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August 5, 2025

Maharashtra ITI: महाराष्ट्र के 20 आईटीआई में बनेंगी अत्याधुनिक लैब, दिव्यांग छात्रों के लिए भी होंगे विशेष कार्यक्रम

The CSR Journal Magazine
Maharashtra ITI: महाराष्ट्र सरकार राज्य के 20 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित करेगी। इस पहल का उद्देश्य तकनीकी शिक्षा को भविष्य की जरूरतों के अनुरूप ढालना, रोजगार के अवसर बढ़ाना और दिव्यांग छात्रों को मुख्यधारा से जोड़ना है। इस दिशा में राज्य के कौशल, रोजगार, उद्यमिता और नवाचार विभाग ने तीन प्रमुख सामाजिक संस्थाओं के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।

Maharashtra ITI: दिव्यांग छात्रों के लिए भी होंगे विशेष कार्यक्रम

समझौते ग्रामीण विकास ट्रस्ट (बेंगलुरु), श्नाइडर इलेक्ट्रिक इंडिया फाउंडेशन (बेंगलुरु), देआसरा फाउंडेशन (पुणे) और प्रोजेक्ट मुंबई (अंधेरी) के साथ किए गए हैं। इस कार्यक्रम की घोषणा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में की गई, जहां उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अजीत पवार, कौशल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढा, मुख्य सचिव सुजाता सौनिक सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

Maharashtra ITI: निःशुल्क तकनीकी प्रशिक्षण और सॉफ्ट स्किल डेवलपमेंट

राज्य के विद्युत शिल्प प्रशिक्षुओं को बेंगलुरु में 15 दिवसीय आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही, सॉफ्ट स्किल्स को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है जिससे युवा तकनीकी रूप से दक्ष होने के साथ-साथ कॉर्पोरेट जगत के अनुरूप तैयार हो सकें।

Maharashtra ITI: चार वर्षों में 9,750 युवाओं को प्रशिक्षण का लक्ष्य

इस परियोजना के तहत अगले चार वर्षों में महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे, नागपुर, नासिक और अमरावती जैसे प्रमुख क्षेत्रों से 9,750 युवाओं को चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षित किया जाएगा। देआसरा फाउंडेशन और महाराष्ट्र इनोवेशन सोसायटी के साथ हुए समझौते के अंतर्गत राज्य में 5,000 सूक्ष्म और लघु उद्यमियों को व्यवसायिक प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। इसका उद्देश्य स्थानीय स्तर पर रोजगार निर्माण और उद्यमशीलता को बढ़ावा देना है।

दिव्यांगजनों के लिए समावेशी कार्यक्रम

प्रोजेक्ट मुंबई संस्था के सहयोग से दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष समावेशी पाठ्यक्रम तैयार किए जाएंगे। इसमें सांकेतिक भाषा में कोर्स, प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण और ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग की व्यवस्था की जाएगी, जिससे दिव्यांग छात्र भी तकनीकी शिक्षा में आत्मनिर्भर बन सकें। राज्य सरकार की यह पहल न केवल युवाओं को नई तकनीकों से लैस करेगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और रोजगारक्षम बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम भी साबित होगी।

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