60 साल से टाइप-2 डायबिटीज के इलाज में इस्तेमाल हो रही Metformin पर अब वैज्ञानिकों ने एक बड़ा खुलासा किया है। नए अध्ययनों के मुताबिक, यह साधारण-सी दवा दिमाग पर भी सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि Metformin सूजन कम करने, दिमागी कोशिकाओं की मरम्मत बढ़ाने और याददाश्त को प्रभावित करने वाले AMPK प्रोटीन को सक्रिय करती है। यही वजह है कि इसे अब दिमागी स्वास्थ्य और एंटी-एजिंग शोध में भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
Metformin और दिमाग का एक अनदेखा रिश्ता
टाइप-2 डायबिटीज के इलाज में छह दशक से भरोसेमंद दवा मानी जाने वाली Metformin अब वैज्ञानिक शोध का केंद्र किसी नई वजह से बनी है। अब तक इसे सिर्फ ब्लड शुगर नियंत्रित करने वाली दवा के रूप में जाना जाता था, लेकिन हाल के अध्ययनों ने संकेत दिया है कि यह दिमागी स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि मेटफॉर्मिन सूजन कम करने, दिमागी कोशिकाओं की मरम्मत बढ़ाने और याददाश्त से जुड़ी प्रक्रियाओं को बेहतर बना ने में भूमिका निभा सकती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, Metformin शरीर में AMPK नामक ऊर्जा-सेंसर प्रोटीन को सक्रिय करती है। यह प्रोटीन न सिर्फ इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर बनाता है बल्कि दिमाग में न्यूरोप्लास्टिसिटी यानी सीखने और याद रखने की क्षमता से जुड़ी गतिविधियों को भी प्रभावित कर सकता है।
मेटफॉर्मिन दिमाग को भी दे सकती है फायदा!
मेटफॉर्मिन, जिसे दुनिया भर में टाइप-2 डायबिटीज के लिए सबसे सुरक्षित और प्रभावी दवा माना जाता है, 60 से अधिक वर्षों से लाखों लोग उपयोग कर रहे हैं। लंबे समय तक इसे केवल ब्लड शुगर नियंत्रित करने वाली द वा के रूप में देखा गया, लेकिन हाल के वैज्ञानिक अध्ययनों ने इसकी एक नई भूमिका की ओर संकेत दिया है-Metformin शायद मस्तिष्क पर भी सकारात्मक प्रभाव डालती है। वैज्ञानिक शोध अब यह समझने में जुटा है कि यह साधारण-सी दवा कैसे सूजन कम कर सकती है, दिमागी कोशिकाओं को सक्रिय कर सकती है, और स्मृति सुधारने वाली प्रक्रियाओं को प्रभावित कर सकती है। यही कारण है कि इसे अब “एंटी-एजिंग” शोध में भी शामिल किया जा रहा है।
मेटफॉर्मिन: इतिहास और मूल उपयोग
Metformin को 1950 के दशक में उपयोग के लिए मंज़ूरी मिली थी। यह फ्रांस के Galega Officinalis नामक पौधे से प्रेरित यौगिकों से विकसित हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य था- खून में शुगर कम करना, इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ाना, लीवर में ग्लूकोज़ बनने की प्रक्रिया को धीमा करना! इन प्रभावों के कारण टाइप-2 डायबिटीज के लिए यह पहली पसंद बनी हुई है। लेकिन अब वैज्ञानिकों की नज़र इसके “ऑफ-टार्गेट” यानी मुख्य मकसद से परे होने वाले प्रभावों पर गई, जिसके केंद्र में है-‘दिमाग’!
दिमाग पर मेटफॉर्मिन का असर कैसे!
दिमाग शरीर का ऊर्जा-खपत केंद्र है। इसकी कोशिकाओं को लगातार ऊर्जा चाहिए होती है, और इसी ऊर्जा-व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है- AMPK (Adenosine Monophosphate-activated Protein Kinase)।
AMPK की भूमिका
AMPK को आप “सेल का ऊर्जा प्रहरी” मान सकते हैं। यह काम करता है- कम ऊर्जा पर सेल को सतर्क करना, मेटाबॉलिज़्म सुधारना, सेल की मरम्मत को बढ़ावा देना, सूजन कम करना! Metformin सीधे AMPK को सक्रिय करती है। यही सक्रियता दिमाग में कई प्रक्रियाओं को प्रभावित कर सकती है:
(a)न्यूरोप्लास्टिसिटी को बढ़ाना– न्यूरोप्लास्टिसिटी यानी दिमाग को सीखने और याद रखने की क्षमता।
(b) न्यूरॉनों की मरम्मत– AMPK सक्रिय होने पर सेल की सफाई, डैमेज की मरम्मत और माइटोकॉन्ड्रिया की गुणवत्ता सुधारने की प्रक्रिया तेज़ होती है।
(c) माइटोकॉन्ड्रियल फंक्शन में सुधार– Metformin “ऊर्जा घर” यानी माइटोकॉन्ड्रिया को स्वस्थ रखने में सहायक हो सकती है। इन प्रक्रियाओं का सीधा असर दिमाग की उम्र बढ़ने पर पड़ सकता है।
सूजन कम करने वाला प्रभाव
लंबे समय से यह सिद्ध हो चुका है कि दिमाग में सूजन बढ़ने पर याददाश्त कम होती है, सीखने की क्षमता घटती है, अल्ज़ाइमर जैसे रोगों का जोखिम बढ़ता है। Metformin डायबिटीज़ रोगियों में सूजन कम करती है, और यही प्रभाव दिमाग तक भी पहुंच सकता है। कुछ अध्ययनों में पाया गया कि मेटफॉर्मिन दिमाग की सूजन पैदाकरने वाले प् रोटीन को कम कर सकती है।
हिप्पोकैम्पस में नए न्यूरॉनों का विकास
हिप्पोकैम्पस दिमाग का वह हिस्सा है जहां यादें बनती हैं, चीज़ें सीखी जाती हैं और दिशा और स्थान की पहचान होती है। जानवरों पर हुए प्रयोगों में पाया गया कि मेटफॉर्मिन लेने पर हिप्पोकैम्पस में नई नसों की कोशिकाएं (New Neurons) बनने की गति बढ़ सकती है। इसे न्यूरोजेनेसिस कहा जाता है। मानवों में यह प्रभाव कैसा होगा, यह अभी शोध का विषय है, फिर भी, जानवरों के मॉडल में मिले परिणाम उत्साहजनक हैं।
इंसानी अध्ययनों में क्या देखा गया?
मानवों में अब तक हुए अवलोकनात्मक अध्ययनों (Observational Studies) से संकेत मिले कि लंबे समय तक Metformin लेने वाले डायबिटीज़ रोगियों में कॉग्निटिव डिक्लाइन (संज्ञान क्षमता में गिरावट) की गति धीमी देखी गई। कुछ समूहों में अल्ज़ाइमर रोग का जोखिम थोड़ा कम पाया गया। कई लोगों में स्मृति-गति और ध्यान बेहतर रहा।हालांकि, ये अध्ययन कारण और परिणाम सिद्ध नहीं करते। इनसे सिर्फ इतना संकेत मिलता है कि मेटफॉर्मिन और दिमाग के बीच कुछ संबंध हैं जिन्हें समझने की आवश्यकता है। क्लीनिकल ट्रायल अभी जारी हैं और निर्णायक निष्कर्ष आने में समय लगेगा।
Metformin और एंटी-एजिंग शोध
पिछले एक दशक में बुढ़ापा रोकने वाले शोधों में मेटफॉर्मिन एक प्रमुख दवा बनकर उभरी है। कारण-सूजन कम करना, माइटोकॉन्ड्रिया का सुधार, सेल की मरम्मत, ऑटोफैगी (सेल की सफाई) को बढ़ावा देना और AMPK का सक्रिय होना! कुछ वैज्ञानिक इसे “बुढ़ापा धीमा करने वाली दवा” कहकर इसके व्यापक परीक्षण की मांग कर रहे हैं। TAME (Targeting Aging with Metformin) जैसा बड़ा ट्रायल इसी दिशा में चल रहा है।
Metformin की भविष्य की संभावनाएं और सीमाएं
यद्यपि परिणाम उत्साहजनक हैं, लेकिन मेटफॉर्मिन को “ब्रेन ड्रग” कहना अभी जल्दबाज़ी होगी।
यह दवा किनके लिए है?
वर्तमान में केवल टाइप-2 डायबिटीज और प्री-डायबिटीज में मेटफॉर्मिन उचित रूप से सुझाई जाती है।
कौन लोग इसे न लें?
जिनको डायबिटीज नहीं है। जिन्हें इसे लेने का चिकित्सकीय कारण नहीं है। किडनी रोग वाले लोग और गर्भावस्था या स्तनपान में (डॉक्टर की सलाह आवश्यक)!
क्यों ज़रूरी है सावधानी?
इसके साइड इफेक्ट हो सकते हैं, हर व्यक्ति में दिमागी प्रभाव समान नहीं होंगे, इसकी “नई भूमिका” अब भी शोध के चरण में है।
शरीर और दिमाग: एक गहरा संबंध
Metformin की इस नई भूमिका ने एक बड़ा संदेश दिया है- शरीर और दिमाग अलग नहीं हैं। ब्लड शुगर का नियंत्रण, मेटाबॉलिज़्म, हार्मोन, ऊर्जा संचालन और सूजन, इन सभी का सीधा संबंध दिमाग के स्वास्थ्य से है। डायबिटीज होने पर दिमाग पर बुरा असर पड़ता है, इसलिए डायबिटीज़ की दवा का दिमाग पर असर होना स्वाभाविक भी है।
क्या मेटफॉर्मिन भविष्य की ब्रेन थेरैपी बन सकती है?
संभव है, अगर भविष्य के अध्ययन साबित करते हैं कि यह याददाश्त सुधारती है, अल्ज़ाइमर का जोखिम घटाती है, दिमाग की उम्र धीमी करती है, तो यह बुजुर्गों के लिए “न्यूरोप्रोटेक्टिव दवा” का दर्जा भी पा सकती है। लेकिन फिलहाल यह दवा सिर्फ डायबिटीज़ प्रबंधन के लिए मान्य है।
Metformin- एक सामान्य दवा की असामान्य कहानी
मेटफॉर्मिन दशकों से भरोसेमंद “ब्लड शुगर कम करने वाली” दवा रही है। लेकिन शोधकर्ताओं ने अब इसके अंदर एक नया पक्ष खोज निकाला है, दिमाग की रक्षा और मरम्मत से जुड़ी प्रक्रियाओं पर इसका असर! इस खोज के महत्वपूर्ण संदेश हैं-
पुरानी दवाओं के नए उपयोग निकल सकते हैं, शरीर और दिमाग के बीच संबंध बेहद गहरे हैं,
दवाओं का प्रभाव उनकी मूल भूमिका से आगे भी जा सकता है, विज्ञान लगातार हमें चौंकाता रहता है!
Metformin की यात्रा अभी जारी है। आने वाले वर्षों में यह समझने के लिए और शोध होगा कि क्या यह वाकई लंबी उम्र, तेज दिमाग और बेहतर संज्ञान क्षमता के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार साबित हो सकती है। परंतु, जब तक ठोस सबूत नहीं मिलते- इसे केवल डॉक्टर की सलाह और स्वीकृत उपयोग के लिए ही लें।
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