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April 11, 2025

Mumbai में अभिनेता निशांत त्रिपाठी ने की आत्महत्या, पत्नी पर लगाया आरोप

Mumbai के होटल में युवक ने किया Suicide , पत्नी पर लगाया प्रताड़ना का आरोप! पुलिस ने मृतक Nishant Tripathi की पत्नी अपूर्वा पारीख और उसकी मौसी प्रार्थना मिश्रा के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने (Abetment To Suicide)का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल, इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

Mumbai Suicide Case: Nishaant Tripathi

अतुल सुभाष की तरह 41 वर्षीय अभिनेता निशांत त्रिपाठी (Nishant Tripathi) ने अपनी पत्नी पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर सुसाइड कर लिया। निशांत त्रिपाठी का शव मुंबई के विले पार्ले स्थित एक होटल में फांसी के फंदे पर लटका हुआ मिला है। निशांत ने अपनी कंपनी की Website पर लिखे अपने सुसाइड नोट में अपनी पत्नी  Apurva Parikh और उसकी मौसी को आत्महत्या का जिम्मेदार बताया। पालघर के रहने वाले Nishant Tripathi 3 दिन पहले Mumbai के विले पार्ले के एक नामचीन होटल में आकर रुके थे। 28 फरवरी को उन्होंने होटल के अपने कमरे में फांसी लगाकर Suicide कर लिया।

जब तक तुम यह पढ़ोगी, मैं जा चुका होऊंगा

Nishant Tripathi ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है। इसमें पत्नी के नाम भावुक लाइनें लिखी हैं। Nishant ने लिखा है,” जब तक तुम ये पढ़ोगी,मैं इस दुनिया से जा चुका होऊंगा। अपने आखिरी लम्हों में मैं तुमसे नफरत कर सकता था, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर रहा हूं। मैंने तुमसे वादा किया था कि मेरा प्यार कभी कम नहीं होगा।” निशांत की मां नीलम चतुर्वेदी (64), जो एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। जांच अधिकारियों ने बताया कि 28 फरवरी को निशांत का शव होटल के कमरा नंबर 4023 में फांसी के फंदे से लटका हुआ मिला। एयरपोर्ट पुलिस ने ADR दर्ज किया है। निशांत के शव का पोस्टमॉर्टम करने के बाद सांताक्रुज़ श्मशान भूमि में उसका अंतिम संस्कार किया गया।

सुसाइड नोट में पत्नी-मौसी का जिक्र

पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान निशांत के मोबाइल में एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें पत्नी अपूर्वा पारिक और प्रार्थना मिश्रा (मौसी) को इसने अपनी मौत के लिए जिम्मेदार बताया। साथ ही, अंग्रेजी में लिखे संदेश में लिखा था,”मेरी मां जानती है कि जिन हालात से मैं गुजरा, उनमें तुम और प्रार्थना मौसी भी ज़िम्मेदार हो। कृपया अब उन्हें परेशान मत करना, वह पहले ही टूट चुकी हैं।” नीलम चतुर्वेदी की शिकायत और सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने निशांत की पत्नी अपूर्वा पारिक और मौसी प्रार्थना मिश्रा के खिलाफ BNS की धारा 108 के तहत केस दर्ज कर घटना की जांच शुरू कर दी है।  पुलिस यह जांच कर रही है कि क्या निशांत मानसिक तनाव में था, या उसे सच में किसी तरह की प्रताड़ना का सामना करना पड़ा था। हालांकि, पत्नी और मौसी को नोटिस जारी कर दोनों से पुलिस पूछताछ करने वाली है। इस मामले में किसी की गिरफ्तारी फिलहाल नहीं हुई है।

Atul Subhash, Manav Sharma, और अब Nishant Tripathi

बेंगलुरु में Atul Subhash और हाल ही में Manav Sharma के Suicide के बाद मुंबई में भी इसी तरह की घटना सामने आई है। दिसंबर 2024 में बेंगलुरु में एक AI इंजीनियर की आत्महत्या ने पूरे देश को सकते में डाल दिया । मूल रूप से यूपी के रहने वाले 34 साल के अतुल सुभाष ने अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया और सास निशा सिंघानिया पर पैसों के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाकर आत्महत्या कर ली। यही नहीं, उन्होंने फैमिली कोर्ट की जज पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने करीब डेढ़ घंटे का वीडियो और 24 पेज का खत लिखकर कहा कि और कोई उपाय नहीं बचा है. अतुल का शव उनके फ्लैट से मिला. उन्होंने अपने वीडियो मैसेज में X (Twitter) के मालिक Elon Musk और अमेरिका के प्रेसिडेंट Donald Trump को भी टैग किया। कमरे में Justice is Due लिखी एक तख्ती भी मिली थी।
Agra की डिफेंस कालोनी में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ((TCS) के मैनेजर मानव शर्मा ने शादी के एक वर्ष बाद ही पत्नी के उत्पीड़न से तंग होकर जान दे दी। 24 फरवरी की सुबह 5 बजे घर में फंदा लगाकर उन्होंने आत्महत्या कर ली। उन्होंने गले में फंदा कसकर रोते हुए 6.57 मिनट का वीडियो बनाया जिसमें पत्नी और ससुराल वालों पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया। वीडियो में अपने परिवार से माफ़ी मांगते हुए उन्होंने अपने parents को परेशान ना करने की विनती भी की।

पुरुषों की मानसिक सुरक्षा को लेकर उठे सवाल

मानव शर्मा ने अपने वीडियो में कहा कि देश में पुरुषों की मानसिक सुरक्षा के लिए कोई कानून नहीं है। उनकी इस बात ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है। पुरुष प्रधान कहते-कहते इस देश में महिलाओं को कमजोर मानते हुए उनके लिए व्यापक क़ानूनी व्यवस्था की गई है लेकिन कभी पुरुषों के बारे में बात नहीं की गई। दरअसल हम ये मानना ही नहीं चाहते कि पुरुषों को भी कभी किसी प्रकार की शारीरिक या मानसिक मदद की ज़रूरत पड़ सकती है। लेकिन जब हम महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं तो पुरुषों के बारे में भी बात होनी चाहिए। तभी इस समाज में Gender Equality संभव है।

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