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July 5, 2025

LDA ने जारी किए 15 इमारतों को नोटिस, एयरपोर्ट के पास नहीं रहेंगीं ऊंची इमारतें 

Lucknow LDA Action On Buildings: लखनऊ एयरपोर्ट के पास बनी ऊंची इमारतों पर अब गिरी गाज! एयरपोर्ट और रनवे के पास ऊंची इमारतें हवाई जहाज के उड़ान भरने या उतरने के समय खतरा बन सकती हैं। इसीलिए सुरक्षा के लिए सभी कंस्ट्रक्शंस की ऊपरी मंजिलें तोड़ी जाएंगी।

15 इमारतें चिन्हित, हवाई सुरक्षा में बाधा

Lucknow LDA action on buildings: लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के आसपास बनी ऊंची इमारतें अब सुरक्षा के लिहाज़ से खतरा बन गई हैं। हवाई यातायात में बाधा बन रहीं इन इमारतों की ऊपरी मंजिलें अब तोड़ी जाएंगी। LDA, जिला प्रशासन और एयरपोर्ट प्रबंधन ने संयुक्त सर्वेक्षण के बाद बड़ा निर्णय लिया है। एयरपोर्ट के 100 मीटर के दायरे को ‘No Cunstruction Zone’ घोषित किया गया है, जिसमें 101 से 200 मीटर तक एक मंजिल और 201 से 300 मीटर तक दो मंजिल तक ही निर्माण किया जा सकता है, लेकिन अधिकतम 11 मीटर ऊंचाई तक ही निर्माण की अनुमति मिल सकती है। उसके बाद भी अमौसी एयरपोर्ट के पास दर्जनों इमारतें हवाई सुरक्षा के लिए खतरा बनी हुई हैं।
हवाई अड्डे के नजदीक कुल 15 ऐसी इमारतों को चिन्हित किया गया है, जिनकी ऊंचाई निर्धारित सीमा से अधिक है। ये सभी इमारतें DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) के मानकों का उल्लंघन करती हैं। इन इमारतों की ऊपरी मंजिलें अब जल्द ही ध्वस्त की जाएंगी।

क्या कहता है एयरपोर्ट के पास निर्माण का नियम

एयरपोर्ट के 100 मीटर के भीतर किसी भी तरह के निर्माण पर पूरी तरह रोक है।
101-200 मीटर में सिर्फ एक मंजिल,
201-300 मीटर में अधिकतम दो मंजिल,
साथ ही कुल ऊंचाई 11 मीटर से अधिक नहीं हो सकती। इन नियमों की अनदेखी कर कई बिल्डरों ने ऊंची इमारतें बना डालीं, जो अब उड़ानों के लिए खतरा बन चुकी हैं।

पहले भी हुई थी जांच, लेकिन कार्रवाई नहीं

पहले एक तीन सदस्यीय समिति ने इन इमारतों का सर्वेक्षण कर LDA और प्रशासन को रिपोर्ट सौंपी थी। तब इमारतों को नोटिस जरूर दिए गए थे, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अब अहमदाबाद में हाल ही में हुई विमान दुर्घटना के बाद प्रशासन फिर सतर्क हुआ है। LDA और प्रशासन का कहना है कि इस बार कार्रवाई हर हाल में होगी। जो भी इमारत DGCA के मानकों का उल्लंघन करती मिली है, उसे तय समय सीमा के भीतर दुरुस्त करना होगा, नहीं तो अवैध हिस्से को प्रशासन खुद गिरा देगा। हवाई अड्डा प्रबंधन ने स्पष्ट कहा है कि हवाई यातायात में किसी भी प्रकार की रुकावट या खतरे को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यात्रियों की सुरक्षा के लिए तय दिशा-निर्देशों का पालन करना सभी के लिए अनिवार्य है।

जल्द शुरू होगी तोड़फोड़ की कार्रवाई

प्रशासन अब उन 15 इमारतों की ऊपरी मंजिलों को तोड़ने की तैयारी में है। इसके लिए नोटिस जारी किए जा चुके हैं और प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। जो भवन मालिक स्वयं कार्रवाई नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे।

अहमदाबाद विमान हादसे के बाद एयरपोर्ट के पास निर्माण पर नज़र

12 जून को अहमदाबाद में एअर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन सिविल हॉस्पिटल के हॉस्टल की 4 बिल्डिंग से टकराया था, जिनमें रेजिडेंट डॉक्टर रहते थे। घटना के दौरान हॉस्टल में 50 से 60 इंटर्न डॉक्टर्स मौजूद थे। ज्यादातर मेस में लंच कर रहे थे। धमाके का असर इतना ज्यादा था कि अंदर मौजूद डॉक्टरों के शव भी टुकड़ों में बिखर गए। यह डॉक्टर्स हॉस्टल अहमदाबाद एयरपोर्ट की बाउंड्रीवॉल से लगकर बना हुआ था।
एयर इंडिया की उड़ान गुरुवार को टेकऑफ़ के तुरंत बाद अहमदाबाद में एक मेडिकल कॉलेज के परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें कम से कम 270 लोगों की मौत हो गई। 242 यात्रियों में से केवल एक यात्री बच गया। हॉस्टल के अंदर पांच मेडिकल छात्रों सहित ज़मीन पर कम से कम 29 अन्य लोगों की भी मौत हो गई।

डॉक्टर्स हॉस्टल के नुकसान ने आंखें खोलीं

दुर्घटना के तुरंत बाद छात्रावास के भोजन क्षेत्र की छवियों में विमान के कुछ हिस्सों और यात्रियों के सामान के टुकड़े फर्श पर बिखरे हुए दिखाई दिए। भोजन की प्लेटें जिनमें अभी भी भोजन था, कुछ धूल भरी मेज़ों पर पड़ी थी। इस दृश्य ने सभी के रोंगटे खड़े कर दिए थे। हॉस्टल बिल्कुल एयरपोर्ट की बाहरी दीवार से सटा हुआ था, जिसके चलते DGCA ने अब एयरपोर्ट्स के पास उंचे निर्माण पर सख्त कार्यवाही करने का निर्णय लिया है।

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