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June 5, 2025

अब युद्ध होगा स्मार्ट AI के ज़रिए, US आर्मी के लिए Meta बनाएगी हाईटेक चश्मे और हेलमेट

Mark Zuckerberg AI US Army: आजकल दुनिया के कई बड़े देश अपनी सेनाओं को और ज्यादा स्मार्ट, सुरक्षित और मॉर्डन बनाने की होड़ में लगे हुए हैं। अमेरिका इस रेस में हमेशा सबसे आगे रहा है। अब इस टेक्नोलॉजी रेस में एक बड़ा नाम और जुड़ने जा रहा है और वह है Meta!

Meta ने रखा सोशल मीडिया से बाहर कदम

Facebook, Instagram और WhatsApp जैसे बड़े प्लेटफॉर्म चलाने वाली Meta अब सिर्फ सोशल मीडिया तक सीमित नहीं रहना चाहती। कंपनी के CEO मार्क जुकरबर्ग अब वर्चुअल रियलिटी (VR) और ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी को सेना के काम में लाने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए Meta ने अमेरिका की एक डिफेंस टेक्नोलॉजी कंपनी Anduril Industries कंपनी साथ हाथ मिलाया है।

Meta बना रही AI डिवाइसेज US आर्मी के लिए

Meta और एंड्रिल मिलकर ऐसे खास चश्मे, हेलमेट और पहनने वाले डिवाइस बना रहे हैं, जिन्हें सैनिक युद्ध के मैदान में पहन सकें। इन Meta Glasses को पहनकर यूजर कई सारे फीचर्स को अपने चश्मे से कंट्रोल कर सकता है। ये डिवाइस दिखने में भले आम लगेगें, लेकिन इनके अंदर मॉडर्न सेंसर और AI तकनीक लगी होगी, इसकी मदद से सैनिकों को रियल टाइम में डिजिटल जानकारी मिल सकेगी। जैसे दुश्मन की लोकेशन, ड्रोन की मूवमेंट या आसपास के खतरों की पहचान। मेटा और एंड्रिल की पार्टनरशिप आने वाले समय में युद्ध की परिभाषा को बदल सकती है।

ख़ास होंगे ये AI डिवाइसेज

Meta द्वारा निर्मित चश्मे और हेलमेट AI इनेबल्ड होंगे
चश्मे और हेलमेट में ऐसे सेंसर होंगे, जो सैनिकों की आंख और कान की ताकत को कई गुना बढ़ा सकते हैं।
छिपे हुए दुश्मन, दूर से आने वाले ड्रोन या किसी भी संदिग्ध गतिविधि को ये डिवाइस तुरंत पहचान सकते हैं।
सैनिक अब अपने स्मार्ट हथियारों से बात भी कर सकेंगे। जैसे बोलकर आदेश देना।

स्मार्ट हथियारों से बढ़ेगी ताकत, Meta का खास कदम

इस प्रोजेक्ट के तहत Anduril ऑटोनॉमस यानी खुद चलने वाले हथियार बनाएगी और मेटा इसमें अपनी AI तकनीक जोड़ देगी। इससे सैनिक इन हथियारों को बिना हाथ लगाए सिर्फ बोलकर या इशारों से कंट्रोल कर सकेंगे। अगर सैनिक AI टेक्नॉलजी से लैस होंगे तो वे दुश्मन पर भरी पड़ सकते हैं। अब तक Meta को सिर्फ सोशल मीडिया कंपनी के तौर पर जाना जाता रहा है, लेकिन यह डिफेंस टेक्नोलॉजी की दुनिया में उसकी एक नई और मजबूत पहचान बना सकता है। यह प्रोजेक्ट Mark Zuckerberg और Meta के लिए एक अहम पड़ाव है। अगर यह प्रोजेक्ट सफल होता है, तो Meta दुनिया की सबसे एडवांस डिफेंस टेक कंपनियों में गिनी जा सकती है।

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