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Maha Kumbh – पीने और नहाने लायक हो गंगा का पानी, NGT का आदेश

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Maha-Kumbh-Mela
 
कुंभ के दौरान गंगा और यमुना के पानी की शुद्धता को बरकरार रखने के साथ ही पानी को पीने और नहाने योग्य बनाने के लिए एक याचिका पर सुनवाई करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी (National Green Tribunal) ने एक आदेश जारी किया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल कोर्ट की तरफ से हुई सुनवाई में कोर्ट ने 8 बिंदुओं पर कहा कि कुंभ के दौरान गंगा और यमुना का पानी साफ सुथरा पीने और नहाने योग्य होना चाहिए। इसके लिए जो बिंदु निर्धारित किए गए हैं। उस पर सरकार को तत्काल एक्शन लेने और कुंभ के दौरान इसका पालन करने का आदेश भी कोर्ट ने दिया है।

प्रयागराज में 12 जनवरी से 26 फरवरी तक यह महाकुंभ चलेगा

एनजीटी (NGT) चेयरपर्सन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और एक्सपर्ट मेंबर ए सैंथिलवेल की अदालत कुंभ के दौरान गंगा और यमुना की स्थिति पर सुनवाई करते हुए अपना आदेश जारी किया है। उन्होंने बताया कि इस बारे में कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर 8 पॉइंट पर अपना आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 12 जनवरी से 26 फरवरी तक यह महाकुंभ चलेगा। 6 विशेष शाही स्नान पड़ रहे हैं। इसलिए अगर कोई भी तीर्थ यात्री यहां पहुंचे तो उसका स्वास्थ्य किसी तरह से प्रभावित न हो यह आदेश कोर्ट ने सरकार को दिया है। यहां जीरो डिस्चार्ज होना चाहिए, कहीं से भी कहीं भी गंगा और यमुना में सीधे सीवर डिस्चार्ज नहीं होना चाहिए।

गंगा और यमुना का पानी बिलकुल गंदा नहीं हो – एनजीटी

यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को ऑर्डर दिया गया है, कि कम से कम हफ्ते में दो बार आप सैंपल अलग-अलग जगह से वाटर कलेक्शन करेंगे और डुप्लीकेसी को अवॉइड करेंगे। सैम्पलिंग के लिए कहा गया, कि की जो अलग-अलग पॉइंट है उनको बढ़ाते रहेंगे। साथ ही साथ पाक्षिक रिपोर्ट एनजीटी को भी भेजनी होगी। रिपोर्ट पर एनजीटी यह निर्धारित करेगा, कि महाकुंभ के दौरान गंगा की स्थिति क्या है, ताकि एनालिसिस करके यह देखा जा सके की गंगा जल की शुद्धता की स्थिति क्या है? अगर जरा सा भी एनजीटी को लगेगा की स्थिति सही नहीं है, तो वह अपने स्तर पर इस पर कार्रवाई और एक्शन लेगा।