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April 16, 2025

मुकेश-नीता अंबानी का घर एंटीलिया बना है अनाथालय की ज़मीन पर 

Ambani’s Antilia: देश के सबसे बड़े उद्योगपति यानी मुकेश अंबानी का घर Antilia एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। हाल ही में संसद में Waqf Amendment Bill पेश किया गया था, उसके बाद एक बार फिर से एंटीलिया, जो मुंबई के परेड रोड इलाके पर स्थित है, चर्चा का विषय बना है। इस पर दावा किया जाता है कि यह वक्फ बोर्ड की जमीन पर बनाया गया है। बता दें कि साल 2002 में मुकेश अंबानी ने वक्फ बोर्ड से तकरीबन 21 करोड़ में साढ़े चार लाख स्क्वायर फ़ीट की एक प्लॉट ख़रीदा था। इसी ज़मीन पर बना है Ambani’s Antilia!

दुनिया का सबसे महंगा Private Residence

Ambani’s Antilia: जब भी बात Antilia की होती है, तो हमेशा ही हमें एक आलीशान हाई-टेक महल दिखता है जो दुनिया के सबसे महंगे घरों में से एक है। मुकेश अंबानी का घर जिस जगह मौजूद है वो Street, ‘Billionaire Row’ कहलाती है, जहां देश के सबसे अमीर लोग रहते हैं। 27 मंजिलों का घर Antilia 173 मीटर ऊंचा है और यहां 168 कार पार्क होने की जगह है। 9 हाई स्पीड लिफ्ट, 50 सीट का थिएटर, टेरेस गार्डन, स्विमिंग पूल, स्पा, हेल्थ सेंटर, मंदिर के साथ-साथ एक स्नो रूम भी है। अब यकीनन इस बिल्डिंग को आर्किटेक्चर का Marvel कहा जाए, तो गलत नहीं होगा। एंटीलिया देश ही नहीं दुनिया भर में मशहूर है। 2014 से यह दुनिया का सबसे महंगा Private Residence बना हुआ है और इसकी कीमत अब लगभग 15000 करोड़ तक हो गई है। अब एंटीलिया की बात हो रही है, तो क्या आपको पता है कि एंटीलिया की जमीन को लेकर कितने विवाद होते आए हैं? यह जमीन असल में एक चैरिटी की थी, जिस पर मुकेश अंबानी का आशियाना बना।

Antilia की जमीन का कौन था असली मालिक

बात 2002 की है, जब महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड (MWB) की जमीन को बेचा गया था। इसके खिलाफ अब्दुल मतीन नामक एक टीचर और जर्नलिस्ट ने 2005 में पेटिशन भी फाइल की थी। इस बारे में MWB की तरफ से बयान भी आया था कि इस मामले में तत्कालीन CEO और Chairman शामिल हैं। इस पिटीशन के मुताबिक Mukesh Ambani का Antilia वक्फ बोर्ड की जमीन पर ही बना है। Maharashtra Waqf Board नामक चैरिटेबल ट्रस्ट के कई जगहों पर अनाथालय हैं और इस जमीन पर भी वही बनना था। हालांकि, जब इस मामले में बोर्ड द्वारा रिपोर्ट पेश की गई तब इसे Mischief कहा गया और बताया गया कि इसे गलत तरीके से बेचा गया है। दरअसल, Waqf Act के मुताबिक अगर इस तरह की कोई भी जमीन बेची जाती है, तो उसके लिए बोर्ड के दो-तिहाई मेंबर्स का बहुमत जरूरी होता है, लेकिन जब इस जमीन की डील हो रही थी तब ऐसा कुछ नहीं हुआ था। उस वक्त Waqf Board के CEO Sandesh Tadvi थे और इस जमीन की बिक्री को लेकर उन्होंने ही Mischief शब्द का इस्तेमाल किया था।

Waqf Board को कहां से मिली ये ज़मीन

Ambani’s Antilia: साल 1996 में करीम भाई इब्राहिम नामक एक शख्स ने यह जमीन महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड को अनाथालय बनाने के लिए दी थी। इस जमीन पर शिक्षा और समाजसेवा से जुड़े कार्य ही होने थे। हालांकि, 2002 में भी जब जमीन की डील हो रही थी तब एक कमेटी बैठी थी जिसने ट्रांसफर को सही माना था और बाद में नवंबर 2002 में ये जमीन Ambani के नाम कर दी गई थी। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अंबानी को जमीन बेचने के दौरान Waqf Board के कई कानून तोड़े गए थे। गाहे-बगाहे हमेशा ही इस बारे में बात उठती रहती है कि मुकेश अंबानी का घर बहुत ही विवादित जगह पर बना है। दिल्ली के पूर्व CM अरविंद केजरीवाल ने एक समारोह में यह तक कह किया था कि अगर मुंबई में उनकी सरकार होती, तो वक्फ बोर्ड की जमीन पर घर बनने नहीं देते और अगर बन भी जाता तो बाद में भी तुड़वा देते।

क्या अभी भी विवादित है Antilia की जमीन

मुकेश और नीता अंबानी के घर Antilia की जमीन अभी भी विवादित की श्रेणी में ही आती है। हालांकि, यह कानूनन Mukesh Ambani नाम पर ट्रांसफर हो चुकी है, इसलिए यहां वक्फ बोर्ड की गलती मानी जा सकती है, लेकिन मुकेश अंबानी की नहीं। इस मामले में हाई कोर्ट ने Waqf Board से सवाल-जवाब भी किए थे और यह बात सामने आई थी कि जमीन बेचते समय 9 में से 5 मेंबर ही मौजूद थे और यहां दो-तिहाई मेंबर्स की नामौजूदगी में जमीन का सौदा हुआ है जो कि Waqf Board के नियमों के विपरीत है। इस मामले में कई एफिडेविट भी पेश किए गए हैं जो बताते हैं कि जमीन बेचने के दौरान सिर्फ चैरिटी कमिश्नर की अनुमति ली गई थी। बल्कि कुछ रिपोर्ट्स का तो ये भी मानना है कि वक्फ बोर्ड भी इसमें शामिल था। मुद्दा चाहे जो भी हो ये तो सच है कि मुकेश अंबानी का घर जिस जमीन पर बना है वो विवादित है।

Waqf के पास कितनी जमीन

महाराष्ट्र विधानसभा में पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार वक्फ बोर्ड की संपत्ति को निजी उपयोग के लिए बेचा नहीं जा सकता। मामला लंबे समय से कोर्ट में विचारधीन है। किसी जमीन पर वक्फ के दावे का यह इकलौता मामला नहीं है, बल्कि ऐसे अनेक केस हैं। अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि भारत में साल 1950 में Waqf Board के पास मात्र 52000 एकड़ जमीन थी, जो 2025 तक बढ़कर 9.4 लाख एकड़ हो चुकी है।

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