app-store-logo
play-store-logo
September 20, 2025

पंजाब के फगवाड़ा से साइबर ठगी का बड़ा खुलासा: रिसॉर्ट से चल रहा था कॉल सेंटर, 38 गिरफ्तार

The CSR Journal Magazine
पंजाब के फगवाड़ा से एक बड़ा साइबर ठगी रैकेट पकड़ा गया है, जिसने न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी हड़कंप मचा दिया है। इस गिरोह ने अपने ठगी के धंधे के लिए किसी छोटे दफ्तर या अवैध कॉल सेंटर की जगह एक लग्ज़री रिसॉर्ट का इस्तेमाल किया था। पुलिस ने इस मामले में संयुक्त कार्रवाई करते हुए 38 लोगों को गिरफ्तार किया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इन आरोपियों का संबंध न सिर्फ पंजाब बल्कि देश के 12 से अधिक राज्यों से है, जो इस अपराध के बड़े और संगठित स्वरूप को दर्शाता है।
इस छापेमारी में पुलिस ने भारी मात्रा में लैपटॉप, मोबाइल फोन और नकदी बरामद की है, जो इस गिरोह की सक्रियता और पैमाने का प्रमाण हैं। अपराधी रिसॉर्ट में बैठकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों को ठग रहे थे। पुलिस की यह कार्रवाई जहां एक बड़ी सफलता है, वहीं यह आम नागरिकों के लिए भी चेतावनी है कि डिजिटल दुनिया में सतर्क रहना अब पहले से कहीं ज्यादा ज़रूरी हो गया है।

कैसे पकड़ा गया यह रैकेट?

अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई लंबे समय से चल रही निगरानी और गुप्त सूचना के आधार पर की गई।
कार्रवाई की शुरुआत और छापेमारी कपूरथला साइबर सेल और फगवाड़ा थाना पुलिस को कुछ दिनों पहले एक गुप्त सूचना मिली थी कि फगवाड़ा के पास एक रिसॉर्ट में कॉल सेंटर चलाया जा रहा है, जहां से विदेशों में रहने वाले लोगों को तकनीकी सहायता के नाम पर ठगी की जा रही है। सूचना के आधार पर पुलिस ने रिसॉर्ट में छापा मारा, जहां कई लोग विदेशी नंबरों पर कॉल कर रहे थे और अंग्रेज़ी भाषा में बातचीत कर रहे थे। इस गिरोह की पूरी गतिविधि योजनानुसार और प्रोफेशनल तरीके से चल रही थी, जिसमें कॉल ऑपरेटर से लेकर टेक्निकल सपोर्ट एजेंट तक सभी का काम चालू था। इस कार्रवाई में पुलिस ने मौके से 40 लैपटॉप, 67 मोबाइल फोन और लगभग 10 लाख रुपये नकद जब्त किए, जो इस गिरोह के बड़े पैमाने पर काम करने का संकेत हैं।

ठगी का तरीका

गिरोह का निशाना मुख्य रूप से अमेरिका और कनाडा के लोग थे। ये लोग खुद को टेक्निकल सपोर्ट एजेंट बताते थे। पीड़ितों को डराया जाता कि उनका कंप्यूटर या मोबाइल वायरस से संक्रमित है। फिर फर्जी सॉफ्टवेयर इंस्टॉलेशन या रिमोट एक्सेस के नाम पर उनसे मोटी रकम वसूली जाती थी। कई मामलों में आरोपियों ने पीड़ितों के बैंक खातों तक पहुंच बनाई और सीधे रकम ट्रांसफर कर ली।

कानूनी कार्रवाई

पुलिस ने आरोपियों पर आईपीसी की धोखाधड़ी संबंधी धाराओं और आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। साथ ही, बरामद डिवाइस की जांच कर गिरोह के विदेशी संपर्क, बैंक ट्रेल और डिजिटल ट्रांजेक्शन की जानकारी जुटाई जा रही है। गिरफ्तार किए गए लोग केवल पंजाब से ही नहीं, बल्कि देश के कई हिस्सों से हैं —
दिल्ली, नागालैंड, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, ओडिशा, झारखंड और महाराष्ट्र से हैं। पुलिस ने छापा मारकर 38 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं। यह नेटवर्क कितना फैला हुआ है, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसमें कई राज्यों के लोग शामिल हैं। इस बड़ी कार्रवाई से साइबर अपराध में लिप्त गिरोहों में हड़कंप मच गया है। पुलिस ने दावा किया है कि इस रैकेट में शामिल सभी लोगों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

साइबर अपराध से बचाव

यह घटना आम लोगों के लिए भी बड़ी सीख है।
  • किसी भी अनजान कॉल या मेल पर भरोसा न करें।
  • कभी भी अपना कंप्यूटर या मोबाइल रिमोट एक्सेस किसी अजनबी को न दें।
  • केवल अधिकृत कस्टमर केयर या आधिकारिक वेबसाइट से ही मदद लें।
  • अगर ठगी हो जाए तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।
Long or Short, get news the way you like. No ads. No redirections. Download Newspin and Stay Alert, The CSR Journal Mobile app, for fast, crisp, clean updates!
App Store – https://apps.apple.com/in/app/newspin/id6746449540
Google Play Store – https://play.google.com/store/apps/details?id=com.inventifweb.newspin&pcampaignid=web_share

Latest News

Popular Videos