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March 19, 2025

Nagpur Riots: महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र पर सियासत का मिजाज़ गरमाया

Nagpur Riots: नागपुर में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर सियासत तेज़ हो गई है। मंगलवार को शिवसेना (UBT) के नेता आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र के CM Devendra Fadnavis और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर जोरदार हमला बोला। आदित्य ठाकरे ने नागपुर हिंसा (Nagpur Riots) के लिए सीधे तौर पर राज्य सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि बीजेपी जानबूझकर महाराष्ट्र को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है। आदित्य ठाकरे ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, “मुझे लगता है कि बीजेपी महाराष्ट्र को अगला मणिपुर बनाना चाहती है। मणिपुर में पिछले एक साल से छिटपुट हिंसक घटनाएं हो रही हैं। इसका असर वहां की निवेश नीति और पर्यटन पर पड़ा है। बीजेपी महाराष्ट्र में भी ऐसा ही करना चाहती है। अगर आप मणिपुर पर नजर डालें, तो पाएंगे कि राज्य 2023 से हिंसा का सामना कर रहा है। पूरे राज्य में संघर्ष चल रहा है। क्या वहां निवेश होगा या पर्यटन में वृद्धि होगी? नहीं! वे महाराष्ट्र को भी उसी स्थिति में डालना चाहते हैं। Vietnam भारत से छोटा देश है और जनसंख्या भी कम है, लेकिन उनका इलेक्ट्रॉनिक उद्योग 3 गुना अधिक है। हमारा देश खुद को मजबूत मानता है, लेकिन भाजपा देश को जिलों, धर्मों और जातियों में बांटने की कोशिश कर देश को सालों पीछे धकलने की कोशिश कर रही है।”
ठाकरे ने आरोप लगाया कि राज्य में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव से महाराष्ट्र की छवि खराब हो रही है। उन्होंने कहा कि हिंसा के कारण न केवल जनता परेशान हो रही है, बल्कि राज्य में निवेश करने वाली कंपनियां भी डर और अनिश्चितता का माहौल महसूस कर रही हैं। बीजेपी की नीतियां और उसके नेताओं के भड़काऊ बयान राज्य को आर्थिक और सामाजिक रूप से पीछे धकेल रहे हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस Nagpur में ही रहते हैं, फिर भी वहां ऐसी हिंसा कैसे हो गई? यह सवाल उठना स्वाभाविक है।”

‘BJP का तय फॉर्मूला है’

Nagpur Riots पर बात करते हुए शिवसेना (UBT) नेता आदित्य Thackrey ने कहा कि भाजपा इस मामले में बेशर्म है। दुख की बात है कि जब भाजपा शासन नहीं कर पाती है, तो वे हिंसा और दंगे का सहारा लेते हैं और हर राज्य में यही उनका तय फार्मूला है। वे 300-400 साल पहले जीने वाले किसी व्यक्ति का इतिहास खोदने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे भविष्य के बारे में नहीं बोल सकते, वे वर्तमान के बारे में नहीं बोल सकते। विडंबना यह है कि कब्र की रक्षा केंद्र सरकार करती है।” आदित्य ठाकरे ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र हमेशा से शांतिपूर्ण और प्रगतिशील राज्य रहा है, जहां विविधता में एकता की मिसाल दी जाती रही है। लेकिन हाल के घटनाक्रम राज्य की गंगा-जमुनी तहजीब पर खतरा पैदा कर रहे हैं। Aditya Thackrey ने मांग की, कि Nagpur Riots की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच कराई जाए और दोषियों को कड़ी सज़ा दी जाए। साथ ही उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वे कानून व्यवस्था को संभालने में विफल साबित हो रही हैं। फिलहाल नागपुर में हिंसा के बाद तनाव बना हुआ है और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। नागपुर की घटना ने राज्य में एक नई बहस को जन्म दे दिया है कि क्या महाराष्ट्र में मणिपुर जैसे हालात बनने की आशंका है या यह सिर्फ राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का हिस्सा है।

Nagpur Riots के लिए फिल्म ‘छावा’ जिम्मेदार- CM Fadnavis

Nagpur Riots: महाराष्ट्र के नागपुर में हुई हिंसा पर राजनीति शुरू हो गई है। विपक्षी पार्टियों ने सत्ताधारी गठबंधन पर तीखा निशाना साधा है। कांग्रेस ने राज्य में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के लिए फडणवीस सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास होम मिनिस्ट्री है और वे सांप्रदायिक हिंसा के लिए छावा फिल्म को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। सुप्रिया ने कहा कि यदि ऐसा है, तो क्या सीएम झुनझना बजाने के लिए सत्ता में बैठे हैं? सत्ताधारी गठबंधन के नेताओं के नफरती भाषण की वजह से Maharashtra में माहौल बिगड़ा है। Nagpur Riots के बारे में विधानसभा में प्रतिक्रिया देते हुए CM Fadnavis ने कहा कि इस घटना के लिए फिल्म ‘छावा’ जिम्मेदार है। उनके अनुसार ‘छावा’ फिल्म ने इतिहास के गड़े मुर्दे उखाड़ कर लोगों में औरंगजेब के प्रति गुस्से को भड़का दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि हिंसा की शुरुआत एक अफवाह की वजह से हुई, कि एक प्रतीकात्मक कब्र पर एक चादर जलाई गई जिसपर एक धार्मिक चिह्न था। इस अफवाह के बाद ही दोनों पक्षों में गुस्सा भड़का जो हिंसा में बदल गया और पत्थरबाजी, आगजनी और तोड़फोड़ का भयानक तांडव हुआ। हालात को काबू में करने के लिए पहुंचे पुलिस वालों पर भी हमला किया गया। इस हमले में 33 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। DCP स्तर के तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी घायल हुए।

शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे सरकार पर बरसे

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर भाजपा को हरे रंग से दिक्कत है तो वह अपने झंडे से इस रंग को हटा दे। Nagpur Riots की साज़िश रचने वालों का जल्द से जल्द खुलासा करने की मांग करते हुए उद्धव ने कहा कि औरंगजेब तो 400 साल पहले आया था, और अगर इतनी पुरानी बात निकालना चाहते हैं तो निकालिए, उसकी कब्र भी उखाड़ दीजिए, लेकिन इससे पहले आप चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार को भी जरूर बुलाइए। विश्व हिंदू परिषद VHP के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि हमारा विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्वक खत्म हो गया था, लेकिन बाद में कुछ लोगों ने एक धर्मस्थल पर जाकर साजिश रची, जिसके बाद धार्मिक विवाद बढ़ाकर उसे हिंसा में बदल दिया। महाराष्ट्र में मंत्री नितेश राणे ने Nagpur Riots की पूरी घटना के लिए अबु आजमी को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि सरकार को बदनाम करने के लिए सुनियोजित तरीके से हिंसा भड़काई गई है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोगों से शांति की अपील करते हुए कहा कि अफवाहों पर ध्यान न दें। नागपुर शहर का इतिहास शांति बनाए रखने के लिए जाना जाता है, और नागपुर की इस गरिमा को बनाए रखें। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने भी गलती की है, सरकार उसे नहीं छोड़ेगी। BSP सुप्रीमो मायावती ने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह ऐतिहासिक कब्रों और मज़ारों की रक्षा करे।

कब्र हटाने की मांग से भड़की दंगों की आग

Chatrapati Sambhaji Maharaj के जीवन पर बनी फ़िल्म ‘छावा’ की स्क्रीनिंग के साथ ही औरंगज़ेब के ख़िलाफ़ अचानक नफ़रत की बातें सामने आने लगीं। इतिहास में Sambhaji के बारे में ना पढ़ाए जाने को लेकर लोगों में नाराज़गी फैलने लगी । जनता में औरंगज़ेब की क्रूरता को लेकर फैली नफ़रत पर राजनीतिक सियासत शुरू हो गई जिसके बाद महाराष्ट्र के नेताओं ने औरंगजेब के कब्र को लेकर बयान जारी करने शुरू कर दिए। राज्य मंत्रिमंडल में शामिल नितेश राणे और सांसद नवनीत राणा ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग कर दी। तेलंगाना में भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने भी ऐसी ही मांग की। इस मांग के समर्थन में Nagpur के संभाजीनगर में विरोध प्रदर्शन हुए। बजरंग दल ने कहा कि अगर सरकार इस कब्र को नहीं हटाती है तो वे अपनी ओर से इसके लिए प्रयास करेंगे। उन्होंने कार सेवा का ऐलान किया। इन्हीं विवादों के बीच नागपुर में किसी ने अफवाह फैलाई कि एक धर्मग्रंथ को जला दिया गया है। इसके बाद उनके समर्थकों ने इसका विरोध किया। इसके बाद नागपुर में फैली हिंसा जनता के सामने है। पुलिस के अनुसार 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया। पांच एफआईआर दर्ज किए गए। इस सारे घटनाक्रम में CM Fadnavis ने कहा कि हमारी मजबूरी है कि हम औरंगजेब की कब्र की रखवाली के लिए सरकारी कोष से पैसे खर्च कर रहे हैं, क्योंकि इस स्थल को Archeological Survey Of India (ASI) का संरक्षण हासिल है।

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