महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने भाई उद्धव ठाकरे के साथ गठबंधन पर बड़ा बयान दिया है। राज ठाकरे ने अभिनेता और राज ठाकरे के मित्र महेश मांजरेकर के पॉडकास्ट में इस गठबंधन पर टिप्पणी की। राज ठाकरे ने कहा कि हमारे बीच झगड़े और विवाद महाराष्ट्र और मराठी लोगों के अस्तित्व के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने दोनों दलों के साथ गठबंधन का भी इशारा किया। इसके अलावा मनसे प्रमुख ने महाराष्ट्र के सभी राजनीतिक दलों के मराठी लोगों को एक साथ आकर एक पार्टी बनाने की सलाह दी।
Raj Thackeray Uddhav Thackeray: उद्धव ठाकरे के साथ गठबंधन पर राज ठाकरे के संकेत साफ
कुछ दिन पहले महेश मांजरेकर ने राज ठाकरे का इंटरव्यू लिया था। इस इंटरव्यू में महेश मांजरेकर ने सीधे राज ठाकरे से उद्धव ठाकरे के साथ गठबंधन के बारे में पूछा। इस सवाल का जवाब देते हुए राज ठाकरे ने कहा कि हमारे बीच विवाद, झगड़े, बातें छोटी-मोटी हैं। महाराष्ट्र उससे कहीं बड़ा है। ये विवाद, ये बातें महाराष्ट्र और मराठी लोगों के अस्तित्व के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। महेश मांजरेकर ने इस इंटरव्यू में राज ठाकरे से पूछा कि क्या वह अब भी शिवसेना के साथ मिल सकते हैं? कितना स्पष्ट प्रश्न है। राज ठाकरे ने इस पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि मराठी लोगों के अस्तित्व के सामने विवाद और संघर्ष महत्वहीन हैं। इसलिए अब सवाल उठने लगा है कि क्या ये राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच भविष्य के गठबंधन के संकेत हैं।
राज ठाकरे ने शिवसेना से अलग होकर 9 मार्च 2006 को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का गठन किया था। उनकी नाराजगी की वजह उद्धव ठाकरे ही माने जाते हैं। दरअसल, ऐसा माना गया कि शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे अपने बेटे उद्धव ठाकरे को पार्टी में अधिक तवज्जो देने लगे थे। इसी वजह से राज ठाकरे नाराज हुए और नई पार्टी का गठन किया। एमएनएस का सियासी सफर काफी उतार चढ़ाव भरा रहा है। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के समर्थन में प्रचार किया। हालांकि राज ठाकरे ने विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ने का फैसला किया। 135 सीटों पर उन्होंने उम्मीदवार उतारे लेकिन एक भी सीट पार्टी नहीं जीत सकी। Raj Thackeray Uddhav Thackeray
Raj Thackeray Uddhav Thackeray: मराठी भाषा को लेकर आक्रामक हैं राज ठाकरे
इन दिनों राज ठाकरे मराठी भाषा को लेकर आक्रामक हैं। उनकी पार्टी के कार्यकर्ता गैर मराठी भाषियों से जबरन मराठी बुलवाते देखे गए हैं। हाल ही में जब महाराष्ट्र सरकार ने पांचवीं कक्षा तक के स्कूलों में हिंदी को तीसरी अनिवार्य भाषा बनाने के लिए फैसला लिया तो राज ठाकरे ने कड़ी आपत्ति जताई। राज ठाकरे ने हाल ही में महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री और शिवसेना के अध्यक्ष एकनाथ शिंदे से मुलाकात की थी। इस मुलाकात को लेकर 16 अप्रैल को एकनाथ शिंदे ने कहा था कि क्या हम मिल नहीं सकते? बाल ठाकरे के जमाने से हम साथ में काम करते थे, बीच में किसी कारण से नहीं मिले। हर मुलाकात का राजनीतिक अर्थ निकालना उचित नहीं है। राज ठाकरे के अगल कदम को लेकर भी अटकलें हैं। बड़ा सवाल है कि बीएमसी चुनाव में वो अकेले मैदान में उतरेंगे या फिर गठबंधन करेंगे।