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July 12, 2025

Ganeshotsav now Maharashtra State Festival: गणेशोत्सव बना महाराष्ट्र का राजकीय त्योहार, अब होगा राज्योत्सव

Ganeshotsav declared as Maharashtra State Festival: अब गणपति बप्पा का त्योहार सिर्फ एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि महाराष्ट्र का राजकीय त्योहार बन गया है। राज्य के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री एडवोकेट आशीष शेलार ने आज विधानसभा में इसका औपचारिक ऐलान किया। उन्होंने कहा कि गणेशोत्सव केवल उत्सव नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की संस्कृति और गौरव का प्रतीक है।

1893 में तिलक ने की थी शुरुआत

Maharashtra State Festival: मंत्री शेलार ने कहा कि “सार्वजनिक गणेशोत्सव की शुरुआत 1893 में लोकमान्य तिलक ने की थी। इस पर्व में सामाजिक एकता, राष्ट्रभक्ति, आत्मसम्मान और अपनी भाषा के प्रति गर्व की भावना होती है। आज भी वही परंपरा जारी है। इसी भावना को सम्मान देते हुए सरकार ने इसे महाराष्ट्र का राजकीय त्योहार घोषित किया है।”

Latest Ganeshotsav News: अब राज्य सरकार उठाएगी सारे खर्च

मंत्री ने बताया कि पुणे, मुंबई और राज्य के अन्य हिस्सों में बड़े पैमाने पर गणेश उत्सव मनाया जाता है। अब सरकार पुलिस सुरक्षा, बुनियादी ढांचे, और आर्थिक मदद जैसे सभी ज़रूरी इंतजामों का खर्च उठाएगी। यह निर्णय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली महायुति सरकार के द्वारा लिया गया है।

POP मूर्तियों पर अब नहीं रहेगा प्रतिबंध

मंत्री शेलार ने बताया कि पिछली सरकार ने पर्यावरण का हवाला देकर POP (प्लास्टर ऑफ पेरिस) की मूर्तियों पर रोक लगा दी थी, लेकिन उन्होंने कोई ठोस विकल्प नहीं दिया। महायुति सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और वैज्ञानिक रूप से जांच करवाई। इसके लिए राजीव गांधी विज्ञान आयोग के जरिए काकोदकर समिति से स्टडी कराई गई। इसके बाद केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने रिपोर्ट को मंजूरी दी और कोर्ट के आदेश के अनुसार अब POP मूर्तियों को बनाना, बेचना और प्रदर्शित करना कानूनी रूप से मान्य है।

सामाजिक और देशभक्ति थीम को दें प्राथमिकता

मंत्री शेलार ने सभी गणपति मंडलों से अपील की है कि वे इस बार की सजावट और झांकियों में भारतीय सेना का सम्मान, सामाजिक कार्य, ऑपरेशन सिन्दूर, देश की प्रगति, और महान नेताओं को श्रद्धांजलि जैसे विषयों को शामिल करें। इससे उत्सव में सामाजिक जागरूकता, देशभक्ति और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी झलकेगी। अब गणेशोत्सव सिर्फ श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की सरकारी पहचान बन चुका है। गणपति बप्पा मोरया! के जयघोष के साथ अब यह त्योहार और भी भव्यता से मनाया जाएगा पूरे राज्य के समर्थन और सहयोग के साथ।

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