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June 25, 2025

शुभांशु शुक्ला को साथ लेकर आज लॉन्च हुआ Axiom-4 मिशन, देश के लिए गर्व का दिन

शुभांशु शुक्ला Axiom 4 मिशन में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और वे चार सदस्यीय अंतरिक्ष दल का हिस्सा हैं जो गुरुवार सुबह सात बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचेगा।

देश के नाम एक और कीर्तिमान

भारत अंतरिक्ष के नए युग की ओर एक और ऐतिहासिक क़दम बढ़ाने जा रहा है। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला आज अमेरिका से AXIOM-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर रवाना हुए।  यह मिशन भारतीय समयानुसार बुधवार को दिन में 12:01 बजे अमेरिका से लॉन्च हुआ। इस मिशन में ISRO के 7 वैज्ञानिक प्रयोग शामिल हैं। AXIOM-4 मिशन को अमेरिकी एजेंसियों NASA, निजी अंतरिक्ष कंपनी Axiom Space, और SpaceX की भागीदारी में लॉन्च किया जा रहा है। शुभांशु शुक्ला इस मिशन में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और वे चार सदस्यीय अंतरिक्ष दल का हिस्सा हैं, जो 14 दिनों तक अंतरिक्ष में रहकर 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग करेगा।

राकेश शर्मा के अंतरिक्ष में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय शुभांशु शुक्ला

Shubhanshu Shukla: करीब 40 साल पहले भारत की ओर से पहली बार किसी शख्स ने अंतरिक्ष में कदम रखा था। विंग कमांडर राकेश शर्मा (Rakesh Sharma) 1984 में सोवियत सोयूज स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष में पहुंचे थे। अब 40 साल बाद भारत की ओर से दूसरा नाम इस कीर्तिमान के साथ जुड़ने जा रहा है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (International Space Station) पर जाकर इतिहास रचेंगे। यह पहला मौका होगा जब कोई भारतीय ISS पर कदम रखेगा। कैप्टन शुक्ला का मिशन दरअसल भविष्य की तैयारी का हिस्सा है।

आज होगा भारत का अंतरिक्ष से फिर सामना

मिशन 25 जून 2025 को फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के फॉल्कन 9 रॉकेट और ड्रैगन अंतरिक्ष यान के जरिए लॉन्च हुआ। यह मिशन मौसम और तकनीकी कारणों से 7 बार स्थगित हो चुका है। इस मिशन में भारत, पोलैंड, हंगरी और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं। यह मिशन इन देशों के लिए 40 साल बाद पहला सरकारी अंतरिक्ष मिशन है। शुभांशु इस मिशन के ज़रिए भारत की संस्कृति को अंतरिक्ष की सैर कराएंगे। वह अंतरिक्ष में योग करेंगे। भारत की सांस्कृतिक वस्तुएं जैसे भारतीय मिठाइयां और एक खिलौना हंस (जॉय) ले गए हैं, जो शून्य गुरुत्वाकर्षण में तैरता मिशन काभारतीय प्रतीक होगा। शुभांशु ISS से भारतीय छात्रों के साथ लाइव बातचीत करेंगे ताकि विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) में उनकी रुचि बढ़े। वह अपनी यात्रा की तस्वीरें और वीडियो भी साझा करेंगे, जो 1.4 अरब भारतीयों के लिए प्रेरणा होगी।

भारत के लिए खास है यह मिशन

इंसानों को अंतरिक्ष में लेकर जाने वाले भारत के खुद के मिशन गगनयान (Gaganyaan) के लिए जिन नामों को चुना गया है उनमें भी शुभांशु शुक्ला आगे हैं। इसलिए Axiom Space के Ax-4 मिशन के तहत ISS पर जाकर उन्हें स्पेसफ्लाइट, ग्रैविटी, लॉन्च प्रोटोकॉल, इमर्जेंसी की तैयारी जैसी बारीकियां फर्स्ट हैंड सीखने को मिलेंगी। इस मिशन पर शुक्ला के साथ अमेरिकी ऐस्ट्रोनॉट पेगी विटसन (Peggy Whitson) भी हैं जो इस मिशन की कमांडर होंगी। पेगी के नाम सबसे ज्यादा स्पेसवॉक और सबसे ज्यादा समय अंतरिक्ष में बिताने जैसे कई रेकॉर्ड दर्ज हैं। Ax-4 क्रू के Dragon स्पेसक्राफ्ट के अंदर SpaceX के Falcon 9 रॉकेट से फ्लोरिडा स्थित स्पेस स्टेशन से उड़ान भरने वाले इस मिशन का एक्सपीडिशन 14 दिन का होगा और इस दौरान माइक्रोग्रैविटी रिसर्च, टेक्नॉलजी डेमॉन्स्ट्रेशन, एजुकेशनल प्रोग्राम्स और मीडिया इवेंट्स पर फोक किया जाएगा।

कई बार टलने के बाद आख़िर आज उड़ान भर ली शुभांशु ने

शुभांशु शुक्ला का Axiom-4 मिशन कई बार टल चुका है। Axiom-4 मिशन में देरी की वजह महज खराब मौसम और लिक्विड ऑक्सीजन सिलेंडर में लीकेज ही नहीं, बल्कि और भी कई वजहें रहीं। NASA की टीम ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के ज्वेज्दा सर्विस मॉड्यूल में हवा के रिसाव को बढ़ता हुआ पाया था। ISRO के विशेषज्ञों ने भी इस बात को माना है। उनका कहना है कि मई 2025 से मिशन में हो रही देरी का यह भी एक कारण है। ISRO और NASA की टीमों ने कहा कि जब तक चीजें ठीक नहीं हो जातीं, तब तक मिशन को रोकने का फैसला लिया गया था। अब परिस्थितियां बिल्कुल अनुकूल होने से इस मिशन को हरी झंडी दे दी गई।

नवाबों के शहर लखनऊ के रहने वाले शुभांशु शुक्ला

यह पहली बार है, जब कोई भारतीय अंतरराष्ट्रीय स्पेशन स्टेशन पर कदम रखेगा। वहीं, राकेश शर्मा के बाद शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में कदम रखने वाले दूसरे भारतीय बनेंगे। वह भारतीय वायुसेना के अधिकारी हैं, जिन्हें उनकी क्षमताओं के आधार पर इस महत्त्वपूर्ण मिशन के लिए चुना गया है।
शुभांशु शुक्ला मूल रूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले हैं। राकेश शर्मा की स्पेस ट्रिप के एक साल बाद 10 अक्टूबर, 1985 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जन्मे शुभांशु शुक्ला! शुभांशु शुक्ला ने अपनी स्कूली शिक्षा लखनऊ के मॉन्टेसरी स्कूल से पूरी की। शुभांशु शुक्ला की शुरू से ही आसमान की तरफ नजर थी। वह कारगील युद्ध से प्रभावित थे, जिसके बाद उन्होंने भारतीय वायुसेना में शामिल होने का मन बनाया। उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) की परीक्षा पास की और वायु सेना में शामिल हो गए।

भारतीय वायुसेना में शुभांशु का शानदार करियर

शुभांशु शुक्ला को 17 जून 2006 को भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में कमीशन मिला। उन्हें करीब 2000 घंटे की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने वायु सेना में  सुखोई-30एमकेआई (Su-30MKI), मिग-21 (MiG-21), मिग-29 (MiG-29), एएन-32 (An-32), डोर्नियर (Dornier), हॉक (Hawk) और जगुआर (Jaguar) उड़ाए हैं। आपको बता दें कि शुक्ला सिर्फ कॉम्बैट पायलट ही नहीं, बल्कि एक टेस्ट पायलट भी हैं।

गगनयान मिशन में शामिल होने वाले भारतीय

शुभांशु शुक्ला भारत के गगनयान मिशन में शामिल होने वाले चार भारतीयों में से एक हैं। वहीं, अब वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरने वाले पहले भारतीय के रूप में अपनी पहचान बना रहे हैं। इस साल भारत बिना क्रू के गगनयान मिशन को लॉन्च करेगा ताकि ऐस्ट्रोनॉट्स की सुरक्षा और रिकवरी की तैयारियों को पुख्ता किया जा सके। उम्मीद की जा रही है कि अगले साल चुने गए 4 ऐस्ट्रोनॉट्स को गगनयान मिशन पर भेजा जा सकेगा। इन्हें 400 किमी की ऊंचाई पर 3 दिन के लिए भेजा जाएगा और भारतीय महासागर में इनकी लैंडिंग होगी।

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