जहां मराठवाड़ा, विदर्भ और महाराष्ट्र के अन्य इलाकों में जनता सूखे की मार और पीने के पानी की किल्लत झेल रही है वही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, दोनों उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार समेत अन्य मंत्रियों के बंगलों पर बिना रूकावट के लगातार मुंबई महानगर पालिका पानी की सप्लाई कर रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, दोनों उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार समेत अन्य मंत्रियों की ये सिटीजन सोशल रिस्पांसिबिलिटी (Citizen Social Responsibility) बनती है कि समय-समय पर ये लोग पानी का बिल (Water Bill of CM Eknath Shinde) भर दें लेकिन हैरानी की बात ये है कि ये लोग समय पर पानी का बिल नहीं भर रहे है जिसकी वजह से कुल बकाया लगभग 1 करोड़ का हो गया है। Maharashtra CM DCM and Ministers default on water bills.
महाराष्ट्र के सीएम, डीसीएम समेत मंत्रियों ने नहीं भरा 1 करोड़ के पानी का बिल
बीएमसी यानी मुंबई महानगरपालिका (BMC in Mumbai) मुंबई में पानी की सप्लाई करती है। नेताओं और मंत्रियों के आधिकारिक घरों और बंगलों में भी बीएमसी पानी की सप्लाई करती है। लेकिन जब आम आदमी पानी का बिल नहीं भर पाता है तो बीएमसी तुरंत कार्रवाई करती है। लेकिन जब प्रदेश का मुख्यमंत्री ही पानी का बिल ना भरे तो बीएमसी कार्यवाई करने में आनाकानी करती है। हम आपको बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जनवरी साल 2022 से पानी का बिल नहीं भर रहे है। एकनाथ शिंदे एक नहीं बल्कि दो-दो बंगला अपने पास रखें हुए हैं। वर्षा का पानी का बिल 1169297 आया है तो वहीं नंदनवन बंगले का बिल 679060 है। कुल मिलाकर ये आकड़ा 18 लाख होता है।
जनता को क्या सीख देंगे महाराष्ट्र मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री तो मुख्यमंत्री दोनों उपमुख्यमंत्रियों के सरकारी बंगलों का पानी का बिल बकाया है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Deputy Chief Minister Devendra Fadnavis) भी 2 बंगले अपने पास रखे हुए हैं। सागर और मेघदूत इन दोनों घरों का पानी का बिल 273118 आया है। बात करें अजित पवार की तो देवगिरि बंगले का पानी का बिल 438859 है। सीएम, डीसीएम समेत महाराष्ट्र सरकार के सभी मंत्रियों के सरकारी बंगले का पानी का कुल बिल 95 लाख रुपये है। ये सभी बकाया दो सालों से है लेकिन फिर भी मुंबई महानगर पालिका ने इन लाखों रुपयों की वसूली नहीं की है। आरटीआई कार्यकर्ता शकील अहमद शेख ने एक आरटीआई (RTI Act Information) आवेदन में यह विवरण मांगा था। इसमें मुख्यमंत्री (CM Eknath Shinde) ही नहीं, उपमुख्यमंत्री, सुधीर मुनगंटीवार, राधाकृष्ण विखे पाटील, विजयकुमार गावित, गिरीश महाजन, गुलाबराव पाटिल, दीपक केसरकर, उदय सामंत का भी सरकारी बंगला शामिल है। ये सभी लोग पानी का बिल नहीं भर रहे है ऐसे में ये लोग जनता को क्या सीख देंगे?
बीएमसी पर भी उठ रहे है सवाल, पानी के बिल को लेकर क्यों नहीं किया कार्यवाई
महाराष्ट्र सरकार जब भी किसी State Guest को निमंत्रित करती है तो उसे सह्याद्रि गेस्ट हाउस में रुकाती है। इसके अलावा सह्याद्रि गेस्ट हाउस में सरकार कई मीटिंग और अन्य कांफ्रेंस करती है। यहां भी पानी का बिल बकाया है। सभी की तुलना करें तो सह्याद्रि गेस्ट हाउस में पिछले 3 सालों से पानी का बिल नहीं भरा गया है जबकि यहां का बिल 35 लाख हो गया है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल कि अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए नेता क्यों बिल नहीं भरते और सवाल बीएमसी पर भी कि इन मंत्रियों से पानी का बिल कब वसूला जायेगा। बहरहाल, इस रवैये से पता चलता है कि सिस्टम और ओहदा देखकर क्या कार्रवाई की जाती है। और सवाल ये भी कि आम लोगों के लिए एक न्याय और नेताओं के लिए दूसरा ऐसा क्यों?
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