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July 28, 2025

Drug Seizure by Mumbai Police: 390 करोड़ का ड्रग रैकेट, चाय की टपरी की आड़ में! मुंबई पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 8 गिरफ्तार

The CSR Journal Magazine

192 किलो एमडी जब्त; अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कीमत 390 करोड़

सस्ती चाय की खुशबू के पीछे छिपी थी 390 करोड़ की ड्रग फैक्ट्री! मुंबई पुलिस की साकीनाका यूनिट ने एक ऐसी नशीली दवा बनाने वाली यूनिट का भंडाफोड़ किया है, जो कर्नाटक के मैसूर के बाहरी इलाके में एक चाय और गैरेज की दुकान के पीछे चल रही थी। पुलिस ने फैक्ट्री पर रेड कर 192 किलो मेफेड्रोन (MD) जब्त किया, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कीमत लगभग 390 करोड़ रुपये आंकी गई है। साकीनाका पुलिस ने इस रैकेट का भंडाफोड़ तब किया जब उन्होंने एक संदिग्ध को हिरासत में लिया। पूछताछ में आरोपी ने पूरे नेटवर्क की पोल खोल दी। उसी की निशानदेही पर पुलिस टीम ने मैसूर के बाहरी इलाके में रेड डाली, जहां चाय की एक साधारण सी टपरी और गैरेज के पीछे चल रही थी हाई-टेक ड्रग फैक्ट्री।

मैसूर की झाड़ियों में छिपी थी मेफेड्रोन की फैक्ट्री, 188 किलो ड्रग्स बरामद

The CSR Journal से ख़ास बातचीत करते हुए मुंबई पुलिस के डीसीपी दत्ता नलावडे (Mumbai Police DCP Datta Nalawade) ने बताया कि रेड के दौरान पुलिस को फैक्ट्री से 188 किलो मेफेड्रोन (MD) मिला, जिसे तत्काल जब्त कर फैक्ट्री को ध्वस्त कर दिया गया। अब तक कुल 192 किलो एमडी जब्त की जा चुकी है। यह सिंथेटिक ड्रग युवाओं के बीच तेजी से फैल रही है, और कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा बन चुकी है। पुलिस ने इस मामले में अब तक 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से कुछ गुजरात, मुंबई और कर्नाटक के निवासी हैं। जांच में पता चला है कि इनमें से तीन आरोपी पहले से ही नशीली दवाओं के अवैध व्यापार में संलिप्त थे।

Drug Seizure by Mumbai Police: सुरक्षा के लिए चाय और गैरेज की आड़

आरोपी बेहद शातिर तरीके से काम कर रहे थे। पुलिस से बचने के लिए उन्होंने चाय की एक दुकान और एक छोटे से गैरेज को अपने ड्रग मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की ढाल बना रखा था। बाहर से सब कुछ सामान्य दिखता था, लेकिन अंदर हाई-टेक केमिकल इक्विपमेंट्स और रासायनिक सामग्री से लैस लैब काम कर रही थी। मुंबई पुलिस विशेष रूप से मेफेड्रोन, कोकीन और एम्फेटामिन जैसे सिंथेटिक ड्रग्स के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है। साकीनाका पुलिस के इस ऑपरेशन को हालिया वर्षों की सबसे बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। इस सफलता के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने सभी जिलों को ड्रग मॉनिटरिंग और खुफिया नेटवर्क को और सशक्त करने का निर्देश दिया है।

Drug Seizure by Mumbai Police: कमीशन मॉडल पर होता था कारोबार

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ड्रग माफिया एक कमीशन मॉडल पर काम कर रहे थे, जहां मेफेड्रोन को थोक में बनाकर मुंबई, गुजरात और अन्य बड़े शहरों में भेजा जाता था। स्थानीय गैंग इसके वितरण में मदद करते थे। अब पुलिस इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुट गई है। जांच एजेंसियां इस बात की भी जांच कर रही हैं कि क्या इस नेटवर्क के तार अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट से जुड़े हैं। चाय की टपरी और गैरेज की आड़ में चल रही 390 करोड़ की ड्रग फैक्ट्री ने न केवल पुलिस को चौंकाया है, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि ड्रग माफिया कितनी चालाकी से अपने धंधे को अंजाम देते हैं। लेकिन मुंबई पुलिस की सटीक रणनीति और तत्परता ने इन नापाक इरादों पर पानी फेर दिया।
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