर्कशॉप की जाएगी। इसमें उन्हें संसद के विभिन्न नियमों के बारे में भी बताया जाएगा। इस बार बीजेपी के 100 से ज्यादा सांसद ऐसे हैं जो पहली बार लोकसभा चुनाव जीतकर आए हैं। ऐसे में बीजेपी इनके लिए अलग से वर्कशॉप आयोजित कर रही है। इसके साथ ही बीजेपी अपने सांसदों को उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया के बारे में भी बताएगी।

ताकि कोई वोट ना हो इनवेलिड

सूत्रों के मुताबिक 6 से 8 सितंबर तक बीजेपी सांसदों की वर्कशॉप के पीछे एक वजह यह भी है कि तब सभी सांसद दिल्ली में रहें क्योंकि 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। पार्टी नहीं चाहती कि एक भी सांसद अनुपस्थित रहे। इस दौरान बीजेपी सांसदों को मॉक ड्रिल के जरिए उपराष्ट्रपति चुनाव की पूरी प्रक्रिया बताएगी। पिछली बार जब उपराष्ट्रपति का चुनाव हुआ था तब भी बीजेपी ने अपने सांसदों के लिए इस तरह की वर्कशॉप की थी। उस वक्त जब मॉक ड्रिल कराई गई तब 52 सांसद ऐसे थे जिन्होंने बैलेट पेपर में इस तरह वोट दिया जिससे उनका वोट इनवेलिड माना गया। इसके बाद फिर वही मॉक ड्रिल दोहराई गई तो फिर भी 31 सांसदों के वोट इनवेलिड मिले।

बीजेपी देगी सांसदों को वोट की ट्रेनिंग

बीजेपी के एक नेता ने बताया कि कोई वोट इनवेलिड ना हो इसलिए इस बार भी सांसदों को जरूरी जानकारियां दी जाएंगी। जैसे वोट देते समय अपने कैंडिडेट को प्रिफरेंस 1 देनी होती है, यानी उनके नाम के आगे 1 लिखना होता है। अगर किसी ने 1 की जगह पर एक या one लिख दिया तो वह वेलिड नहीं माना जाएगा। इसी तरह वहां दी गई पेन से ही ये लिखना होता है, अगर कोई अपनी जेब से पेन निकालकर इसे लिखे तो वोट कैंसल हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की सभी जरूरी बातें सांसदों को बताई जाएंगी।

वोट मांगने निकले आला राजनीतिज्ञ

उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए और इंडिया ब्लॉक से उम्मीदवारों के नामों का ऐलान होने के बाद अब सांसदों की खेमें बंदी भी शुरू हो गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एनडीए की तरफ से विपक्षी दलों से बात रहे हैं। वहीं, मंगलवार को सीपी राधाकृष्णन ने भी एनडीए के नेताओं से मुलाकात की और समर्थन मांगा।
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