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April 18, 2025

Monsoon Rain Forecast 2025: इस साल जमकर होगी बारिश, मानसून को लेकर मौसम विभाग ने कर दी बड़ी भविष्यवाणी

Monsoon Rain Forecast 2025: गर्मी ने भले ही इस बार जल्दी दस्तक दे दी हो लेकिन मानसून को लेकर मौसम विभाग ने बड़ा अपडेट दिया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मंगलवार को इसे लेकर अच्छी खबर दी है। IMD ने कहा है कि इस बार मानसून में सामान्य से ज्यादा बारिश होगी। इससे किसानों और आम लोगों को राहत मिलेगी। इस पूरे मॉनसून सीजन में अल नीनो की स्थिति नहीं बनेगी। भारत में मानसून के चार महीनों यानी जून से सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।  Rain Forecast

Monsoon Rain Forecast 2025: इस मानसून में जमकर होगी बारिश

मौसम विभाग का अनुमान है कि इस बार बारिश का आंकड़ा 87 सेंटीमीटर के दीर्घकालीन औसत का 105 फीसदी रहेगा। आईएमडी चीफ मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि अल नीनो की स्थिति, जो भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य से कम मानसून बारिश से जुड़ी है, इस बार विकसित होने की संभावना नहीं है। मौसम विभाग की ओर से ये भविष्यवाणी ऐसे समय में आई है जब देश के कई हिस्से भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं। मानसून में बारिश का असर सीधे खेती पर पड़ता है। अच्छा मानसून रहना भारत के कृषि क्षेत्र के लिए बहुत जरूरी है। लगभग 42.3 फीसदी आबादी की जीविका इसी पर निर्भर है। यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 18.2 फीसदी का योगदान करता है। देश के 52 फीसदी कृषि क्षेत्र में बारिश से ही सिंचाई होती है। यह देशभर में पीने के पानी और बिजली उत्पादन के लिए जलाशयों को भरने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

Monsoon Rain Forecast 2025: जानिए कब होगी मानसून की एंट्री

हालांकि, सामान्य बारिश का मतलब यह नहीं है कि देश में हर जगह और हर समय एक जैसी बारिश होगी। मौसम विभाग के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश में बदलाव हो रहा है। जलवायु वैज्ञानिकों का कहना है कि बारिश के दिनों की संख्या कम हो रही है। लेकिन कम समय में भारी बारिश की घटनाएं बढ़ रही हैं। इससे बार-बार सूखा और बाढ़ आ रही है। भारत में मानसून आमतौर पर 1 जून के आसपास केरल के दक्षिणी सिरे पर आता है। यह मध्य सितंबर में वापस चला जाता है। Mumbai Rains

इस मानसून उम्मीद से ज्यादा बारिश का अनुमान

IMD के अनुसार, सामान्य बारिश का मतलब है कि चार महीने के मानसून सीजन में 87 सेंटीमीटर की औसत बारिश का 96 फीसदी से 104 फीसदी तक बारिश होना। यह औसत पिछले 50 सालों के आंकड़ों पर आधारित है। सीधे शब्दों में कहें तो, IMD का कहना है कि इस बार मानसून अच्छा रहेगा। किसानों को फायदा होगा और पानी की समस्या भी कम होगी। हालांकि, हमें जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले बदलावों के लिए तैयार रहना होगा। बारिश कभी भी एक जैसी नहीं होती, इसलिए हमें पानी का सही तरीके से इस्तेमाल करना होगा।

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