बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नज़दीक आते ही NDA (National Democratic Alliance) में सीटों का बंटवारा अंतिम चरण में पहुँच गया है। सूत्रों के मुताबिक, BJP (भारतीय जनता पार्टी) और JD(U) (जनता दल यूनाइटेड) के बीच लगभग सहमति बन चुकी है। दोनों पार्टियां बराबर-बराबर यानी लगभग 100–105 सीटों पर चुनाव लड़ सकती हैं। हालाँकि, चिराग पासवान की पार्टी LJP (Ram Vilas) की सीटों को लेकर गतिरोध अभी बरकरार है।
BJP–JD(U) के बीच संतुलन
NDA सूत्रों का कहना है कि JD(U) किसी भी हाल में 100 से कम सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेगी। पिछली बार 2020 के चुनाव में JD(U) ने 115 और BJP ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस बार भी सीटों का बंटवारा लगभग बराबरी पर रहेगा। एक वरिष्ठ NDA नेता के मुताबिक, “चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। JD(U) के पास अब भी बिहार के लगभग 10% वोट हैं, खासकर EBC (Extremely Backward Classes) में। BJP और JD(U) बराबर सीटें लड़ेंगी, जबकि छोटे दलों को समायोजित करने के लिए थोड़ा-बहुत बदलाव किया जा सकता है।”
LJP(RV) की बड़ी मांग, NDA की मुश्किल
चिराग पासवान की पार्टी LJP(RV) ने इस बार 40 सीटों की मांग की है। हालाँकि, NDA के रणनीतिकारों का मानना है कि यह मांग अव्यावहारिक है। एक वरिष्ठ BJP नेता ने कहा कि “LJP के पास लोकसभा में 5 सांसद हैं, इसका सम्मान होगा। लेकिन विधानसभा सीटों का सही आंकड़ा 20 के आसपास ही होना चाहिए। हमें मांझी (HAM-S) और कुशवाहा (RLM) जैसे अन्य सहयोगियों को भी सीटें देनी हैं।”
2020 के विधानसभा चुनावों में LJP ने 135 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे लेकिन सिर्फ एक सीट जीत पाई थी। हालांकि, JD(U) के खिलाफ उम्मीदवार उतारने से नीतीश कुमार की पार्टी को भारी नुकसान हुआ था। कई सीटों पर LJP तीसरे नंबर पर रही, लेकिन विजेता के अंतर से ज्यादा वोट हासिल किए, जिससे JD(U) की हार हो गई।
लोकसभा चुनाव में LJP(RV) की ताकत
चिराग पासवान की LJP(RV) का तर्क है कि उसने 2024 के लोकसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन किया था। पार्टी ने सभी 5 सीटें जीती थीं और 6% से अधिक वोट हासिल किए थे। पार्टी का दावा है कि उसने अपने निर्वाचन क्षेत्रों के 30 में से 29 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त बनाई थी। चिराग समर्थकों का कहना है कि इस प्रदर्शन को देखते हुए विधानसभा चुनाव में भी पार्टी को सम्मानजनक हिस्सेदारी मिलनी चाहिए।
हालाँकि, JD(U) नेताओं का कहना है कि लोकसभा चुनाव नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़े गए थे, लेकिन विधानसभा चुनाव स्थानीय मुद्दों और पार्टी की जमीनी ताकत पर आधारित होंगे।
छोटे दलों की भूमिका
NDA गठबंधन में HAM(S) (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा), RLM (राष्ट्रीय लोक मोर्चा) और संभवतः VIP (विकासशील इंसान पार्टी) को भी सीटें देनी होंगी। VIP फिलहाल RJD–Congress के महागठबंधन का हिस्सा है, लेकिन अगर वह NDA में शामिल होती है तो समीकरण बदल सकते हैं। ऐसे में BJP और JD(U) पर छोटे दलों को साधने का दबाव है।
सीटों के लिए दबाव बनाने की रणनीति
सूत्रों का कहना है कि LJP(RV) हाल के दिनों में नीतीश सरकार की कानून-व्यवस्था पर लगातार हमले कर रही है। चिराग पासवान ने भी राज्य की राजनीति में आक्रामक वापसी का ऐलान किया है। जानकारों का कहना है कि यह सब गठबंधन पर ज्यादा सीटों के लिए दबाव बनाने की रणनीति है।
LJP(RV) का दीर्घकालिक लक्ष्य बिहार में 15% वोट शेयर तक पहुँचना है। फिलहाल 2020 के चुनाव में पार्टी को 5.66% वोट मिले थे।