पूर्व–प्रातः समय में हुई ताज़ा नायजीरियन घटनाओं में सशस्त्र हमलावरों ने पेपरि (Papiri) कम्युनिटी स्थित St. Mary’s कैथोलिक बोर्डिंग स्कूल पर हमला कर दर्जनों बच्चों और शिक्षकों को उठा लिया! सुरक्षा बल और स्थानीय लोग बचाव-कोशिशों में जुटे ! नाइजीरिया में बढ़ रही ऐसी घटनाओं पर विश्व समुदाय में चिंता!
215 बच्चे और 12 शिक्षक अगवा- बड़े पैमाने पर स्कूल अपह्रण का नया मामला
नाइजीरिया के मध्य क्षेत्र में स्थित नाइजर राज्य का शांत Papiri गांव आज एक गहरे सदमे में है। तड़के सुबह हथियारबंद गिरोहों ने St. Mary’s कैथोलिक बोर्डिंग स्कूल पर धावा बोलकर दो सौ से अधिक बच्चों और एक दर्जन शिक्षकों को अगवा कर लिया। इस घटना ने पूरे देश को हिला दिया है, लेकिन इस झटके के पीछे एक लंबे समय से चल रही वह प्रवृत्ति है जो पिछले एक वर्ष में लगातार भयावह रूप ले चुकी है- स्कूलों पर हमले और बच्चों का बड़े पैमाने पर अपहरण।
घटना कैसे हुई- हमला, गोलियों की आवाज़ और भगदड़
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सुबह करीब साढ़े छह बजे स्कूल परिसर में पहले गोलियों की आवाज़ सुनाई दी। बच्चे और शिक्षक रोज़ की तरह प्रार्थना और सुबह की गतिविधियों की तैयारी कर रहे थे, तभी हथियारों से लैस 40–50 हमलावर मोटरसाइकिलों और पिकअप वाहनों पर स्कूल में दाखिल हुए। हमलावरों ने सुरक्षा गार्डों को काबू में किया और कक्षाओं, होस्टल कमरों और प्रार्थना-स्थल से लड़के-लड़कियों को बाहर निकालकर एक कतार में खड़ा किया। कुछ बच्चों ने भागने की कोशिश की लेकिन हमलावरों ने हवा में गोलियां चलाकर उन्हें डराकर वापस खड़ा कर दिया। उसके बाद बच्चों और शिक्षकों को जंगल की ओर ले जाने का सिलसिला शुरू हुआ, जो लगभग आधा घंटा चलता रहा।
This just happened about 2 hours ago! This is what black people here in America s pushing for the people t ignore!!!!! All because of wha? You dont lke the messenger???? Yall are sick!! SICK!! Lord help us! God have mercy. 😭💔
“Nigeria Under Tinubu: Once Again, D English Alhaji… pic.twitter.com/9kuFzlzAk7
— WhereMyPrayerWarriors (@AJPrays_) November 21, 2025
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि हमलावर बेहद संगठित तरीके से काम कर रहे थे- पहले पहरेदारों को काबू में करना, फिर छोटी टुकड़ियों में बच्चों को ले जाना, और अंत में जंगल के रास्ते गाड़ी बदलकर भाग जाना। यह सब इतनी तेजी से हुआ कि स्थानीय पुलिस के पहुंचने तक हमलावर कई किलोमीटर दूर निकल चुके थे।
स्थानीय समुदाय का शोक और भय-अभिभावकों की भीड़
घटना के बाद स्कूल के बाहर अभिभावकों का सैलाब उमड़ पड़ा। दूर-दूर से ग्रामीण अपने बच्चों की तलाश में पहुंचे। किसी के पास कोई स्पष्ट सूचना नहीं थी, कौन बच्चे बचकर लौटे, कौन बीच रास्ते में छूट गए, और कितनों को जंगल की ओर ले जाया गया। कुछ बच्चे भागते-भागते थकान और डर के कारण गिर पड़े और स्थानीय लोगों को मिले। कई बच्चों को अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें प्राथमिक चिकित्सा और मानसिक परामर्श दिया गया। लेकिन अधिकांश परिवार अभी भी इस अनिश्चितता के दौर से गुजर रहे हैं कि उनके बच्चे जीवित भी हैं या नहीं।एक अभिभावक ने रोते हुए कहा, “मैंने अपने बेटे को सुबह स्कूल भेजा था, कौन जानता था कि यह उसके जीवन का सबसे डरावना दिन होगा।”
क्यों बढ़ रहे हैं ऐसे स्कूल-अपहरण? अपहरण एक “अपराध उद्योग” बन चुका है
पिछले एक वर्ष में नाइजीरिया में बड़े पैमाने पर अपहरणों की संख्या खतरनाक रूप से बढ़ी है। उत्तर-पश्चिम और उत्तर-मध्य राज्यों में कई गिरोहों ने ‘Kidnap-For-Ransom’ को संगठित अपराध के रूप में अपना लिया है। इन समूहों के लिए बच्चों का अपहरण अत्यंत लाभदायक माना जाता है, क्योंकि उनकी रिहाई के बदले सामान्य लोगों, समुदायों और स्थानीय प्रशासन से बड़ी रकम वसूली जा सकती है।
स्कूल और बच्चे आसान लक्ष्य क्यों हैं?
ग्रामीण और दूरदराज़ इलाकों में स्थित स्कूलों में अक्सर सुरक्षा गार्ड अपर्याप्त होते हैं, चेतावनी प्रणालियां नहीं होतीं, और बच्चों की संख्या ज़्यादा होती है। इन परिस्थितियों में हमलावर गिरोहों के लिए स्कूल सॉफ्ट टारगेट बन जाते हैं, जहां वे एक ही बार में दर्जनों नहीं, सैकड़ों बच्चों को उठा सकते हैं।
राज्य और सुरक्षा तंत्र की चुनौतियां
स्थानीय पुलिस बल अक्सर संसाधनों की कमी, कठिन भूभाग, और सीमित खुफिया नेटवर्क के कारण गिरोहों तक समय रहते नहीं पहुंच पाते। दूसरी ओर, हमलावर जंगलों, पर्वतीय इलाकों और नदी क्षेत्रों का इस्तेमाल कर अपने ठिकाने बार-बार बदलते रहते हैं।
पिछले 12 महीनों में कई बड़े स्कूल- बच्चे अपहरण
पिछले साल मार्च में एक सरकारी स्कूल से लगभग 287 छात्रों का अपहरण हुआ था। इससे कुछ महीनों पहले उत्तरी क्षेत्रों में 15–20 बच्चों के अपहरण की कई छोटी लेकिन लगातार घटनाएं हुई थीं। इन घटनाओं ने स्पष्ट कर दिया था कि गिरोहों का नेटवर्क न सिर्फ मज़बूत है बल्कि तेजी से फैल भी रहा है।
सामाजिक-आर्थिक कारण
बेरोज़गारी, गरीबी, हथियारों की आसान उपलब्धता और सरकार–समुदाय के बीच विश्वास की कमी ने इन गिरोहों के लिए जमीन तैयार की है। जहां सरकारी हस्तक्षेप कमजोर होता है, वहीं अपराधी प्रभावशाली होते जाते हैं।
नाइजीरिया की यह घटना क्यों अलग और ज़्यादा गंभीर है
हालांकि नाइजीरिया में पिछले कुछ वर्षों में स्कूल अपहरण नई बात नहीं है, पर Papiri की यह घटना दो कारणों से सबसे गंभीर मानी जा रही है-
1. बच्चों और शिक्षकों की संख्या बहुत अधिक है- 215 बच्चों और 12 शिक्षकों का एक साथ अगवा होना एक विशाल मानवीय संकट है।
2. यह एक ही सप्ताह में दूसरा बड़ा अपहरण है, जिससे साफ होता है कि अपराधी समूह अब बेखौफ़ होकर काम कर रहे हैं और सुरक्षा तंत्र उन पर रोक लगाने में असहाय दिख रहा है। इसके अलावा, यह हमला उस समय हुआ जब आसपास के क्षेत्रों में पहले ही सुरक्षा चिंताएं बढ़ी हुई थीं। कई स्थानीय निवासियों ने दावा किया था कि उन्हें कुछ दिनों से अजीब गतिविधियां दिखाई दे रही थीं- अजनबी लोगों की आवाजाही, रात में मोटरसाइकिलों की बढ़ती संख्या, और जंगलों में हलचल! इस सबके बावजूद स्कूल सामान्य रूप से खुला रहा।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की प्रतिक्रिया
घटना की खबर मिलते ही राज्य पुलिस, सैन्य बल और स्थानीय सुरक्षा यूनिटों को सक्रिय कर दिया गया। जंगलों में दो हेलीकॉप्टरों की सहायता से तलाशी अभियान चलाया गया। स्थानीय ‘हंटर’ (परंपरागत शिकारी समुदाय) को भी खोज अभियान में शामिल किया गया, जो इलाके की भूगोल और जंगलों के रास्तों से परिचित हैं। सरकार ने कहा है कि बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षित वापसी के लिए “हरसंभव प्रयास” किए जा रहे हैं। हालांकी अनेक बार ऐसा हुआ है कि अपहरणकर्ता बंधकों को छोटे-छोटे समूहों में बांट देते हैं, जिससे बचाव अभियान और मुश्किल हो जाता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं और व्यापक चिंता
इस घटना ने वैश्विक मानवाधिकार एजेंसियों का ध्यान फिर से नाइजीरिया की ओर खींचा है। अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने कहा है कि बच्चों की सुरक्षा का मौलिक अधिकार देश में गंभीर रूप से खतरे में है। कई संस्थाओं ने नाइजीरिया सरकार को चेतावनी दी है कि यदि स्कूल सुरक्षा पर निर्णायक कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाली पीढ़ियां शिक्षा से कट सकती हैं। कुछ विदेशी सरकारों और दूतावासों ने इस घटना पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि वे बच्चों की सुरक्षित वापसी और स्थानीय समुदायों को सहयोग देने के लिए तैयार हैं।
अपहरण का मानवीय प्रभाव-आंसू, दहशत और शिक्षा से भय
स्कूल अपहरण सिर्फ बच्चों को अगवा किए जाने तक सीमित नहीं होता। इसके गहरे असर हैं:
1. बच्चों पर मानसिक घाव- जो बच्चे बचकर लौटते हैं, वे कई महीनों तक डर, बेचैनी, रात में नींद न आना, और बाहर जाने में घबराहट जैसी समस्याएं झेलते हैं।
2. अभिभावकों का स्कूलों पर भरोसा टूटना– कई परिवार अब बच्चों को स्कूल भेजने से डरते हैं। कुछ राज्यों में कई स्कूल अस्थायी रूप से बंद पड़े हैं।
3. ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का खतरा– पहले से संघर्ष झेल रहे ग्रामीण क्षेत्रों में यह प्रवृत्ति शिक्षा को लगभग असंभव बना रही है। कई विशेषज्ञों का कहना है कि यदि ऐसा ही चलता रहा, तो पूरे एक पीढ़ी का भविष्य अंधेरे में चला जाएगा।
स्थानीय समुदाय का हंटर समूह, सामुदायिक निगरानी और खुफिया सहयोग
नाइजीरिया के कई हिस्सों में स्थानीय समुदायों ने महसूस किया है कि केवल पुलिस बलों पर निर्भर रहना काफी नहीं है। इसलिए वे सामुदायिक निगरानी, गांव स्तर पर चौकसी, हंटर समूहों की सक्रियता, और रात में निगरानी जैसे कदम खुद उठा रहे हैं। कई स्थानों पर यह भी देखा गया है कि ग्रामीण हमलावरों के संभावित रास्तों पर मिट्टी में ट्रैप लगाते हैं या अवैध रास्तों को बंद कर देते हैं ताकि गिरोहों की आवाजाही रोकी जा सके।
सिर्फ सैन्य कार्रवाई पर्याप्त नहीं
लोगों का मानना है कि सैन्य और पुलिस कार्यवाही जरूर ज़रूरी है, लेकिन गिरोहों के सामाजिक, आर्थिक और हथियार-आधारित ढांचे को तोड़ना सबसे अहम है। गांवों और कस्बों में विकास की कमी की वजह से युवक इन गिरोहों में शामिल होने को मजबूर होते हैं। सरकार और ग्रामीण समुदाय के बीच विश्वास बहाली के बिना कोई भी सुरक्षा नीति सफल नहीं हो सकती।
Papiri अपहरण- नाइजीरिया के लिए एक ‘टर्निंग पॉइंट’?
विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है। क्योंकि बंधकों की संख्या बेहद बड़ी है। घटना ताज़ा सुरक्षा चेतावनियों के बावजूद हुई, और अपहरण ठीक उस समय हुआ जब पहले से एक बड़ा अपहरण देश को झकझोर चुका था। यह घटना नाइजीरिया सरकार पर व्यापक सुधार करने का दबाव भी बढ़ा रही है- स्कूल सुरक्षा कानून, बजट में वृद्धि, ग्रामीण क्षेत्रों में त्वरित चेतावनी प्रणाली, ड्रोन निगरानी, और समुदाय आधारित सुरक्षा ढाँचा।
बच्चों की सुरक्षित वापसी- अभी सबसे बड़ी प्राथमिकता
फिलहाल पूरा देश इस बात का इंतजार कर रहा है कि बच्चों और शिक्षकों को सुरक्षित वापस लाया जा सके। सुरक्षा एजेंसियां लगातार जंगलों में खोज अभियान चला रही हैं। कई परिवारों ने अनिश्चितता में दिन-रात स्कूल के बाहर डेरा लगाया हुआ है।उनकी एक ही पुकार है, “हमारे बच्चे वापस आएं, बस यही दुआ है।”
नाइजीरिया में शिक्षा का भविष्य दांव पर
Papiri की घटना सिर्फ एक अपहरण नहीं, बल्कि नाइजीरिया की शिक्षा व्यवस्था पर मंडराते गहरे संकट का संकेत है। जब डर स्कूलों के दरवाज़ों पर खड़ा हो जाए, जब बच्चे पढ़ाई से पहले सुरक्षा के बारे में सोचने लगें, जब अभिभावक हर सुबह यह दुआ करें कि उनका बच्चा सुरक्षित लौट आए, तो यह सिर्फ सुरक्षा विफलता नहीं, बल्कि एक पूरे देश के भविष्य पर हमला है। नाइजीरिया को अब ऐसे निर्णय लेने होंगे जो आने वाली पीढ़ियों को भय से मुक्त कर सकें। यदि व्यापक और निर्णायक कदम नहीं उठाए गए, तो Papiri की यह त्रासदी आने वाले महीनों में सिर्फ एक और संख्या बनकर रह जाएगी, और देश को ऐसे और सदमे सहने पड़ेंगे।
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