वैज्ञानिक अध्ययनों ने दिखाया है कि अनार (Pomegranate) और अखरोट (Walnut) में मौजूद बायोएक्टिव यौगिक (Polyphenols) हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) को सुदृढ़ करने के साथ ही ऑक्सीडेटिव तनाव, सूजन और कैंसर जैसी पुरानी बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं।
अनार- Antioxidant और सूजन विरोधी गुण
अनार (वैज्ञानिक नाम Punica Granatum) में कई प्रकार के बायोएक्टिव यौगिक पाए जाते हैं। जैसे पॉलीफेनॉल, एल्लैगिटैनिन, एंथोसायनिन इत्यादि, जो शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट और विरोधी-सूजन (Anti-Inflammatory) गुण देते हैं। एक समीक्षा में यह पाया गया है कि अनार के विभिन्न भागों, फल, छिलका, पत्ते ऑक्सीडेटिव तनाव (Oxidative Stress) और सूजन के मार्ग (Signaling Pathways) को प्रभावित करते हैं। अनार की पॉलीफेनॉल युक्त सामग्री कोशिका स्तर पर फ्री रेडिकल्स (Free Radicals) को निष्क्रिय करती है और एंटीऑक्सिडेंट एंजाइम (जैसे Superoxide Dismutase, Catalase) की गतिविधि को बढ़ा सकती है।
कैंसर (Cancer)-रोधी प्रभाव
अनार में मौजूद यौगिक न केवल एंटीऑक्सीडेंट हैं, बल्कि उन्होंने कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में भी सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं। Punica Granatum एक्सट्रेक्ट विभिन्न कैंसर कोशिका लाइनों (जैसे स्तन कैंसर, कोलन कैंसर) में सेल प्रसार (Cell Proliferation) को धीमा कर सकते हैं, और अपोप्टोसिस (Programmed Cell Death) को बढ़ा सकते हैं। वे सूजन-संकेतन (Inflammatory Signaling) को भी मॉडुलैट कर सकते हैं। विशेष रूप से NF-κB और Nrf2 जैसे मार्गों को प्रभावित करते हैं, जो जीन एक्सप्रेशन को बदलकर सेल वृद्धि और जीवित रहने की क्षमता को नियंत्रित करते हैं। एक पशु/कक्षीय अध्ययन में अनार के यौगिक ने मेटास्टेसिस (कैंसर का प्रसार) से जुड़े मार्गों (Angiogenesis, कोशिका चिपकने की प्रक्रिया) को अवरुद्ध करने की क्षमता दिखायी थी।
अनार (Pomegranate) पर हाल-के मानव अध्ययन- सूजन और प्रतिरक्षा पर प्रभाव
एक रैंडमाइज्ड नियंत्रित ट्रायल (2022-2024) में, 55–70 वर्ष की आयु के प्रतिभागियों ने अनार एक्सट्रेक्ट लिया, और अध्ययन में उनके इन्फ्लेमेटरी मार्कर्स और कार्डियोमेटाबॉलिक जोखिम कारक की जांच की गई। यह अध्ययन MDPI जर्नल में प्रकाशित है, और दिखाता है कि अनार एक्सट्रेक्ट लेने से कुछ प्रो-इन्फ्लेमेटरी साइटोकाइन्स (Cytokines) में कमी आ सकती है, और समग्र ऑक्सीडेंट क्षमता (Antioxidant Capacity) में सुधार हो सकता है। इसके अलावा, एक वैज्ञानिक समीक्षा में बताया गया है कि अनार में मौजूद एल्लैजिक एसिड (Ellagic Acid) और अन्य पॉलीफेनॉल्स न केवल एंटी-इन्फ्लेमेटरी प्रभाव दिखाते हैं, बल्कि वे कैंसर-प्रेरित रास्तों (Signaling Pathways) जैसे NF-κB को भी बाधित कर सकते हैं। एक अन्य अध्ययन (2025) फ्यूचर वर्क (Natural Products + Immunity) में भी यह उल्लेख है कि अनार के पॉलीफेनॉल, विशेषकर प्यूनीकलागिन (Punicalagin) और एल्लैजिक एसिड, CRP (C-Reactive Protein), IL-6, TNF-α जैसे सूजन मार्कर को घटाने में सक्षम हैं।
सुरक्षा और संभावित उपयोग
वैज्ञानिकों ने पाया है कि अनार का फल, उसका रस और एक्सट्रैक्ट अपेक्षाकृत सुरक्षित है, और इसके एंटीऑक्सीडेंट एवं एंटी-इन्फ्लैमेटरी तत्वों का उपयोग दीर्घकालीन रोगों (जैसे हृदय रोग, मधुमेह, न्यूरोलॉजिकल रोगों) में संभावित थेरेपी के रूप में किया जा सकता है। हालांकी शोधकर्ताओं ने यह भी सुझाव दिया है कि अनार यौगिकों के सक्रिय घटकों पर और अधिक अध्ययन करना चाहिए ताकि उनके चिकित्सीय उपयोग (जैसे कैंसर एडजुवेंट थेरेपी) को बेहतर तरीके से समझा जा सके।
दरअसल, पिछले 5 सालों में अनार (Pomegranate) और अखरोट (Walnut) पर मानव अध्ययन कुछ ज़्यादा व्यापक नहीं हैं, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण शोध हुए हैं जो उनकी प्रतिरक्षा-सिस्टम Inflammation पर सकारात्मक प्रभाव दिखाते हैं। नीचे उन हाल-के अध्ययनों का सार प्रस्तुत है।
अखरोट (Walnut) से जुड़ा क्लीनिकल ट्रायल- सूजन और कोलन कैंसर जोखिम में कमी
यूनिवर्सिटी ऑफ़ कनेक्टिकट (UConn) ने एक क्लीनिकल ट्रायल किया जिसमें 40-65 साल की आयु के 39 प्रतिभागियों को शामिल किया गया था, जो कोलन कैंसर के जोखिम में थे। इस अध्ययन में प्रतिभागियों ने हर दिन करीब 28 ग्राम अखरोट खाया। उनके आंत (गट) माइक्रोबायोम ने अखरोट में पाए जाने वाले एल्लजिटैनिन (Ellagitannins) को योलिथिन A (Urolithin A) में बदल दिया, जो एक शक्तिशाली एंटी-इन्फ्लेमेटरी (Anti-Inflammatory) यौगिक है। इस ट्रायल में पाया गया कि जिन प्रतिभागियों में योलिथिन A का स्तर अधिक था, उनके रक्त, मूत्र और मल में सूजन (Inflammatory) मार्कर्स कम थे। इसके अलावा, उन लोगों में Colon Polyps में “Vimentin” नामक प्रोटीन की मात्रा में कमी देखी गई, जो अक्सर अधिक आक्रामक कोलन कैंसर से जुड़ा होता है। यह अध्ययन दर्शाता है कि अखरोट के सेवन से न सिर्फ सामान्य सिस्टमिक सूजन में कमी आ सकती है, बल्कि प्रतिक्रिया में प्रतिरक्षा कोशिकाओं को भी प्रभावित किया जा सकता है। खासकर जो पॉलिप्स जैसी असामान्य कोशिकाओं में होते हैं।
अखरोट (Walnut) और उसका इम्यून सिस्टम पर प्रभाव
1. एंटीऑक्सिडेंट और सूजन-रोधी प्रभाव
अखरोट (Juglans Regia L.) में भी कई जैव-सक्रिय यौगिक पाए जाते हैं। जैसे पॉलीफेनॉल, फ्लैवोनॉयड, जो मुक्त कणों (free radicals) को हटाने और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। एक समीक्षा अध्ययन में यह दिखाया गया है कि अखरोट के यौगिक NF-κB मार्ग को बाधित करते हैं, जो सूजन (Inflammation) और इम्यून प्रतिक्रिया का एक प्रमुख नियंत्रक है। इनके द्वारा बनाई जाने वाली एंटी-प्रो-इन्फ्लेमेटरी क्रिया (Inhibiting Inflammatory Cytokines) कोशिका क्षति (Cellular Damage) को भी कम कर सकती है।
2. इम्यून-मॉड्यूलेशन (Immune Modulation)
अध्ययन बताते हैं कि अखरोट प्रतिरक्षा कोशिकाओं (Immune Cells) की गतिविधि को प्रभावित कर सकते हैं, जैसे साइटोकाइन (Cytokine) उत्पादन में संशोधन, जिससे इम्यून सिस्टम संतुलित और सक्षम बनता है। अखरोट यौगिक सेल एपोप्टोसिस (Programmed Cell Death) के मार्गों को नियंत्रित भी करते हैं, जो संक्रमित या असामान्य कोशिकाओं को पहचानने और नष्ट करने में प्रतिरक्षा प्रणाली की मदद करता है।
3. कैंसर-रोधी गुण
एक शोध (International Journal of Oncology) में पाया गया है कि अखरोट की खपत मेले पैलेक्स मॉडल (Mice) में मानव स्तन कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि दर को काफी घटा देती है। अखरोट में पाये जाने वाले एक प्रकार के यौगिक जैसे फैलोएलिक एसिड, स्टिलबेन, लिगन, टैन्निन आदि कोशिका विभाजन (Cell Proliferation) और ट्यूमर विकास में बाधा डाल सकते हैं। इसके अतिरिक्त, अखरोट यौगिक न केवल कैंसर कोशिकाओं में वृद्धि को रोकते हैं, बल्कि उनमे Anti-Aging गुण भी पाए गए हैं, जो मस्तिष्क में Neuronal Damage की संभावना को कम कर सकते हैं।
अखरोट (Walnut) की समीक्षा- इम्यून-मॉड्यूलेशन (Immune Modulation)
एक हालिया समीक्षा (2024–2025) ने Juglans Regia यानि अखरोट की एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एपनोटोसिस-नियंत्रक और इम्यून-मॉड्यूलेटिंग गुणों को संकलित किया है। यह समीक्षा बताती है कि अखरोट में पॉलीफेनॉल, फ्लैवोनॉयड जैसे यौगिक हैं, जो प्रतिरक्षा कोशिकाओं (Immune Cells) की क्रियाशीलता को प्रभावित कर सकते हैं, चाहे वह सूजन कोशिकाओं का उत्पादन हो या कोशिका मृत्यु (Apoptosis) का मार्ग। समीक्षा में यह भी कहा गया है कि अखरोट यौगिक माइक्रोबायोम (Gut Microbiome) को सकारात्मक रूप से बदल सकते हैं, जिससे लाभकारी बैक्टीरिया बढ़ें और प्रतिरक्षा प्रणाली बेहतर तरीके से काम करे। विशेष रूप से, अखरोट में पाया जाने वाला Ellagitannin, Ellagic Acid, Urolithin का रूपांतरण माइक्रोबायोम के माध्यम से बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि योलिथिन A एक शक्तिशाली एंटी-इन्फ्लेमेटरी एजेंट है।
अनार + अखरोट = इम्यून सिस्टम की ताकत
दोनों ही सुपरफूड- अनार और अखरोट, पॉलीफेनॉल और अन्य एंटीऑक्सिडेंट यौगिकों पर आधारित हैं, जो मुक्त कणों (Free Radicals) को निरोधी प्रभाव (Scavenging) देते हैं और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं। सूजन (Inflammation) को नियंत्रित करना भी उनकी खासियत है। NF-κB, COX-2 जैसे मार्गों पर पडने वाला प्रभाव उनकी प्रतिरक्षा-संतुलन को बेहतर बनाता है। इनका कैंसर-रोधी प्रभाव भी महत्वपूर्ण है। ये यौगिक कोशिका विभाजन को रोकते हैं, असामान्य कोशिकाओं में अपोप्टोसिस को बढ़ाते हैं, और मेटास्टेसिस (ट्यूमर का प्रसार) के मार्गों को बाधित करते हैं। साथ ही, इनकी उपयोगिता सिर्फ प्रयोगशाला तक सीमित नहीं है। कई अध्ययन यह सुझाव देते हैं कि नियमित आहार में अनार और अखरोट को शामिल करने से दीर्घकालिक स्वास्थ्य (Chronic Disease) लाभ मिल सकता है, जैसे हृदय रोग, न्यूरोलॉजिकल क्षति और विभिन्न प्रकार के कैंसर।
सावधानियां और सीमाएं
अधिकांश अध्ययन इन विट्रो (कोशिका-संस्कृति) या पशु मॉडल पर आधारित हैं। इसका मतलब है कि मनुष्यों पर प्रभाव पूरी तरह समान हो, यह सुनिश्चित करने के लिए Clinical trials की ज़रूरत है। अनार या अखरोट का अधिक सेवन भी सीमाओं के साथ हो सकता है। विशेष रूप से यदि कोई पहले से अन्य दवाइयां ले रहा हो, या किसी विशेष बीमार स्थिति में हो। Supplements का उपयोग करने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह लेना महत्वपूर्ण है, क्योंकि सक्रिय यौगिकों की तीव्रता और जैवउपलब्धता बदल सकती है।
सभी शोधों का व्यावहारिक अर्थ
मानव परीक्षणों की संख्या सीमित है, लेकिन जो अध्ययन हुए हैं, वे बहुत प्रोत्साहित करने वाले हैं। अखरोट का सेवन सूजन को कम करने और प्रतिरक्षा-संकेतों को बेहतर करने में सहायक दिखा है, खासकर उन लोगों में जिन्हें कोलन कैंसर का जोखिम है। अनार का सेवन भी प्रतिरक्षा-संकेतों और सूजन-मार्कर्स में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में काम कर सकता है। इन दोनों खाद्य पदार्थों के यौगिक (जैसे एल्लैजिक एसिड, योलिथिन A) का मानव स्वास्थ्य पर लाभ साबित करने के लिए और बड़े, लंबी अवधि के क्लीनिकल ट्रायल की ज़रूरत है। व्यावहारिक रूप से, यदि आप अपने प्रतिरक्षा-सिस्टम को सपोर्ट करना चाहते हैं, तो अनार और अखरोट को संतुलित आहार के हिस्से के रूप में शामिल करना एक अच्छा विचार हो सकता है, लेकिन इन्हें “जादुई दवा” के रूप में न देखें।
चिकित्सक की सलाह और अनार+ अखरोट
अनार और अखरोट वैज्ञानिक रूप से समर्थन प्राप्त प्राकृतिक स्रोत हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को सशक्त बनाने में मदद कर सकते हैं। कोशिका क्षति और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम कर सकते हैं। सूजन-प्रेरित मार्गों को नियंत्रित कर सकते हैं, और कुछ प्रकार के कैंसर के जोखिम को घटाने में योगदान कर सकते हैं। अगर आप अपने आहार में स्वास्थ्य-बढ़ाने वाले प्राकृतिक तत्व जोड़ना चाहते हैं, तो अनार और अखरोट एक बेहतरीन शुरुआत हो सकते हैं। लेकिन इसके साथ ही, याद रखें कि ये “चमत्कारी औषधियां” नहीं हैं। स्थायी लाभ के लिए इन्हें संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और चिकित्सकीय सलाह के साथ जोड़ना चाहिए।
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