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महाराष्ट्र – बेमौसम बारिश ने तोड़ी किसानों की कमर, फसल बर्बाद, सब्जियों के दाम आसमान पर

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किसानों के बहाने नेता चले सरकार बनाने, ये हम इस लिए कह रहे है क्योंकि चाहे वो शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे हो, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस हो, या फिर एनसीपी सुप्रीमों शरद पवार, किसानों के बदहाली पर लगातार बैठक कर रहे है, किसानों से मिल रहे है, नेताओं का प्रतिनिधि मंडल राज्यपाल से मुलाकात कर रह है लेकिन बैठक में बातचीत सरकार कैसे बनेगी इसपर ज्यादा किसानों की मौत और उनकी दशा पर सिर्फ नाम मात्र, कोई भी कुछ ठोस करने को राजी नहीं है, महाराष्ट्र के मराठवाड़ा इलाके में पिछले चार दिनों के दौरान किसानों द्वारा आत्महत्या के कम से कम 10 मामले सामने आए हैं। महाराष्ट्र के कई इलाकों में बेमौसम बारिश के चलते फसल को भारी नुकसान हुआ है। और यही कारण है कि एक तो किसान मौत का रास्ता चुन रहा है और सरकार है कि इन्हे लावारिस छोड़े हुए है। इन खुदकुशियों के पीछे की कहानी को पुलिस जाँच कर रही है लेकिन सवाल ये कि कब तक किसान मौत को गले लगाते रहेंगे।
मध्य महाराष्ट्र के इस क्षेत्र में बेमौसम बारिश के चलते सोयाबीन, ज्वार, मक्का और कपास जैसी खरीफ की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। ऐसे में बेमौसम बरसात किसानों पर मुसीबतों का पहाड़ बनकर टूटी है, लाखों हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है और कर्ज के बोझ में डूबे किसान रोने पर मजबूर हैं, ऐसे में चुनावों के पहले किसानों के मुद्दे को उछालकर वोट मांगने वाले नेता अब किसानों के मसीहा बनने की होड़ में लगे हुए हैं, लेकिन जब राहत की बात आती है तो फाइल की टेबल यात्रा शुरू हो जाती है। इससे पहले, बीजेपी ने राज्य सरकार की तरफ से 10 हजार करोड़ रुपए का मदद निधि देने का ऐलान किया था।
फसल बर्बाद होने से जहाँ किसान परेशान है वही आम जनता को भी राहत नहीं है, सब्जियों के दाम इतने बढ़ गए है कि आपकी और हमारी थाली से सब्जियां गायब ही हो रही है, प्याज, हरी सब्जियों के आलावा सीजनल सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे है और इन सब का कारण बर्बाद फसल और सरकार की बेरुखी रवैया। एक बार फिर प्याज कीमतों में उछाल आया है। जो प्याज 50 से 55 रुपए प्रतिकिलो में बिक रहा था वहीं कई राज्यों में प्याज के खुदरा मूल्य की कीमत 80 से 100 रुपए प्रतिकिलो पहुंच गया है। अक्टूबर के महीने में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश कर्नाटक समेत कई राज्यों में हुई बारिश से प्याज और टमाटर की फसल को एक बार फिर भारी नुकसान पहुंचा है।
एक तरफ नेता किसानों का रहनुमा होने का घड़ियाली आंसू रो रहे है तो वहीं दूसरी ओर राज्य में सरकार बनाने को लेकर खींचतान अभी भी जारी है। बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के पास बहुमत होने के बावजूद पेंच सीएम पोस्ट को लेकर फंसा हुआ है। यहाँ ये बताना जरुरी है कि जब तक राज्य के राज्यपाल पुरानी सरकार को बर्खास्त नहीं करते तब तक प्रशासन और सरकार के मंत्री अपने अपने विभाग का काम कर सकते हैं, ऐसे में अब तक महाराष्ट्र के सत्ता की चाभी अभी भी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथों में है, सीएम ने राज्य सरकार की ओर से किसानों के लिए 10 हजार करोड़ की मदद देने का ऐलान भी किया है पर विरोधी पार्टियों के साथ साथ खुद सरकार में शामिल शिवसेना इसे ऊंट के मुंह में जीरा बता रही है। राज्य सचिव ने सभी सरकारी विभागों को नुकसान का रिपोर्ट बुधवार तक देने को कहा है और उसके बाद नई सरकार का गठन होने पर किसानों को मदद दी जा सकती है, ऐसे में अब ये देखना होगा कि मदद का आश्वासन देने वाले नेता क्या जल्द से जल्द किसानों को मदद दिला पाएंगे या फिर किसानों को लेकर पर अपनी अपनी राजनीतिक रोटियां भर सेकते रह जाएंगे।
सब्जियों के दाम आसमान पर
प्याज 80 से 100 रुपये किलो
टमाटर 40 से 60 रुपये किलो
मटर 150 रुपये किलो
धनिया एक बंडल 200 रुपये
गोभी 80 रुपये किलो
भिंडी 80 रुपये किलो
पालक एक बंडल 40 रुपये
मेथी एक बंडल 60 रुपये