योगी सरकार में नवरात्रि बना आस्था, परंपरा और विकास का अद्भुत संगम
उत्तर प्रदेश की पावन धरती पर इस बार शारदीय नवरात्रि केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं रही, बल्कि आस्था, परंपरा, पर्यटन और महिला सशक्तिकरण का अद्भुत संगम बन गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल और सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों ने इस नवरात्रि को ऐतिहासिक बना दिया। नौ दिनों के भीतर प्रदेशभर के प्रमुख शक्तिपीठों और देवी मंदिरों में 2 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचे। कहीं लाखों की भीड़ ने जयकारे लगाए, तो कहीं मेले और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने त्योहार को यादगार बना दिया।
विंध्यवासिनी धाम: श्रद्धालुओं की पहली पसंद
मीरजापुर स्थित विंध्यवासिनी धाम उत्तर भारत का सबसे बड़ा शक्ति उपासना केंद्र बना रहा। यहां रोजाना 4 से 5 लाख श्रद्धालु पहुंचे, जबकि सप्तमी से नवमी के बीच संख्या 7 लाख तक जा पहुंची। इस बार भक्तों के लिए यात्रा पहले से कहीं आसान और व्यवस्थित रही, जिसका श्रेय विंध्याचल कॉरिडोर परियोजना को जाता है। चौड़ी परिक्रमा पथ, यात्री शेड और आधुनिक लाइटिंग ने भीड़ प्रबंधन को सहज बना दिया।
वाराणसी: विशालाक्षी और दुर्गाकुंड में उमड़ी श्रद्धा
वाराणसी के मां विशालाक्षी शक्तिपीठ, गायत्री शक्तिपीठ और दुर्गाकुंड स्थित कुष्मांडा मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ा। यहां नौ दिनों में लाखों श्रद्धालु पहुंचे। दक्षिण भारत से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु वाराणसी पहुंचे, जिससे यह धाम राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय आस्था का केंद्र बन गया।
गोरखपुर: तरकुलहा और बुढ़िया माई धाम में दिखा नया स्वरूप
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृहनगर गोरखपुर का तरकुलहा देवी मंदिर इस बार नवरात्रि का आकर्षण रहा। यहां 5 लाख से ज्यादा भक्त पहुंचे। वहीं कुसम्ही जंगल का बुढ़िया माई मंदिर भी भक्तों से खचाखच भरा रहा, जहां सरकार ने करोड़ों की लागत से सुविधाओं का विस्तार किया है।
सहारनपुर: शाकम्भरी और त्रिपुर बाला सुंदरी में श्रद्धा का प्रवाह
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में शाकंभरी देवी मंदिर और त्रिपुर बाला सुंदरी धाम भक्तों के लिए विशेष केंद्र रहे। यहां कुल मिलाकर 11 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे। सरकार द्वारा सुरक्षा और स्वच्छता की विशेष व्यवस्था के कारण भक्तों ने नवरात्रि को सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से मनाया।
प्रयागराज: गंगा तट पर आस्था का संगम
प्रयागराज के अलोप शंकरी मंदिर और कल्याणी देवी धाम में लाखों श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में मत्था टेका। सरकार ने यहां 6 करोड़ रुपये की लागत से यात्री शेड, प्रकाश व्यवस्था और सौंदर्यीकरण का कार्य कराया। नवरात्रि के अंतिम दिनों में गंगा तट पर आस्था और संस्कृति का भव्य संगम दिखाई दिया।
देवीपाटन धाम: आस्था और नारी शक्ति का संगम
बलरामपुर स्थित देवीपाटन धाम इस बार आस्था के साथ महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बन गया। यहां 6.5 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे और 15 दिवसीय मेला आस्था और परंपरा का केंद्र बना। सरकार ने मार्ग चौड़ीकरण, लेजर शो, फसाड लाइटिंग और सुरक्षा इंतजाम से इस धाम की भव्यता को नया रूप दिया।
मिशन शक्ति 5.0: भक्ति के साथ शक्ति का उत्सव
इस बार नवरात्रि सिर्फ पूजा तक सीमित नहीं रही। योगी सरकार ने मिशन शक्ति 5.0 को नवरात्रि से जोड़ा। महिला पुलिस की स्कूटी रैली, हर तहसील में कन्याओं को प्रशासनिक जिम्मेदारी सौंपने की पहल और मंदिरों में महिला सुरक्षा इंतजाम ने नवरात्रि को महिला सम्मान का पर्व बना दिया। 1090 हेल्पलाइन सक्रिय की गई और महिला सशक्तिकरण से जुड़ी प्रदर्शनी ने आस्था और शक्ति का सुंदर संदेश दिया।
अन्य धामों में भी गूंजे जयकारे
जौनपुर का शीतला चौकिया मंदिर – 10 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे। नैमिषारण्य की ललिता देवी मंदिर – महानवमी पर भक्तों का सैलाब उमड़ा। आगरा का चामुंडा देवी मंदिर और कैला माता धाम – कुल मिलाकर 30 लाख से अधिक भक्त पहुंचे। मथुरा का नरी सेमरी मंदिर – परंपरागत पूजा पद्धति ने भक्तों को आकर्षित किया। झांसी के महाकाली और पंचकुइयां मंदिर – आल्हा-उदल की गाथा के साथ भक्तों ने मां का स्मरण किया। नवरात्रि 2025 में उत्तर प्रदेश ने आस्था और विकास का ऐसा संगम दिखाया, जिसने धार्मिक पर्यटन को नया आयाम दिया। करोड़ों श्रद्धालु जहां देवी मंदिरों में दर्शन करने पहुंचे, वहीं सरकार की योजनाओं और व्यवस्थाओं ने उनकी यात्रा को सहज, सुरक्षित और यादगार बनाया। इस बार नवरात्रि केवल भक्ति का पर्व नहीं रही, बल्कि नारी शक्ति और सांस्कृतिक गौरव का भी प्रतीक बन गई
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