Mumbai Best Bus Fare Hike: अब मुंबई में ट्रेवल करने के लिए आपको जेब ढीली करनी पड़ेगी। मुंबई की दूसरी लाइफलाइन बेस्ट बस का किराया बढ़ने वाला है। मंजूरी मिल चुकी है। अब मिनिमम किराया 10 रुपये और एसी का 12 रुपये होगा, फिलहाल आप 5 रुपये और 6 रुपये दे रहे है, यानी किराया सीधे दोगुना। मुंबई की बेस्ट बसों का किराया बढ़ने जा रहा है। बृहन्मुंबई नगर निगम ने बेस्ट बस किराया न्यूनतम 5 रुपये से अधिकतम 15 रुपये बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। जल्द ही नॉन एसी बस का न्यूनतम किराया 10 रुपये और एसी का 12 रुपये होगा। अभी यह क्रमशः 5 रुपये और 6 रुपये है। 2019 में बेस्ट सवारियों की संख्या बढ़ाने के लिए बस किराए को कम किया गया था। अभी नॉन एसी बस का किराया 5 रुपये से 20 रुपये है, जबकि एसी बस का किराया 6 रुपये से 25 रुपये है। संशोधन के बाद न्यूनतम किराया 10 रुपये से 35 रुपये होगा। एसी बस का किराया 6 रुपये से 25 रुपये है। जो संशोधन के बाद 12 रुपये से 40 रुपये हो जाएगा।
590 करोड़ रुपये अधिक राजस्व प्राप्त होने की संभावना
सूत्रों का दावा है कि इस किराया वृद्धि और पुनर्गठन से 590 करोड़ रुपये अधिक राजस्व प्राप्त होगा। वर्तमान में रोजाना 31 लाख सवारियां हैं, जबकि बेस्ट के बेड़े में 2,186 बसें हैं, जिनमें से 847 बसें बेस्ट की हैं। बेस्ट को अपने यात्री टिकटों से सालाना 845 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। इसलिए, यह उम्मीद की जाती है कि टिकट की कीमतों में इस वृद्धि के साथ वार्षिक आय लगभग 1,400 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी। 2019 के किराया संशोधन में बेस्ट ने किराया प्रणाली का पुनर्गठन किया, जिसमें 20 किलोमीटर की दूरी के बाद किराया अधिकतम होगा जो एसी और नॉन एसी बस के लिए 20 और 25 रुपये है। अब अधिकतम दूरी 25 किमी होगी। सूत्रों के अनुसार, बेस्ट के महाप्रबंधक के रूप में अतिरिक्त प्रभार संभालने के बाद एस वी आर श्रीनिवास ने फरवरी 2025 में किराया वृद्धि का प्रस्ताव रखा। Mumbai Best Bus Fare Hike
Mumbai Best Bus Fare Hike: परिचालन लागत बढ़ने कारण बढ़ा किराया
बीएमसी कमिश्नर भूषण गगरानी ने किराया वृद्धि के प्रस्ताव को पारित किए जाने की पुष्टि की। भूषण गगरानी ने कहा, ‘बीएमसी का प्रस्ताव एक वैधानिक आवश्यकता है। हमने वह कर दिया है। अब यह बेस्ट पर निर्भर है।’ यात्री अधिकार कार्यकर्ता रूपेश शेलटकर ने कहा, किराया वृद्धि गलत नहीं है, लेकिन कम दूरी के ऑटो के साथ-साथ अन्य नागरिक निकाय सार्वजनिक परिवहन का हिस्सा कम होना चाहिए। परिवहन विशेषज्ञों का कहना है कि परिचालन लागत बढ़ने के कारण टिकट किराया बढ़ाना गलत नहीं है। हालांकि, प्रशासन को यात्रियों को यह बताना चाहिए कि टिकट की बढ़ी हुई कीमत के साथ उन्हें क्या अतिरिक्त सुविधाएं मिलेंगी। क्या यात्रियों की प्रतीक्षा अवधि कम होगी? अन्यथा टिकट की कीमत बढ़ने के बाद भी यात्रियों को बस के इंतजार में खड़ा रहना पड़ेगा।
Over the past eight years, the Yogi government has consistently prioritized the convenience of the common citizen. As a result, every sector in Uttar...