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August 22, 2025

मुंबई में मानसून के बीच बढ़ीं बीमारियां, मलेरिया, चिकनगुनिया और हेपेटाइटिस के मामलों में इजाफा

The CSR Journal Magazine
मुंबई में पिछले दिनों में मूसलाधार बारिश ने शहर को जमकर भिगोया, जिससे पूरे शहर का जनजीवन पूरी तरह सेअस्त-व्यस्त हो गया। सड़कों पर जलभराव, ट्रैफिक जाम और लोकल ट्रेनों की रफ्तार पर भी असर पड़ा। वहीं, बारिश के साथ मानसून से जुड़ी बीमारियों में भी तेज़ी से इज़ाफा देखने को मिला।

मुंबई में बारिश के पानी के साथ आई बीमारियों की बाढ़

Malaria, Chikungunya, Hepatitis Cases Rise in Mumbai: बारिश कई लोगों के लिए वरदान है तो कई लोगों की जिंदगियों में इससे तबाही आ जाती है। मुंबई में भारी बारिश ने सामान्य जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। गोरेगांव में मृणालताई गोरे फ्लाईओवर के नीचे के इलाकों, लोखंडवाला, अंधेरी में वीरा देसाई रोड और माटुंगा, चेंबूर, खार, दादर पूर्व और कुर्ला के कई हिस्सों में पानी भर गया। बारिश के कारण मच्छरों की संख्या बढ़ जाती है और ये मच्छर कई तरह की बीमारियों को भी जन्म देते हैं।

मानसूनी बीमारियों में तेज़ इज़ाफा

एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई में इस साल जनवरी से अगस्त 2025 के बीच मलेरिया, चिकनगुनिया और हेपेटाइटिस के मामलों में पिछले साल की तुलना में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) की रिपोर्ट के अनुसार, मलेरिया के मामले 2024 में 4,021 थे, जो अब बढ़कर 4,825 हो गए हैं। चिकनगुनिया के मामले 210 से बढ़कर 328 हो गए हैं, जबकि हेपेटाइटिस के केस 662 से बढ़कर 703 हो चुके हैं।

कुछ बीमारियों में आई गिरावट

हालांकि, राहत की बात यह है कि डेंगू, लेप्टोस्पायरोसिस और गैस्ट्रोएंटेराइटिस जैसे कुछ अन्य मानसूनी बीमारियों में कमी आई है। रिपोर्ट के अनुसार, डेंगू के मामले 1,979 से घटकर 1,564 हो गए हैं। वहीं  लेप्टोस्पायरोसिस के केस 553 से घटकर 316 हुए हैं, जबकि गैस्ट्रोएंटेराइटिस के मामले 6,133 से घटकर 5,510 दर्ज किए गए हैं।

BMC ने समय से पहले मानसून को बताया कारण

हर साल मानसून के शुरू होते ही मानसूनी बीमारियों में वृद्धि देखी जाती है। इस साल मानसून मई महीने में आ जाने के कारण जून महीने में ही मानसूनी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या में काफी वृद्धि देखी गई। जून महीने में मलेरिया और गैस्ट्रो जैसे रोगों ने असर दिखाया, जबकि जुलाई में मलेरिया, लेप्टोस्पायरोसिस और चिकनगुनिया के मामलों में तेज वृद्धि हुई है। जुलाई के पहले पंद्रह दिनों में मलेरिया के 633, लेप्टोस्पायरोसिस के 35 और चिकनगुनिया के 43 मरीज सामने आए हैं। इसके साथ ही इन बीमारियों की रोकथाम के लिए मनपा स्वास्थ्य विभाग ने जुलाई में 6 लाख 70 हजार 13 घरों का सर्वेक्षण किया है। मई महीने के आखिरी में शुरू हुई बारिश से जून महीने में ही मानसूनी बीमारियों के मामलों में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होने लगी। मई में बारिश शुरू हो जाने से मलेरिया, डेंगू, गेस्ट्रो और चिकनगुनिया जैसे रोगों के फैलने के शुरुआत हो गई। बारिश से जगह-जगह पानी जमा हो जाने पर लेप्टोस्पायरोसिस के मामलों में वृद्धि देखी गई।

जुलाई में सबसे ज़्यादा बढ़े मामले

जून के महीने भर में मलेरिया के 884 मरीज मिले थे, जबकि जुलाई के पहले पखवाड़े में ही 633 मरीज सामने आए। इसी तरह जून में लेप्टोस्पायरोसिस के 36 मरीज थे, जबकि जुलाई में अब तक 35 मरीज हो चुके हैं। चिकनगुनिया के मामले जून में 21 थे जो जुलाई में अभी तक 43 हो गए हैं, यानी इसमें दोगुनी वृद्धि हुई है। चिकनगुनिया में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। इस वर्ष अब तक 328 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 2024 में 210 मामले दर्ज किए गए थे। हालांकि जून में गैस्ट्रो के सर्वाधिक 936 मामले सामने आए थे जबकि जुलाई में अब तक केवल 318 मरीज मिले हैं, जिससे इसमें कुछ कमी देखी गई है। इसके अलावा जुलाई में डेंगू के 282, कोरोना के 127 और हेपेटाइटिस के 40 मामले सामने आए हैं।

BMC की लोगों से अपील

शून्य मच्छर उत्पत्ति अभियान राष्ट्रीय कीटकजन्य रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक, कार्यक्रम प्रबंधक और कीटविज्ञानी ने जुलाई में मुंबई का दौरा किया था। BMC के अधिकारियों ने अब तक लगभग 4.7 लाख घरों की जांच की है और 1,015 हाउसिंग सोसाइटियों को इस संबंध में जागरूक किया गया है। BMC की ओर से नागरिकों से अपील की गई है कि वे मच्छरों के प्रजनन को रोकें, अपने घरों और आस-पास पानी जमा न होने दें, और खुले खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें। ऐसा न करने पर वे भी इन बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं, जो उनके लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती हैं।

मच्छरों से बचाव के लिए करते रहें उपाय

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि इस बार मानसून का असर ज्यादा देखा गया है जिससे कई स्थानों पर जलजमाव की स्थिति हो गई। स्थिर और साफ पानी डेंगू मच्छरों के प्रजनन के लिए सबसे उपयुक्त होता है। इसके अलावा प्लास्टिक के कंटेनर, एयर कूलर, फूलों के गमले, टायर और खाली पड़े किसी भी सामान, जहां पानी जमा हो सकता है उनमें मच्छर पनप सकते हैं। मच्छरों को पनपने से रोकने के उपायों के साथ-साथ मच्छरों के काटने से बचने के लिए भी प्रयास जरूरी है। बचाव के तरीकों का पालन करते रहना ही आपको इन स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव कर सकते हैं।
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