महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल (MSRDC) ने समृद्धी महामार्ग (Samruddhi Mahamarg) पर सौर ऊर्जा उत्पादन शुरू कर दिया है। वाशिम के कांरजालाड और बुलढाणा के मेहकर इंटरचेंज में पहले चरण के प्रोजेक्ट से कुल 5 मेगावाट बिजली का उत्पादन होने लगा है। यह महाराष्ट्र का पहला ऐसा हाईवे है जो खुद बिजली पैदा करेगा। Expressway in Maharashtra
Samruddhi Mahamarg: समृद्धी महामार्ग, देश में अनोखा कदम
701 किलोमीटर लंबा समृद्धी महामार्ग नागपुर और मुंबई (Mumbai-Nagpur Expressway) को जोड़ता है। अब तक इस रोड पर 1.25 करोड़ से अधिक गाड़ियां गुजर चुकी हैं। Maharashtra State Road Development Corporation (MSRDC) का लक्ष्य सिर्फ तेज़ी से सफर नहीं, बल्कि पर्यावरण और ऊर्जा के क्षेत्र में भी Innovations करना था। यही वजह है कि यह हाईवे देश में पहला सौर ऊर्जा उत्पादक हाईवे बन गया है।
Samruddhi Mahamarg खुद कर रहा है 5 मेगावाट बिजली का उत्पादन
पहले चरण में कांरजालाड में 3 मेगावाट और मेहकर में 2 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हुआ। इस परियोजना से MSRDC को सड़क शुल्क के अलावा नई आय का स्रोत भी मिलेगा। बिजली महावितरण को बेची जाएगी और प्रति यूनिट दर 3.05 रुपये तय की गई है।
MSRDC ने तय की भविष्य की योजनाएं
महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल के सह-व्यवस्थापकीय संचालक मनुज जिंदल (Manuj Jindal, IAS, Joint MD, MSRDC) ने कहा कि यह सिर्फ समृद्धी महामार्ग तक सीमित नहीं है। अन्य प्रस्तावित महामार्गों पर भी सौर ऊर्जा प्रकल्प (Solar Energy) लगाने की योजना है। इससे कार्बन क्रेडिट भी जमा होंगे, जो भविष्य में नई परियोजनाओं के लिए मददगार होंगे। MSRDC के उपाध्यक्ष और व्यवस्थापकीय संचालक अनिलकुमार गायकवाड (Anilkumar Gaikwad, VC, MD, MSRDC) के नेतृत्व में और सह-व्यवस्थापकीय संचालक मनुज जिंदल के मार्गदर्शन में यह प्रकल्प सफलतापूर्वक क्रियान्वित हुआ।
महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल का पर्यावरण और विकास में योगदान
इस प्रोजेक्ट से न सिर्फ बिजली उत्पादन होगा, बल्कि कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और राज्य में हरित ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा। यह साबित करता है कि सड़क निर्माण और ऊर्जा उत्पादन को साथ लेकर पर्यावरण के अनुकूल विकास संभव है। समृद्धी महामार्ग पर सौर ऊर्जा उत्पादन महाराष्ट्र के लिए एक प्रेरक मॉडल है। इससे नागरिकों को साफ ऊर्जा मिलेगी और राज्य की सड़क परियोजनाओं के माध्यम से सतत और हरित विकास को नई दिशा मिलेगी।